ETV Bharat / state

कोडरमा में 100% रहा है बाबूलाल मरांडी का रिकॉर्ड, जानिए उनकी पूरी शख्सियत

बाबूलाल मरांडी महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में इस बार कोडरमा से चुनावी मैदान में हैं. 2009 में कोडरमा सीट से बतौर जेवीएम उम्मीदवार लड़े और जीत हासिल की. 2014 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2014 विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार मिली.

बाबूलाल मरांडी
author img

By

Published : May 6, 2019, 12:01 AM IST

रांची/हैदराबादः बाबूलाल मरांडी महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में इस बार कोडरमा से चुनावी मैदान में हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी कोडरमा की जनता उनका साथ देगी और उनका रिकॉर्ड कायम रहेगा.

देखिए पूरी रिपोर्ट

गिरिडीह कॉलेज से ग्रेजुएशन
बाबूलाल मरांडी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जनवरी 1958 को गिरिडीह में हुआ था. गिरिडीह कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उन्होंने एक साल तक प्राथमिक शिक्षक के रूप में काम किया. इसके बाद वो आरएसएस से जुड़े.

1991 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए
साल 1983 में उन्हें संताल परगना के विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री की जिम्मेदारी मिली. साल 1991 में वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव 1991 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन वो हार गए. 1996 लोकसभा चुनाव में वो फिर दुमका सीट से उम्मीदवार बने. इसबार वो महज 5 हजार वोट से दोबारा हारे.

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री
साल 1996 में बीजेपी ने उन्हें वनांचल क्षेत्र का अध्यक्ष बनाया. इसके बाद साल 1998 में उन्होंने दुमका सीट पर जीत दर्ज की. 1999 में वो फिर जीतकर सांसद बने. अटल सरकार में वो वन पर्यावरण राज्यमंत्री बने. साल 2000 में वो झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने.

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
2003 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. 2004 में वो कोडरमा सीट से चुनाव लड़े और जीते. 2006 में बीजेपी छोड़कर नई पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया. 2006 में कोडरमा सीट पर हुए उपचुनाव वो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े और जीत हासिल की.

ये भी पढ़ें- झारखंड में दूसरे चरण के चुनाव के लिए तैयार है पुलिस प्रशासन, 41 हजार जवान रखेंगे पैनी नजर

2009 में कोडरमा सीट से लड़े
2009 में कोडरमा सीट से बतौर जेवीएम उम्मीदवार लड़े और जीत हासिल की. 2014 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2014 विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार मिली.

रांची/हैदराबादः बाबूलाल मरांडी महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में इस बार कोडरमा से चुनावी मैदान में हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी कोडरमा की जनता उनका साथ देगी और उनका रिकॉर्ड कायम रहेगा.

देखिए पूरी रिपोर्ट

गिरिडीह कॉलेज से ग्रेजुएशन
बाबूलाल मरांडी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जनवरी 1958 को गिरिडीह में हुआ था. गिरिडीह कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उन्होंने एक साल तक प्राथमिक शिक्षक के रूप में काम किया. इसके बाद वो आरएसएस से जुड़े.

1991 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए
साल 1983 में उन्हें संताल परगना के विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री की जिम्मेदारी मिली. साल 1991 में वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव 1991 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन वो हार गए. 1996 लोकसभा चुनाव में वो फिर दुमका सीट से उम्मीदवार बने. इसबार वो महज 5 हजार वोट से दोबारा हारे.

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री
साल 1996 में बीजेपी ने उन्हें वनांचल क्षेत्र का अध्यक्ष बनाया. इसके बाद साल 1998 में उन्होंने दुमका सीट पर जीत दर्ज की. 1999 में वो फिर जीतकर सांसद बने. अटल सरकार में वो वन पर्यावरण राज्यमंत्री बने. साल 2000 में वो झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने.

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
2003 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. 2004 में वो कोडरमा सीट से चुनाव लड़े और जीते. 2006 में बीजेपी छोड़कर नई पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया. 2006 में कोडरमा सीट पर हुए उपचुनाव वो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े और जीत हासिल की.

ये भी पढ़ें- झारखंड में दूसरे चरण के चुनाव के लिए तैयार है पुलिस प्रशासन, 41 हजार जवान रखेंगे पैनी नजर

2009 में कोडरमा सीट से लड़े
2009 में कोडरमा सीट से बतौर जेवीएम उम्मीदवार लड़े और जीत हासिल की. 2014 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2014 विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार मिली.

Intro:Body:

fsfs


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.