खूंटीः तोरपा प्रखंड के कमडा सिरका टोली गांव के 12 नाबालिग बच्चों के धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. तपकरा थाने में मंगलवार को आरसी चर्च के पादरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. डीसी के निर्देश पर एलआरडीसी जीतेंद्र मुंडा के बयान पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में कहा गया है कि झारखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2017 में किये प्रावधान के अनुसार धर्म बदलने की अनुमति नहीं है. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
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राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए खूंटी जिला प्रशासन को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने खूंटी के एसपी अमन कुमार को पत्र लिखकर चर्च के खिलाफ एफआईआर कराने का निर्देश दिया था. धर्मांतरित बच्चों के परिजनों ने खूंटी उपायुक्त से मिलकर अपनी बात रखी. परिजनों ने बताया कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है. चर्च की ओर से किसी तरह का प्रलोभन या दवाब नहीं दिया गया है. आरसी चर्च के पूर्व सभापति विजय गुड़िया ने कहा कि अवैध धर्मांतरण का कोई मामला नहीं है. इस मामले को लेकर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. गांव के ग्राम प्रधान सरीन पतरस गुड़िया ने कहा कि यह मामला धर्मांतरण का नहीं है. जिसने धर्मांतरण से संबंधित शिकायत की है, वह ग्राम प्रधान नहीं है और वो खुद ईसाई है. उन्होंने कहा कि जिन बच्चों का नाम धर्मांतरण में आया है, उनके माता-पिता पहले से ईसाई धर्म को मानते हैं.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि धर्मांतरण रोकने में सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मुख्य भूमिका होती हैं. इन संगठनों को ध्यान रखने की जरूरत है कि कोई काम ऐसा नहीं हो, जो असहिष्णुता का कारण बने. उन्होंने कहा कि डीसी से बात की है और कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.