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Naxalite Laka Pahan Encounter: पिता का मुंह इसलिए नहीं देखा क्योंकि वो गुंडा था- नक्सली लाका पहान का बेटा - Khunti news update

बुधवार को खूंटी में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में पीएलएफआई का रीजनल कमिटी सचिव लाका पहान का एनकाउंटर हो गया. उसके मरने के बाद परिजनों और ग्रामीणों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं हैं. एक तरफ ग्रामीण उसे अच्छा आदमी बता रहे हैं तो लाका पहान के बेटे का कहना है कि पिता का मुंह इसलिए नहीं देखा क्योंकि वो गंदा था और गुंडा था.

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खूंटी
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Published : May 5, 2022, 4:45 PM IST

Updated : May 5, 2022, 6:01 PM IST

खूंटीः पिता का मुंह इसलिए नहीं देखना चाहता क्योंकि वो गंदा था और गुंडा था. ये बातें मारे गए नक्सली लाका पहान के बेटे ने बातें कही है. 12 साल का ये लड़का खूंटी शहर के जाने माने स्कूल में पढ़ाई करता है. पुत्र के जन्म के समय लाका जेल चला गया, जब लौटा तो उसका बेटा 10 साल का हो चुका था. पिता अपने बेटे को देखना चाहता था लेकिन बेटा अपने पिता से दूर रहना चाहता था और मां भी अपने बेटे को पिता लाका से दूर रखती थी क्योंकि पिता की तरह बेटा भी ना बन जाए.

इसे भी पढ़ें- खूंटी में पुलिस-पीएलएफआई के बीच मुठभेड़, मारा गया रीजनल कमेटी सचिव लाका पहान


शहर के जाने माने स्कूल में पढ़ने के बावजूद भी कभी उसने अपने पिता के बारे में चर्चा नहीं की. भले ही उसे दूसरो ने बताया कि उसके पिता सही है और एक मसीहा है. लेकिन उसने कभी स्वीकार नहीं किया कि वो मसीहा है, वो गुंडा था और मर गया. इसको लेकर कैमरे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है. लेकिन जिला के हर व्यापारी लाका के मारे जाने से खुश है तो वहीं उसी का पुत्र अपने पिता का मुंह देखना नहीं चाहता क्योंकि उसके पिता गंदा काम करता है और वो गुंडा है. इधर उसकी पत्नी ने भी कहा कि पिता लाका कभी बेटा को देखा नहीं जो भी है मैं ही इसके लिए सबकुछ हूं.

देखें पूरी खबर

बुधवार सुबह पुलिस के साथ हुए पीएलएफआई का रीजनल कमिटी सचिव लाका पहान का एनकाउंटर हो गया और उस मुठभेड़ में मारा गया. 60 से अधिक कांडों का आरोपी नक्सली रहा लाका पहान ने संगठन में रहकर कइयों को मौत के घाट उतारा चुका है. सबसे ज्यादा हत्या लाका ने लेवी नहीं देने वालों को मारा. यही नहीं उसने कई नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म व गैंगरेप की घटना को भी अंजाम दिया.


नक्सली लाका पहान का इतिहासः कुख्यात लाका पाहन नवंबर 2008 में पीएलएफआई के लादेन लोहरा उर्फ कानू लोहरा के समक्ष खूंटी के सिलादोन गांव में संगठन में शामिल हुआ था. 11 जनवरी 2009 को उसके खिलाफ खूंटी थाना में पहला केस अपहरण का दर्ज हुआ था. इसके बाद 31 जनवरी 2009 को खूंटी के डुगडिया में चार लोगों की हत्या कर सुर्खियों में आया था. इसके बाद एक के बाद कई घटना को अंजाम दिया. इसके बाद पुलिस ने 9 जून 2012 को उसे गिरफ्तार कर लिया.

22 जनवरी 2020 को जमानत में जेल से वह बाहर आया वो करीब आठ साल जेल में रहा. 14 साल के नक्सली कार्यकाल में आठ साल जेल में रहा. यानी 6 साल तक संगठन के लिए काम किया और इतने कम समय में ही उसने संगठन में अच्छा पकड़ बनाया और संगठन के रीजनल कमिटी में जगह बनाने में सफल रहा. बताते चलें कि दो वर्ष पूर्व 15 लाख का इनामी नक्सली सबजोनल कमांडर जीदन गुड़िया को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था, उसके बाद लाका पहान को सबजोनल कमांडर बनाया गया.

लेकिन बहुत कम समय मे ही संगठन ने सब रीजनल कमिटी के सचिव बना दिया उसके बाद लाका का आतंक बढ़ गया. खूंटी पुलिस को लगातार चुनौती देने लगा, मर्डर, रंगदारी, रेप, गैंगरेप, सड़क निर्माण में लगी वाहनों में तोड़फोड़, मजदूरों की पिटाई से लेकर कई संगीन कांडों को अंजाम देकर पुलिस को सीधे ललकारने लगा. इसके बावजूद पुलिस उसे मुख्यधारा से जुड़ने की अपील करती रही लेकिन वो नहीं माना और पुलिसिया कार्रवाई में मारा गया.

खूंटीः पिता का मुंह इसलिए नहीं देखना चाहता क्योंकि वो गंदा था और गुंडा था. ये बातें मारे गए नक्सली लाका पहान के बेटे ने बातें कही है. 12 साल का ये लड़का खूंटी शहर के जाने माने स्कूल में पढ़ाई करता है. पुत्र के जन्म के समय लाका जेल चला गया, जब लौटा तो उसका बेटा 10 साल का हो चुका था. पिता अपने बेटे को देखना चाहता था लेकिन बेटा अपने पिता से दूर रहना चाहता था और मां भी अपने बेटे को पिता लाका से दूर रखती थी क्योंकि पिता की तरह बेटा भी ना बन जाए.

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शहर के जाने माने स्कूल में पढ़ने के बावजूद भी कभी उसने अपने पिता के बारे में चर्चा नहीं की. भले ही उसे दूसरो ने बताया कि उसके पिता सही है और एक मसीहा है. लेकिन उसने कभी स्वीकार नहीं किया कि वो मसीहा है, वो गुंडा था और मर गया. इसको लेकर कैमरे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है. लेकिन जिला के हर व्यापारी लाका के मारे जाने से खुश है तो वहीं उसी का पुत्र अपने पिता का मुंह देखना नहीं चाहता क्योंकि उसके पिता गंदा काम करता है और वो गुंडा है. इधर उसकी पत्नी ने भी कहा कि पिता लाका कभी बेटा को देखा नहीं जो भी है मैं ही इसके लिए सबकुछ हूं.

देखें पूरी खबर

बुधवार सुबह पुलिस के साथ हुए पीएलएफआई का रीजनल कमिटी सचिव लाका पहान का एनकाउंटर हो गया और उस मुठभेड़ में मारा गया. 60 से अधिक कांडों का आरोपी नक्सली रहा लाका पहान ने संगठन में रहकर कइयों को मौत के घाट उतारा चुका है. सबसे ज्यादा हत्या लाका ने लेवी नहीं देने वालों को मारा. यही नहीं उसने कई नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म व गैंगरेप की घटना को भी अंजाम दिया.


नक्सली लाका पहान का इतिहासः कुख्यात लाका पाहन नवंबर 2008 में पीएलएफआई के लादेन लोहरा उर्फ कानू लोहरा के समक्ष खूंटी के सिलादोन गांव में संगठन में शामिल हुआ था. 11 जनवरी 2009 को उसके खिलाफ खूंटी थाना में पहला केस अपहरण का दर्ज हुआ था. इसके बाद 31 जनवरी 2009 को खूंटी के डुगडिया में चार लोगों की हत्या कर सुर्खियों में आया था. इसके बाद एक के बाद कई घटना को अंजाम दिया. इसके बाद पुलिस ने 9 जून 2012 को उसे गिरफ्तार कर लिया.

22 जनवरी 2020 को जमानत में जेल से वह बाहर आया वो करीब आठ साल जेल में रहा. 14 साल के नक्सली कार्यकाल में आठ साल जेल में रहा. यानी 6 साल तक संगठन के लिए काम किया और इतने कम समय में ही उसने संगठन में अच्छा पकड़ बनाया और संगठन के रीजनल कमिटी में जगह बनाने में सफल रहा. बताते चलें कि दो वर्ष पूर्व 15 लाख का इनामी नक्सली सबजोनल कमांडर जीदन गुड़िया को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था, उसके बाद लाका पहान को सबजोनल कमांडर बनाया गया.

लेकिन बहुत कम समय मे ही संगठन ने सब रीजनल कमिटी के सचिव बना दिया उसके बाद लाका का आतंक बढ़ गया. खूंटी पुलिस को लगातार चुनौती देने लगा, मर्डर, रंगदारी, रेप, गैंगरेप, सड़क निर्माण में लगी वाहनों में तोड़फोड़, मजदूरों की पिटाई से लेकर कई संगीन कांडों को अंजाम देकर पुलिस को सीधे ललकारने लगा. इसके बावजूद पुलिस उसे मुख्यधारा से जुड़ने की अपील करती रही लेकिन वो नहीं माना और पुलिसिया कार्रवाई में मारा गया.

Last Updated : May 5, 2022, 6:01 PM IST
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