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फिर से चालू हो माइका उद्योग- धरना देकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत ने उठाई मांग - पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय

कोडरमा में अभ्रक उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए अभ्रक उद्योग बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला मुख्यालय के समक्ष लोगों ने धरना दिया. जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने माइका उद्योग को फिर चालू करने की मांग उठाई.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत
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Published : Mar 16, 2021, 8:07 AM IST

Updated : Mar 16, 2021, 8:19 AM IST

कोडरमा: अभ्रक नगरी के नाम से मशहूर कोडरमा में अभ्रक उद्योग को पुनर्जीवित करने की मांग उठी है. इसके लिए अभ्रक उद्योग बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला मुख्यालय के पास ग्रामीणों ने धरना दिया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय मौजूद रहे.

देखें पूरी खबर
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पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि 30 साल पहले माइका उद्योग उद्योगपतियों का हुआ करता था. अब यह उद्योग एक हजार गांव के परिवारों का हो गया है, जो माइका चुनकर अपनी आजीविका चलाते हैं, उनके हक में कानून बने इसी को लेकर यह संघर्ष है. उन्होंने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि झारखंड बने 20 साल हो गए, जिसमें 18 वर्ष से ज्यादा भाजपाइयों का शासन रहा, बावजूद इसके इन लोगों ने इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि माइका उद्योग को सरकारीकरण करने के लिए यह मोर्चा कार्य कर रही है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा जाएगा और माइका उद्योग को पुनर्जीवित करने की मांग की जाएगी. जंगली क्षेत्र के ग्रामीण माइका चुनकर ही अपनी आजीविका चलाते हैं और यही इनके रोजगार का एकमात्र साधन है. हाल के दिनों में जिला प्रसाशन की सख्ती ने अभ्रक उद्योग से जुड़े कारोबारियों की कमर तोड़ दी है.

कोडरमा: अभ्रक नगरी के नाम से मशहूर कोडरमा में अभ्रक उद्योग को पुनर्जीवित करने की मांग उठी है. इसके लिए अभ्रक उद्योग बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला मुख्यालय के पास ग्रामीणों ने धरना दिया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय मौजूद रहे.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि 30 साल पहले माइका उद्योग उद्योगपतियों का हुआ करता था. अब यह उद्योग एक हजार गांव के परिवारों का हो गया है, जो माइका चुनकर अपनी आजीविका चलाते हैं, उनके हक में कानून बने इसी को लेकर यह संघर्ष है. उन्होंने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि झारखंड बने 20 साल हो गए, जिसमें 18 वर्ष से ज्यादा भाजपाइयों का शासन रहा, बावजूद इसके इन लोगों ने इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि माइका उद्योग को सरकारीकरण करने के लिए यह मोर्चा कार्य कर रही है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा जाएगा और माइका उद्योग को पुनर्जीवित करने की मांग की जाएगी. जंगली क्षेत्र के ग्रामीण माइका चुनकर ही अपनी आजीविका चलाते हैं और यही इनके रोजगार का एकमात्र साधन है. हाल के दिनों में जिला प्रसाशन की सख्ती ने अभ्रक उद्योग से जुड़े कारोबारियों की कमर तोड़ दी है.

Last Updated : Mar 16, 2021, 8:19 AM IST
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