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गिरिडीह के इन धार्मिक स्थलों का दर्शन कर नए साल का करें स्वागत, सालों भर मिलेगा आनंद - RELIGIOUS PLACES VISIT ON NEW YEAR

नववर्ष में हम प्रवेश कर चुके हैं. ऐसे में लोग उमंग में हैं. लोग अपने इष्ट देवता की भी आराधना कर रहे हैं.

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गिरिडीह जिले में स्थित मंदिर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 1, 2025, 8:58 AM IST

गिरिडीह: नववर्ष का स्वागत लोग अपने अपने अंदाज में कर रहे हैं. कई लोग पिकनिक जा रहे हैं तो कई अपने इष्ट देवता को नमन कर रहे हैं. वहीं, बड़ा तबका आज के दिन मंदिर अवश्य जाता है. गिरिडीह में भी कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जहां लोग जाना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.

झारखंडधाम: गिरिडीह जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, भोलेनाथ का यह मंदिर. यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. ऐसी मान्यता है कि महाभारत के समय इसी स्थान पर भगवान शिव ने अर्जुन को पशुपात अस्त्र दिया था. यहां आज के दिन भारी भीड़ उमड़ती है.

हरिहरधाम: दिल्ली - कोलकाता नेशनल हाइवे (जीटी रोड) के ठीक बगल में अवस्थित इस 65 फीट उंचे आकारा का शिवलिंग को दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग कहा जाता है. इस मंदिर के प्रति भी लोगों की गहरी आस्था है.

Welcome new year 2025 by visiting these religious places of Giridih
हनुमान मंदिर (ETV BHARAT)

राजदाहधाम: जिले के सरिया प्रखंड में अवस्थित राजदाहधाम रमणिक है. उत्तरवाहिनी बराकर नदी के तट पर अवस्थित इस स्थल पर भगवान भोले, माता पार्वती, सूर्यदेव, जगन्नाथ भगवान समेत कई देवी देवताओं का मंदिर है. भगवान शिव की आराधना करने यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. वैसे यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है. यहीं कारण है कि नववर्ष पर लोग यहां अवश्य आना चाहते हैं.

दुखिया महादेव: दुखहरणनाथ धाम उसरी नदी के तट पर अवस्थित है. यहां उसरी नदी उत्तरवाहिनी बहती है. गिरिडीह शहर से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित इस मंदिर के प्रति लोगों में काफी आस्था है. इसे दुखिया महादेव भी कहा जाता है.

शिखरजी: पारसनाथ पहाड़ पर शिखरजी मंदिर है. इस मंदिर के प्रति जैन धर्म की गहरी आस्था है. यह जैन धर्म के लोगों के सबसे पूजनीय स्थलों में से एक है. इसे लोग सम्मेद शिखर भी कहते हैं. नववर्ष पर हजारों लोग यहां पहुंचते हैं.

Welcome new year 2025 by visiting these religious places of Giridih
पारसनाथ (ETV BHARAT)

भोमियाजी महाराज: नववर्ष के मौके पर लोग मधुबन में अवस्थित भोमियाजी महाराज का दर्शन अवश्य करना चाहते हैं. तीर्थरक्षक अधिष्ठायक देव भोमिया जी का दर्शन करने के बाद ही सैकड़ों लोग नववर्ष की शुरुआत करते हैं.

जलीय सूर्य मंदिर: जमुआ - देवघर पथ पर मिर्जागंज में तालाब के बीचोबीच बना जलीय सूर्य मंदिर भी लोगों की आस्था का केंद्र है. इसकी सुंदर बनावट भी लोगों को आकर्षित करती है. यहां सूर्यदेव का दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं.

साईं मंदिर: गिरिडीह शहर में अवस्थित साईं मंदिर के प्रति भी लोगों की गहरी आस्था है. यह मंदिर अपने भव्य निर्माण के तौर पर भी जाना जाता है. नववर्ष पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है.

इसके अलावा जिले कई धार्मिक स्थल हैं जहां आज के दिन लोग जाकर देवता के सामने सिर झुकाते हैं. देवरी प्रखंड में अवस्थित जीरानाथ धाम, तिसरी में अवस्थित जमामो माता मंदिर, मुफ्फसिल में अवस्थित बराकर शिव मंदिर, करहरबारी स्थित महादेव मठ, खाखो नदी के किनारे स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर है.

ये भी पढ़ें: गिरिडीह के बगोदर में हैं कई पर्यटन स्थल, सैलानियों की उमड़ती है भीड़, कुदरत के खूबसूरत नजारे का उठाते हैं आनंद

ये भी पढ़ें: प्लास्टिक मुक्त बनेगा उसरी वाटरफॉल, रोजगार की भी वैकल्पिक व्यवस्था

गिरिडीह: नववर्ष का स्वागत लोग अपने अपने अंदाज में कर रहे हैं. कई लोग पिकनिक जा रहे हैं तो कई अपने इष्ट देवता को नमन कर रहे हैं. वहीं, बड़ा तबका आज के दिन मंदिर अवश्य जाता है. गिरिडीह में भी कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जहां लोग जाना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.

झारखंडधाम: गिरिडीह जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, भोलेनाथ का यह मंदिर. यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. ऐसी मान्यता है कि महाभारत के समय इसी स्थान पर भगवान शिव ने अर्जुन को पशुपात अस्त्र दिया था. यहां आज के दिन भारी भीड़ उमड़ती है.

हरिहरधाम: दिल्ली - कोलकाता नेशनल हाइवे (जीटी रोड) के ठीक बगल में अवस्थित इस 65 फीट उंचे आकारा का शिवलिंग को दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग कहा जाता है. इस मंदिर के प्रति भी लोगों की गहरी आस्था है.

Welcome new year 2025 by visiting these religious places of Giridih
हनुमान मंदिर (ETV BHARAT)

राजदाहधाम: जिले के सरिया प्रखंड में अवस्थित राजदाहधाम रमणिक है. उत्तरवाहिनी बराकर नदी के तट पर अवस्थित इस स्थल पर भगवान भोले, माता पार्वती, सूर्यदेव, जगन्नाथ भगवान समेत कई देवी देवताओं का मंदिर है. भगवान शिव की आराधना करने यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. वैसे यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है. यहीं कारण है कि नववर्ष पर लोग यहां अवश्य आना चाहते हैं.

दुखिया महादेव: दुखहरणनाथ धाम उसरी नदी के तट पर अवस्थित है. यहां उसरी नदी उत्तरवाहिनी बहती है. गिरिडीह शहर से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित इस मंदिर के प्रति लोगों में काफी आस्था है. इसे दुखिया महादेव भी कहा जाता है.

शिखरजी: पारसनाथ पहाड़ पर शिखरजी मंदिर है. इस मंदिर के प्रति जैन धर्म की गहरी आस्था है. यह जैन धर्म के लोगों के सबसे पूजनीय स्थलों में से एक है. इसे लोग सम्मेद शिखर भी कहते हैं. नववर्ष पर हजारों लोग यहां पहुंचते हैं.

Welcome new year 2025 by visiting these religious places of Giridih
पारसनाथ (ETV BHARAT)

भोमियाजी महाराज: नववर्ष के मौके पर लोग मधुबन में अवस्थित भोमियाजी महाराज का दर्शन अवश्य करना चाहते हैं. तीर्थरक्षक अधिष्ठायक देव भोमिया जी का दर्शन करने के बाद ही सैकड़ों लोग नववर्ष की शुरुआत करते हैं.

जलीय सूर्य मंदिर: जमुआ - देवघर पथ पर मिर्जागंज में तालाब के बीचोबीच बना जलीय सूर्य मंदिर भी लोगों की आस्था का केंद्र है. इसकी सुंदर बनावट भी लोगों को आकर्षित करती है. यहां सूर्यदेव का दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं.

साईं मंदिर: गिरिडीह शहर में अवस्थित साईं मंदिर के प्रति भी लोगों की गहरी आस्था है. यह मंदिर अपने भव्य निर्माण के तौर पर भी जाना जाता है. नववर्ष पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है.

इसके अलावा जिले कई धार्मिक स्थल हैं जहां आज के दिन लोग जाकर देवता के सामने सिर झुकाते हैं. देवरी प्रखंड में अवस्थित जीरानाथ धाम, तिसरी में अवस्थित जमामो माता मंदिर, मुफ्फसिल में अवस्थित बराकर शिव मंदिर, करहरबारी स्थित महादेव मठ, खाखो नदी के किनारे स्थित बाबा भूतनाथ मंदिर है.

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