कोडरमा: 'चिराग तले अंधेरा', यह मुहावरा इन दिनों कोडरमा जिले के लिए सटीक बैठ रहा है. जिले में पावर पलांट है, इस प्लांट के जरिए झारखंड के साथ ही नेशनल ग्रिड से जुड़े राज्यों को भी बिजली आपूर्ति होती है. लेकिन सभी को रौशन करने वाला कोडरमा अब खुद अंधेरे में है. वह भी तब जब पावर प्लांट से शहर को विशेष रूप से बिजली आपूर्ति के लिए करार भी किया गया है.
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कोडरमा में इन दिनों पावर कट और लोड शेडिंग से आम जनजीवन प्रभावित होने लगा है. अघोषित और अनियमित बिजली कटौती के कारण ना सिर्फ बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, बल्कि झुमरी तिलैया शहर में व्यवसाय भी प्रभावित होने लगा है. बिजली कटौती का ये हाल उसे जिले का है, जिस जिले में कोडरमा थर्मल पावर प्लांट से 1000 मेगावाट बिजली उत्पादित की जाती है. सुनने में यह बात थोड़ी हास्यास्पद जरूर लग रही है, लेकिन यह सच है कि झुमरी तिलैया शहर में महज 8 से 10 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो पा रही है, वह भी तब जब एक करार के तहत इस कोडरमा थर्मल पावर प्लांट से 25 मेगावाट अतिरिक्त बिजली सिर्फ झुमरी तिलैया शहर में सप्लाई के लिए प्लांट से आपूर्ति की जाती है.
बिजली कटौती से सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हुए बेकार: शहर में बिजली कटौती का हाल कुछ ऐसा है कि एसी, फ्रिज, टीवी, पंखे, कूलर सब बेकार साबित हो रहे हैं. शाम होते ही इनवर्टर भी जवाब देने लगता है. आम लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से शहर में यही समस्या है. झारखंड बिजली वितरण निगम से पूछने पर डीवीसी के द्वारा लोड शेडिंग का हवाला दिया जाता है और जब डीवीसी से बात की जाती है, तो मालूम चलता है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ही बिजली आपूर्ति का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है.
एक सर्किट होने के कारण दिक्कत: बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता सुब्रत बनर्जी का कहना है कि डीवीसी के पावर प्लांट से सीधे झुमरी तिलैया शहर के लिए 25 मेगावाट बिजली की सप्लाई की जाती है. यह सप्लाई एक सर्किट से हो रहा है, जिसके कारण यह दिक्कत आ रही है. जल्द ही एक और सर्किट बनकर तैयार हो जाएगा. तब लोगों की परेशानियां खत्म हो जाएगी.
डीवीसी और जेवीएनएल के बीच आम लोगों की मुसीबतों का फिलहाल तो कोई निपटारा नहीं दिख रहा है. बारिश नहीं होने के कारण पूरे जिले में उमस ज्यादा बढ़ गई है और लोगों का जीना मुहाल हो रहा है. लोग बिजली नहीं होने से भगवान भरोसे गर्मी खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.