कोडरमा: हड़ताल और अनशन पर बैठे अनुबंधित पारा स्वास्थ्यकर्मियों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 28 दिनों से कोडरमा में भी अनुबंधित पारा स्वास्थ्यकर्मी सदर अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे हैं और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. एकमात्र नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पारा स्वास्थ्यकर्मियों के आंदोलन को शांत कराने का प्रयास अब तक नहीं किया गया है, जिससे स्वास्थ्यकर्मी खासे नाराज हैं.
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महज 10 हजार में गुजारा मुश्किल: बता दें कि प्रतिदिन पिछले 28 दिनों से अनुबंधित पारा स्वास्थ्यकर्मी सदर अस्पताल में आकर धरनास्थल पर बैठ जाते हैं. अलग-अलग प्रखंडों से तकरीबन 200 एएनएम जीएनएम धरने में शामिल होकर आंदोलन को तेज करते नजर आ रहे हैं. धरनास्थल पर कुछ महिला स्वास्थ्यकर्मी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ भी पहुंच रही है. महिला स्वास्थकर्मियों की माने तो कोरोना काल में उनलोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मानवता दिखाई और मरीजों की सेवा की, लेकिन उससे विपरीत अब सरकार मानवता दिखाने से पीछे हट रही है. महज 10 हजार रुपए में अब गुजारा मुश्किल हो गया है, जिसके कारण अपनी बात मनवाने के लिए पारा स्वास्थ्यकर्मी अपने आंदोलन पर अड़े हैं.
सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी: आंदोलन कर रहे स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि हड़ताल के साथ-साथ कई लोग पूरे राज्यभर में अनशन पर भी बैठे हैं लेकिन, सरकार उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. आंदोलनरत पारा स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी और अगर ऐसा ही होता रहा तो वे लोग सामूहिक आत्मदाह भी कर सकते हैं. हालांकि, स्थानीय स्तर पर कुछ नेता और जनप्रतिनिधि हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मियों को समर्थन देते नजर जरूर आ रहे हैं.
पूर्व जिप अध्यक्ष ने किया स्वास्थ्यकर्मियों का समर्थन: हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों का हाल-चाल जानने पहुंची जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कहा की इनकी मांगों पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है और इन्हें ऐसे ही हड़ताल पर छोड़ देने से किसी समस्या का हल नहीं होगा. गौरतलब है कि पारा मेडिकलकर्मियों के हड़ताल पर जाने से पूरे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. पारा स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल पर रहने के कारण मरीजों को इन दिनों कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.