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कोडरमा: माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज बना सरकारी कोविड अस्पताल, CM हेमंत सोरेन करेंगे ऑनलाइन उद्घाटन - कोडरमा के सरकारी कोविड अस्पताल का हेमंत सोरेन करेंगे ऑनलाइन उद्घाटन

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर कोडरमा में स्थित माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया है. सीएम हेमंत सोरेन बुधवार को इसका ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे.

cm hemant soren will inaugurate government covid hospital online in koderma
सरकारी कोविड अस्पताल
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Published : May 5, 2021, 9:54 AM IST

कोडरमा: जिला प्रशासन की ओर से कोविड के नियंत्रण व बचाव के लिए दिन रात कार्य किया जा रहा है. चाहे अतिरिक्त नए बेड की व्यवस्था हो या ऑक्सीजन की. इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन कोडरमा ने राहत व बचाव के क्रम में अब कोडरमा स्थित माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है. इसके साथ ही डीसी एचसी डोमचांच को भी पूरी तरह यहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- कोडरमा: डीसी ने किया कोविड अस्पताल का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए कई निर्देश



140 बेड की व्यवस्था
सरकारी कोविड अस्पताल में 110 बेड पूरी तरह ऑक्सीजन युक्त रहेंगे. इसके साथ-साथ 140 अन्य बेड बगैर ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों के लिए रहेंगे. जरूरत के अनुसार इन बेडों की संख्या भविष्य में बढ़ाई जा सकती है.

आईसीयू बेड की व्यवस्था
गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का ऑब्जर्वेशन कर गहन देखभाल की जाती है. इसके लिए सरकारी कोविड अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था रहेगी. वेंटिलेटर और अन्य आधुनिक तकनीकी की सहायता से यहां इलाज किया जाएगा.

सरकारी कोविड अस्पताल में होगा विलय
पिछले 1 साल से डोमचांच के डीसीएच का संचालन कोविड मरीजों के लिए किया जा रहा है. बीच में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी होने के कारण इसे कुछ दिनों के लिए बंद किया गया था. बाद में दोबारा इसका संचालन प्रारंभ कर दिया गया है. डोमचांच का कोविड सेंटर कोडरमा शहर से तकरीबन 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सीमित चिकित्साकर्मी और संसाधन के कारण इसकी मॉनिटरिंग करने में थोड़ी कठिनाई हो रही थी.

कोडरमा में ही एक जगह केंद्रीकृत रूप से अस्पताल बनाने से चिकित्सकों की कमी को कुछ हद तक भरपाई की जा सकती है. सदर अस्पताल और सरकारी कोविड अस्पताल के मरीजों का इलाज अब एक ही जगह डॉक्टर होने के कारण आसानी से कर पाएंगे. गंभीर मरीजों को सदर अस्पताल से सरकारी कोविड अस्पताल में शिफ्ट करना भी आसान हो जाएगा और समय और संसाधन की भी बचत होगी.


चिकित्साकर्मी और पैरा मेडिकलकर्मी की व्यवस्था
माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज का कैंपस कई एकड़ में फैला हुआ है. जिस नवनिर्मित 4 मंजिला भवन को कोविड अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है. वहां कुल 102 कमरे, 02 बड़े हॉल और 01 बड़े हॉल के साथ संलग्न मेस भी है लेकिन प्रस्तावित बेड के अनुसार ही जगहों का उपयोग किया जा रहा है. चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ और सरकारी कर्मियों के लिए ड्यूटी के अनुसार यहां रहने की भी व्यवस्था रहेगी. यहां सभी कर्मी 24 घंटे रहकर कार्य कर सकेंगे. बड़ा परिसर होने के कारण यहां अनेक बिल्डिंग हैं. आमजनों को हॉस्पिटल भवन खोजने में दिक्कत ना हो इसलिए प्रवेश द्वार से ही हॉस्पिटल तक पहुंचने के लिए जगह-जगह रास्ते में तीर निशान के साथ-साथ साइनेज लगाए गए हैं.

हेल्प डेस्क की व्यवस्था
कोविड हॉस्पिटल के बाहर आगंतुकों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है. बाहर से आने वाले यहां ड्यूटी पर तैनात कर्मी से मरीज की हालत, खाली बेड की उपलब्धता और अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं. यह सहायता केंद्र चौबीसों घंटे कार्यशील रहेगा. अस्पताल के कुशल प्रबंधन और संचालन के लिए उप विकास आयुक्त आर रोनिटा को वरीय नोडल पदाधिकारी और डॉक्टर शरद को उनके सहायतार्थ नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.

बढ़ायी जाएगी डॉक्टरों की संख्या
हॉस्पिटल एक जगह रहने से एकीकृत व्यवस्था रहेगी. सभी चिकित्सक भी एक ही जगह उपलब्ध रहेंगे. इससे चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त रहेगी और जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या और भी बढ़ायी जाएगी. सदर हॉस्पिटल में भी 20 ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड की शुरुआत की जाएगी.

कोडरमा: जिला प्रशासन की ओर से कोविड के नियंत्रण व बचाव के लिए दिन रात कार्य किया जा रहा है. चाहे अतिरिक्त नए बेड की व्यवस्था हो या ऑक्सीजन की. इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन कोडरमा ने राहत व बचाव के क्रम में अब कोडरमा स्थित माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है. इसके साथ ही डीसी एचसी डोमचांच को भी पूरी तरह यहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- कोडरमा: डीसी ने किया कोविड अस्पताल का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए कई निर्देश



140 बेड की व्यवस्था
सरकारी कोविड अस्पताल में 110 बेड पूरी तरह ऑक्सीजन युक्त रहेंगे. इसके साथ-साथ 140 अन्य बेड बगैर ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों के लिए रहेंगे. जरूरत के अनुसार इन बेडों की संख्या भविष्य में बढ़ाई जा सकती है.

आईसीयू बेड की व्यवस्था
गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का ऑब्जर्वेशन कर गहन देखभाल की जाती है. इसके लिए सरकारी कोविड अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था रहेगी. वेंटिलेटर और अन्य आधुनिक तकनीकी की सहायता से यहां इलाज किया जाएगा.

सरकारी कोविड अस्पताल में होगा विलय
पिछले 1 साल से डोमचांच के डीसीएच का संचालन कोविड मरीजों के लिए किया जा रहा है. बीच में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी होने के कारण इसे कुछ दिनों के लिए बंद किया गया था. बाद में दोबारा इसका संचालन प्रारंभ कर दिया गया है. डोमचांच का कोविड सेंटर कोडरमा शहर से तकरीबन 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सीमित चिकित्साकर्मी और संसाधन के कारण इसकी मॉनिटरिंग करने में थोड़ी कठिनाई हो रही थी.

कोडरमा में ही एक जगह केंद्रीकृत रूप से अस्पताल बनाने से चिकित्सकों की कमी को कुछ हद तक भरपाई की जा सकती है. सदर अस्पताल और सरकारी कोविड अस्पताल के मरीजों का इलाज अब एक ही जगह डॉक्टर होने के कारण आसानी से कर पाएंगे. गंभीर मरीजों को सदर अस्पताल से सरकारी कोविड अस्पताल में शिफ्ट करना भी आसान हो जाएगा और समय और संसाधन की भी बचत होगी.


चिकित्साकर्मी और पैरा मेडिकलकर्मी की व्यवस्था
माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज का कैंपस कई एकड़ में फैला हुआ है. जिस नवनिर्मित 4 मंजिला भवन को कोविड अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है. वहां कुल 102 कमरे, 02 बड़े हॉल और 01 बड़े हॉल के साथ संलग्न मेस भी है लेकिन प्रस्तावित बेड के अनुसार ही जगहों का उपयोग किया जा रहा है. चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ और सरकारी कर्मियों के लिए ड्यूटी के अनुसार यहां रहने की भी व्यवस्था रहेगी. यहां सभी कर्मी 24 घंटे रहकर कार्य कर सकेंगे. बड़ा परिसर होने के कारण यहां अनेक बिल्डिंग हैं. आमजनों को हॉस्पिटल भवन खोजने में दिक्कत ना हो इसलिए प्रवेश द्वार से ही हॉस्पिटल तक पहुंचने के लिए जगह-जगह रास्ते में तीर निशान के साथ-साथ साइनेज लगाए गए हैं.

हेल्प डेस्क की व्यवस्था
कोविड हॉस्पिटल के बाहर आगंतुकों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है. बाहर से आने वाले यहां ड्यूटी पर तैनात कर्मी से मरीज की हालत, खाली बेड की उपलब्धता और अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं. यह सहायता केंद्र चौबीसों घंटे कार्यशील रहेगा. अस्पताल के कुशल प्रबंधन और संचालन के लिए उप विकास आयुक्त आर रोनिटा को वरीय नोडल पदाधिकारी और डॉक्टर शरद को उनके सहायतार्थ नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.

बढ़ायी जाएगी डॉक्टरों की संख्या
हॉस्पिटल एक जगह रहने से एकीकृत व्यवस्था रहेगी. सभी चिकित्सक भी एक ही जगह उपलब्ध रहेंगे. इससे चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त रहेगी और जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या और भी बढ़ायी जाएगी. सदर हॉस्पिटल में भी 20 ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड की शुरुआत की जाएगी.

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