खूंटीः जिले के गुटजोरा पंचायत के कनाडीह और डुगडुगिया गांव में राशन वितरण को लेकर उत्पन्न विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. राशनडीलर आंगनबाड़ी इंदिरा महिला समिति की मनमानी से दोनों गांव के 300 से ज्यादा लाल पीला कार्डधारी परेशान हैं. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कार्ड धारकों को राशन कम देकर लाभुकों को चुप रहने की धमकी दी जाती है. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने उपायुक्त शशि रंजन को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने कार्रवाई की मांग की है.
लॉकडाउन में भी नहीं मिला राशन
महिला समिति संचालित राशन डीलर की मनमानी का विरोध करने पर राशन कार्ड से नाम काट दिया जाता है और महिला समिति राशन देना बंद कर देती है. लॉकडाउन के दौरान लाभुकों को राशन भी नहीं दिया गया है और उनके कार्ड में राशन की आपूर्ति का रिकॉर्ड अंकित कर दिया गया है. ऐसा एक नहीं कई मामले हैं. गांव में जो सबसे गरीब हैं, जिनके घर में काम के अभाव में चूल्हे नहीं जलते हैं, उन परिवारों का राशन भी महिला समिति डीलर ने देना जरूरी नहीं समझा. चावल, गेंहू, कैरोसिन तेल के वितरण से पहले ही राशन कार्ड में एंट्री कर दी.
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दर्ज राशन के मुताबिक राशन की आपूर्ति नहीं
गुटजोरा पंचायत के कनाडीह और डुगडुगिया गांव के लगभग 300 से अधिक लाभुकों की शिकायत है कि उन्हें कार्ड में दर्ज राशन के मुताबिक राशन की आपूर्ति नहीं की जाती है. ग्रामसभा में भी कई बार राशन के अल्प वितरण और गलत एंट्री के मामले की शिकायत को लेकर बैठक की गई, लेकिन मामला सुलझने की बजाय अनसुलझा ही रह गया, जहां 35 किलोग्राम राशन देना था, वहां सिर्फ 5 या 10 किलो राशन ही दिया जाता है. कई ग्रामीणों की शिकायत यह भी है कि राशन वितरण सूची में उनका नाम काट दिया गया है.
उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
लगातार राशन वितरण में हो रही गड़बड़ी से ग्रामीणों में पनपा असंतोष अब समाहरणालय तक पहुंच गया. ग्रामीणों ने एक लिखित ज्ञापन उपायुक्त शशि रंजन को सौंपा है. उपायुक्त ने ग्रामीणों को मामले पर उचित कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया है. इसी क्रम में उपायुक्त ने मामले की जांच के लिए आपूर्ति पदाधिकारी को कनाडीह और डुगडुगिया गांव जाकर मामले की पड़ताल करने का निर्देश दिया. वहीं, मौके पर ग्रामीणों ने लगातार राशन वितरण में हो रही गड़बड़ी और गलत एंट्री का सबूत भी दिखाया. ग्रामीण लगातार राशन वितरण अनियमितता मामले में आंगनबाड़ी महिला समिति की डीलरशिप को रद्द कराने की मांग पर अड़े हुए हैं.