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कोडरमा में शिवरात्रि की धूम, 777 सीढ़ियां चढ़कर भक्त भोले बाबा का कर रहे हैं जलाभिषेक - koderma

ध्वजाधारी धाम पर शिवभक्तों का तांता लगा हैं. यहां बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पूरी आस्था और भक्ति के साथ अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए पहुंचते हैं.

जानकारी देते भोला नाथ
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Published : Mar 4, 2019, 4:56 PM IST

कोडरमा: आज पूरे देश भर में शिवरात्रि की धूम देखी जा रही हैं. जिले के ध्वजाधारी धाम में सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लगी हुई है. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती हैं. शिवभक्त यहां 777 सीढ़ियां चढ़कर बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं.

जानकारी देते भोला नाथ

मान्यता के अनुसार द्वापर युग में ब्रह्मा के पुत्र कर्दम ऋषि ने इसी ध्वजाधारी धाम पर भगवान शिव की आराधना की थी. जिसके बाद भगवान शिव कर्दम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ध्वजा और त्रिशूल भेंट किया था. जिसके बाद इस स्थान का नाम ध्वजाधारी धाम पड़ गया. ऐसी मान्यता हैं कि यहां आने वाले हर भक्त की कामना पूरी होती हैं.

शिवरात्रि हो या सावन की हर वक्त इस ध्वजाधारी धाम पर शिवभक्तों का तांता लगा रहता हैं. यहां बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पूरी आस्था और भक्ति के साथ अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए पहुंचते हैं.

कोडरमा: आज पूरे देश भर में शिवरात्रि की धूम देखी जा रही हैं. जिले के ध्वजाधारी धाम में सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लगी हुई है. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती हैं. शिवभक्त यहां 777 सीढ़ियां चढ़कर बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं.

जानकारी देते भोला नाथ

मान्यता के अनुसार द्वापर युग में ब्रह्मा के पुत्र कर्दम ऋषि ने इसी ध्वजाधारी धाम पर भगवान शिव की आराधना की थी. जिसके बाद भगवान शिव कर्दम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ध्वजा और त्रिशूल भेंट किया था. जिसके बाद इस स्थान का नाम ध्वजाधारी धाम पड़ गया. ऐसी मान्यता हैं कि यहां आने वाले हर भक्त की कामना पूरी होती हैं.

शिवरात्रि हो या सावन की हर वक्त इस ध्वजाधारी धाम पर शिवभक्तों का तांता लगा रहता हैं. यहां बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पूरी आस्था और भक्ति के साथ अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए पहुंचते हैं.

Intro:आज पूरे देश भर में शिवरात्री की धूम देखी जा रही हैं और आज के दिन हर शिवालय में शिव भक्तों का तांता लगा हुआ हैं ।पर कोडरमा के ध्वजाधारी धाम की बात ही निराली हैं ,यहाँ आज के दिन शिवभक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा हैं और ऐसी मान्यता हैं कि यहाँ आने वाले हर शिव भक्तों की हर मुराद पूरी होती हैं ।यहाँ आने वाले शिव भक्त 777 सीढिया चहड़कर बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं और बाबा भोले से अपने मनोकामना की आराधना करते हैं ।


Body:पुरानी मान्यता के अनुसार द्वापर युग में ब्रम्हा के पुत्र क़द्रम ऋषि ने इसी ध्वजाधारी धाम पर भगवान शिव की आराधना की थी जिसके बाद भगवान शिव क़द्रम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी जिसके बाद इस स्थान का नाम ध्वजाधारी धाम पड़ गया और इस धाम की महत्ता बढ़ती गयी और ऐसी मान्यता हैं कि यहाँ आने वाले हर शिव भक्तों की कामना पूरी होती हैं ।


Conclusion:शिवरात्री हो या सावन की सोमवारी हर वक्त इस ध्वजाधारी धाम पर शिवभक्तों का तांता लगा हुआ रहता हैं ।यहां बिहार-झारखंड और बंगाल से हज़ारों की संख्या में शिव भक्त पूरी आस्था और भक्ति के साथ अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए पहुँचते हैं और 777 सीढियां चहड़कर बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं और बाबा भोले से अपने मनोकामना की पूर्ति होने की कामना करते हैं ।
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