खूंटीः जिले में रविवार को 105 जोड़ा सरना आदिवासियों का विवाह संपन्न कराया गया. जिले के बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में पहान ने विवाह की रस्में पूरी कराईं. ये सभी 105 जोड़े पहले से ही ढुकु (लिवइन) में रहते थे. किसी न किसी कारण इन्हें मुख्यमंत्री कन्या-दान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. जिला प्रशासन और गैर सरकारी संस्था निमित्त के सहयोग से ऐसे जोड़ो को चिन्हित कर सामूहिक विवाह कराया गया. जिले में एकसाथ सामूहिक विवाह कराने से अब 105 जोड़ों को सामाजिक सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यता मिलेगी. साथ ही विवाह का सरकारी निबंधन कराने के बाद इन 105 परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जा सकेगा.
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निमित्त संस्था की सचिव निकिता सिन्हा ने सहयोगियों के साथ लिव इन मे रहने वाले इन जोड़ों के सामूहिक विवाह का बीड़ा उठाया था. आत्मसम्मान संग जीवन जीने और इन्हें सामाजिक मान्यता दिलाने के लिए निमित्त संस्था ने गांव-गांव सर्वे कराया और इनको सूचीबद्ध किया. बाद में रविवार को खूंटी के बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में पहान पुजारी की उपस्थिति में विवाह संपन्न कराया गया.
जमीन पर नहीं मिलता था हक
निकिता सिन्हा ने बताया कि लिव इन रिलेशन में रहने वाले जोड़ों को गांव की जमीन पर पारंपरिक हक नहीं मिलता. साथ ही असामयिक मृत्यु होने पर गांव के सामूहिक कब्रिस्तान में दफनाने की मनाही होती थी. लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था. संयुक्त परिवार में झगड़ा झंझट होने पर महिलाओं को बार-बार ढुकू कहकर प्रताड़ित भी किया जाता था. लिव-इन में रहने वाले जोड़ों की संख्या खूंटी जिले में हजारों होगी, लेकिन आधार कार्ड, वोटर कार्ड समेत अन्य दस्तावेज के अभाव में इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता था. निमित्त संस्था के पदाधिकारियों का दावा है कि 2016 से शुरू हुए इस मुहिम में अबतक 526 जोड़ों को सामाजिक पहचान दिलाई जा चुकी है.
राज्यपाल ने दी शुभकामना
सामूहिक विवाह के बाद नवदंपतियों को राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने शुभकामनाएं दी हैं. सामूहिक विवाह करा रही संस्था के सचिव ने बताया कि इसकी शुरुआत जब खूंटी से की गई थी तो कई बार उन्हें धमकियां मिलीं कि कुटुंब को बिना खिलाये इस तरह का आयोजन नहीं कर सकते हैं.