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कोडरमा: खरना के साथ ही छठ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू

सूर्य उपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय बृहस्पितवार को संपन्न हुआ. छत्र व्रत करने वालों ने प्रसाद तैयार कर पूजा की और फिर शुरू हो गया 26 घंटे का निर्जला व्रत.

छठ पूजा 2020, Chhath Puja 2020
छठ पूजा 2020
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Published : Nov 19, 2020, 9:38 PM IST

कोडरमा: सूर्य उपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुका हैं. आज छठ के दूसरे दिन खरना हैं और आज के दिन दूध और चावल का खीर और आटे का घी लगा हुआ रोटी प्रसाद के रूप में बनाने का विधान हैं. जिसे छठ व्रती महिलाएं पूरी विधि-विधान और सुद्धता के साथ बनाती हैं उसके बाद उस प्रसाद को सबसे पहले छठ मैया और सूर्य भगवान को अर्पित करती हैं और उसी प्रसाद को ग्रहण करने के बाद छठ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.

जानकारी देते संवाददाता भोला शंकर सिंह
खरना के दिन छठ व्रती महिलाएं मिट्टी और ईट के नए चूल्हे पर आम के लकड़ी से पीतल के बर्तन में गुड़ से बने खीर को पूरी सुद्धता के साथ तैयार की, जिसके बाद उस प्रसाद को छठी मैया और सूर्य भगवान को अर्पित कींं. फिर उस प्रसाद को छठ व्रती महिलाओं ने ग्रहण किया, साथ ही उस प्रसाद को आस-पदोस के लोगों को बांटा. छठ व्रती महिलाएं पूरी सुद्धता और विधि-विधान से इस पर्व को मनाती हैं.आज की विधि-विधान पूरा करने के बाद छठ व्रती महिलाएं शुक्रवार शाम को छठ घाटों पर पहुचेंगी और अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगी उसके बाद छठ व्रती महिलाएं शनिवार को अहले सुबह छठ घाटों पर पहुचेंगी और उदयमान भागवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य देने के बाद अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत को तोड़ेंगी. छठ पर्व को लेकर चारों ओर भक्तिमय महौल देखने को मिल रहा हैं और छठ गीतों की गूंज चारों तरफ सुनाई दे रही हैं.

कोडरमा: सूर्य उपासना का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुका हैं. आज छठ के दूसरे दिन खरना हैं और आज के दिन दूध और चावल का खीर और आटे का घी लगा हुआ रोटी प्रसाद के रूप में बनाने का विधान हैं. जिसे छठ व्रती महिलाएं पूरी विधि-विधान और सुद्धता के साथ बनाती हैं उसके बाद उस प्रसाद को सबसे पहले छठ मैया और सूर्य भगवान को अर्पित करती हैं और उसी प्रसाद को ग्रहण करने के बाद छठ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.

जानकारी देते संवाददाता भोला शंकर सिंह
खरना के दिन छठ व्रती महिलाएं मिट्टी और ईट के नए चूल्हे पर आम के लकड़ी से पीतल के बर्तन में गुड़ से बने खीर को पूरी सुद्धता के साथ तैयार की, जिसके बाद उस प्रसाद को छठी मैया और सूर्य भगवान को अर्पित कींं. फिर उस प्रसाद को छठ व्रती महिलाओं ने ग्रहण किया, साथ ही उस प्रसाद को आस-पदोस के लोगों को बांटा. छठ व्रती महिलाएं पूरी सुद्धता और विधि-विधान से इस पर्व को मनाती हैं.आज की विधि-विधान पूरा करने के बाद छठ व्रती महिलाएं शुक्रवार शाम को छठ घाटों पर पहुचेंगी और अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगी उसके बाद छठ व्रती महिलाएं शनिवार को अहले सुबह छठ घाटों पर पहुचेंगी और उदयमान भागवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य देने के बाद अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत को तोड़ेंगी. छठ पर्व को लेकर चारों ओर भक्तिमय महौल देखने को मिल रहा हैं और छठ गीतों की गूंज चारों तरफ सुनाई दे रही हैं.
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