रांची/खूंटी: किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए हेमंत सरकार किसानों से साधारण किस्म का धान 1 हजार 868 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए का धान 1 हजार 888 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रही है. इसके साथ ही बोनस के रूप में 182 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त दिया जा रहा है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि खूंटी जिले के कई आदिवासी बहुल गांव के लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है.
दरअसल, मुरहू थाना क्षेत्र के कुजरोंग गांव के निवासी फगुआ पाहन को ईटीवी भारत की टीम ने जब सरकार कि इस योजना की जानकारी दी तो वह सोच में पड़ गए. उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम ही नहीं की लैंप्स के जरिए सरकार धान खरीद रही है. उन्होंने कहा कि उनके गांव के अलावा आस-पास के गांव के लोग भी मुरहू बाजार में जाकर 1000 रुपए से लेकर 1 हजार 200 रु प्रति क्विंटल तक धान बेच रहे हैं. उन्होंने इसके लिए अपने क्षेत्र के मुखिया को भी जिम्मेदार ठहराया.
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दूसरी तरफ कुजरोंग गांव के पास ही मौजूद नमसिली गांव के ज्यादातर लोग उतना ही धान उपजा पाते हैं, जिससे साल भर खा सकें. नमसिली नदी पुल पर धान की ओसनी करती कुछ लड़कियों से ईटीवी भारत की टीम ने उनकी बुनियादी जरूरतों पर बात करने की कोशिश की तो लड़कियां कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुईं. काफी समझाने पर तीनों लड़कियों ने अपना नाम बताया.
कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, मुरहू में पढ़ने वाली सोनिया कुमारी ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि सरकार धान खरीद रही है. किस्सी कुमारी और इंसानी कुमारी से उनकी बुनियादी जरूरतों से जुड़े कई सवाल किए, लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं था. मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो उसका भी जवाब नहीं था. हद तो यह है कि जिस नमसिली पुल पर यह लड़कियां धान की ओसनी कर रहीं थीं वह पुल एक खाली ट्रैक्टर के गुजरने से थरथरा रहा था. यह है झारखंड के गांव की हकीकत.