कोडरमा: पूरे भारत को बाल विवाह मुक्त बनाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा (Campaign for prevention of child marriage) है. कोडरमा में भी अभियान को लेकर सैकड़ों बच्चियां ने हाथों में कैंडल लेकर कस्तूरबा विद्यालय से कोडरमा के गांधी चौक तक रैली निकाली और बाल विवाह मुक्त भारत अभियान (Child Marriage Free India Campaign in Koderma) को लेकर नारे भी लगाए. इस मुहिम में शामिल बच्चियों ने लोगों से इस कुरीती को खत्म करने में सहयोग की अपील की.
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बाल विवाह को लेकर जागरुकता अभियानः इस अभियान को लेकर कोडरमा स्थित कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. जहां बतौर मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री और कोडरमा विधायक डॉ. नीरा यादव शामिल हुई. नीरा यादव ने कहा कि बाल विवाह एक ऐसी कुरीति है जिसे जड़ से मिटाने के लिए हम सब को एकजुट होना होगा. समाज से बाल विवाह जैसी कुरीति को मिटाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा. इस मौके पर नीरा यादव ने बाल विवाह के लिए कई कारणों को जिम्मेदार बताया. कार्यक्रम में सैकड़ों स्कूली बच्चियां शामिल हुई, इसके अलावा कोडरमा जिले के 300 बालमित्र गांवों में भी यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां इस अभियान से जुड़कर बच्चियों ने पूरे देश को बाल विवाह से मुक्त बनाने की शपथ भी ली.
परेशानियों से ना डरें: बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की ब्रांड एंबेस्डर राधा पांडेय ने कहा कि जिस तरह से उसे अपने बाल विवाह को रोकने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. उसी तरह दूसरी बच्चियों को भी बाल विवाह के दलदल में फंसने से रोकने के लिए उन्हें कई बार धमकियां भी दी गई है. इसके बावजूद भी वह इस अभियान को अपने लक्ष्य तक ले जाने में लगातार जुटी हुई है.
इस मुहिम में बच्चियां खुद शामिल हो रही: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस अभियान की शुरुआत की है और पूरे भारत को इस कुरीति से मुक्त हो जाने तक अभियान जारी रखने की बात कही है. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के मैनेजर गोविंद खनाल ने बताया कि अपने ऊपर जुल्म और शोषण के खिलाफ बच्चियां खुद आगे आ रही हैं और अपनी आवाज बुलंद कर रही है. जिस तरह से इस मुहिम में बच्चियां शामिल हो रही है, आने वाला समय सुखद होगा. बाल विवाह एक अभिशाप है. बाल विवाह से ना सिर्फ बच्चियों का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है बल्कि उनके बढ़ते कदम भी रुक जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस अभिशाप को जड़ से मिटाने के लिए हम सब एकजुट हो और इस अभियान का हिस्सा बनें.