खूंटीः सोमवार को खूंटी के बिरसा कॉलेज बहुद्देशीय भवन सभागार में एक दिवसीय सिकल सेल एनीमिया सह करियर काउंसिलिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया. जहां जिले को सिकल सेल एनीमिया मुक्त बनाने के लिए नास्को से प्रशासन ने एमओयू किया. इसमें खूंटी की तेजस्विनी परियोजना से जुड़ी 1500 से ज्यादा किशोरियां शामिल हुईं. वहीं इस वर्कशॉप में राष्ट्रीय स्तर के डॉक्टर ऑनलाइन चर्चा में जुड़े.
इस कार्यशाला में उपस्थित मुख्य अतिथि जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने तेजस्विनी की किशोरियों को संबोधित करते हुए कहा कि आयोजन की सबसे बड़ी उपलब्धि इस बात को लेकर है कि हम इसको एक नया आयाम देने में सफल हो गए. ग्रामीण जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल के मामले देखने को मिलते हैं, यह वंशानुगत समस्या है इसको लेकर जागरूक रहने की आवश्यकता है. समय समय पर स्वास्थ्य जांच के माध्यम से हम अपनी शारीरिक क्षमता और अक्षमता का आकलन कर सकते हैं. चूंकि शारीरिक रुग्णता हमारे करियर पर प्रभाव डालती है. खूंटी जिला प्रशासन का इस तरह स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से बीमारी की पहचान करना जिले के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में सार्थक पहल है.
सिकल सेल एनीमिया सह करियर काउंसलिंग कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी उपलब्धि रोजगार की दृष्टि से हो रही है या नहीं, रोजगार के लिए हमारी पात्रता है या नहीं साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखें, सही समय पर रोगों की पहचान होने पर इलाज में देर न करें. परिवार के सभी लोगों के स्वास्थ्य सुविधा दिलाने में मदद करें, अगर हमारी बीमारी की पहचान ही गयी है तो दवाई लेने और खाने में कोताही न बरतें. कई बार लोग बीमारियों में ढिलाई करते हैं और दवाई भी नहीं खाते हैं, स्वस्थ रहना हमारा नैसर्गिक अधिकार है, स्वास्थ्य सुविधा लेना हमारा अधिकार है.
खूंटी में समय समय पर योजनाओं की जानकारियां और रोजगारपरक कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपनी समझ विकसित कर सकते हैं कि कैसे हम स्वस्थ रहते हुए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ ले सकें. इस कार्यशाला में खूंटी डीसी शशि रंजन, एसपी अमन कुमार, डीडीसी नीतीश कुमार सिंह, नास्को के पदाधिकारी, जिले के पदाधिकारी और तेजस्विनी से जुड़ी किशोरियां शामिल रहीं.