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कोडरमा में बैकफुट पर सीएस, स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन कटौती के आदेश को लिया वापस

16 जनवरी को पूरे देश में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. कोडरमा में टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों की कम उपस्थिति को देखते हुए सिविल सर्जन ने पंजीकरण के बाद टीका नहीं लेने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था, जिसे वापस ले लिया गया है.

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समाहरणालय कोडरमा
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Published : Jan 19, 2021, 6:36 PM IST

कोडरमा: कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं लिए जाने पर स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन पर रोक लगाने के सरकारी आदेश को वापस ले लिया गया है. 16 जनवरी से शुरू किए गए कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों की कम उपस्थिति को देखते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर पार्वती नाग ने लिखित आदेश जारी करते हुए कहा था की जो भी स्वास्थ्यकर्मी पंजीकरण के बाद टीका नहीं लेंगे, उनके वेतन पर रोक लगा दिया जाएगा.

देखें पूरी खबर

सिविल सर्जन के आदेश के बाद स्वास्थ्यकर्मियों में हड़कंप मच गया था, लेकिन इस आदेश को खारिज करते हुए शुद्धि पत्र जारी कर दिया गया है. सिविल सर्जन डॉ पार्वती नाग ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि टीकाकरण अभियान के पहले और दूसरे दिन स्वास्थ्यकर्मियों की कम उपस्थिति को देखते हुए उन्हें मोटिवेट करने के लिए यह आदेश जारी गया गया था, लेकिन आदेश की खामियों का एहसास होने के बाद शुद्धि पत्र जारी करते हुए आदेश वापस ले लिया गया है.

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सीएस का आदेश

इसे भी पढे़ं: पलामू में गणतंत्र दिवस की तैयारी को लेकर हुई बैठक, झंडोत्तोलन का समय हुआ निर्धारित

सिविल सर्जन को गलती का हुआ एहसास

सिविल सर्जन ने कहा कि प्रतिदिन जिले में दो केंद्रों पर 100 - 100 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन का टीका देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन पहले 2 दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति कम रही, जिसके चिंता में उन्होंने यह आदेश निकाला था, लेकिन अब उन्हें यह एहसास हो रहा है कि इस आदेश में लिखी गई बातें सही और उचित नहीं है.

कोडरमा: कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं लिए जाने पर स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन पर रोक लगाने के सरकारी आदेश को वापस ले लिया गया है. 16 जनवरी से शुरू किए गए कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों की कम उपस्थिति को देखते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर पार्वती नाग ने लिखित आदेश जारी करते हुए कहा था की जो भी स्वास्थ्यकर्मी पंजीकरण के बाद टीका नहीं लेंगे, उनके वेतन पर रोक लगा दिया जाएगा.

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सिविल सर्जन के आदेश के बाद स्वास्थ्यकर्मियों में हड़कंप मच गया था, लेकिन इस आदेश को खारिज करते हुए शुद्धि पत्र जारी कर दिया गया है. सिविल सर्जन डॉ पार्वती नाग ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि टीकाकरण अभियान के पहले और दूसरे दिन स्वास्थ्यकर्मियों की कम उपस्थिति को देखते हुए उन्हें मोटिवेट करने के लिए यह आदेश जारी गया गया था, लेकिन आदेश की खामियों का एहसास होने के बाद शुद्धि पत्र जारी करते हुए आदेश वापस ले लिया गया है.

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सिविल सर्जन ने कहा कि प्रतिदिन जिले में दो केंद्रों पर 100 - 100 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन का टीका देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन पहले 2 दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति कम रही, जिसके चिंता में उन्होंने यह आदेश निकाला था, लेकिन अब उन्हें यह एहसास हो रहा है कि इस आदेश में लिखी गई बातें सही और उचित नहीं है.

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