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Navratri 2023: खूंटी के भगत परिवार की पारिवारिक दुर्गा पूजा, जानिए क्या है यहां की अनोखी परंपरा

देशभर में नवरात्रि और दुर्गा पूजा को लेकर लोगों में उत्साह है. झारखंड के खूंटी जिला में दुर्गा पूजा की अनोखी परंपरा है. यहां तोरपा का भगत परिवार 80 साल से पारिवारिक दुर्गा पूजा पुरानी रीति-रिवाज से करता आ रहा है. Bhagat family performing Durga Puja for 80 years in Torpa. Navratri 2023.

Torpa Bhagat family performing Durga Puja for 80 years in Khunti
खूंटी के तोरपा का भगत परिवार 80 साल से दुर्गा पूजा कर रहा है
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 19, 2023, 4:52 PM IST

खूंटीः जिले में दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों पर है. पूजा पंडालों को अंतिम रुप देने में समितियां लगी हुई हैं. जिले कई इलाकों में सावर्जनिक रूप से दुर्गा पूजा की जाती है. वहीं खूंटी के तोरपा में 80 वर्ष से अनोखी परंपरा को बरकरार रखते हुए पारिवारिक दुर्गा पूजा मनाया जाता है.

इसे भी पढ़ें- Navratri 2023: बोकारो सेक्टर 4 एफ के दुर्गा पूजा पंडाल में दिखेगी चंद्रयान 3 की झलक, श्रद्धालुओं में उत्साह

तोरपा शहर के तोरपा थाना के पास पूजा होती है, जहां भारी भीड़ उमड़ती है. धीरे धीरे पारिवारिक पूजा के साथ साथ तोरपा में सार्वजनिक दुर्गा पूजा भी होने लगी है. तोरपा के मेन रोड में महावीर चौक के पास होने वाले दुर्गा पूजा का इतिहास बहुत पुराना है. यहां पर दुर्गा पूजा का आयोजन पिछले 80 वर्ष से किया जा रहा है. यहां पुरानी रीति-रिवाज और परंपरागत रूप से पूजा का आयोजन किया जाता है.

इस पूजा की शुरूआत तोरपा के प्रमुख व्यवसायी शीलचंद भगत के पूर्वजों के द्वारा की गयी. वहीं पारिवारिक परंपरा को जारी रखते हुए वर्तमान में शीलचंद भगत की देखरेख में उनके परिवार द्वारा आपसी सहयोग से दुर्गा पूजा किया जा रहा है. यह तोरपा क्षेत्र का सबसे पुराना दुर्गा पूजा है, इसलिए यहां काफी भीड़ होती है और इसका महत्व भी काफी है. लोग दूर दराज से यहां पूजापाठ करने के लिये आते हैं.

पूजा पाठ से लेकर विसर्जन तक के सारे अनुष्ठान आज भी यहां पुरानी परंपरा से ही किये जाते हैं. वहीं कुछ वर्ष पहले तक यहां मंदिर हुआ करता था लेकिन अतिक्रमण के कारण छह वर्ष पूर्व प्रशासन द्वारा मंदिर को तोड़ दिया गया. इसके बाद पुनः अस्थायी रूप से पंडाल बनाकर दुर्गा पूजा की इस परंपरा को जारी रखा. पारिवारिक दुर्गा पूजा करने वाले शीलचंद भगत बताते हैं कि शुरुआती समय में पूजा के साथ साथ ऑर्केष्टा और बलि की प्रथा भी थी. पारिवारिक पूजा और तोरपा क्षेत्र में होने वाली सार्वजनिक पूजा में ऑर्केस्ट्रा और बलि प्रथा बंद हो गयी लेकिन उनके परिवार के सदस्य 80 वर्ष से लगातार दुर्गा पूजा करते आ रहे हैं.

खूंटीः जिले में दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों पर है. पूजा पंडालों को अंतिम रुप देने में समितियां लगी हुई हैं. जिले कई इलाकों में सावर्जनिक रूप से दुर्गा पूजा की जाती है. वहीं खूंटी के तोरपा में 80 वर्ष से अनोखी परंपरा को बरकरार रखते हुए पारिवारिक दुर्गा पूजा मनाया जाता है.

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तोरपा शहर के तोरपा थाना के पास पूजा होती है, जहां भारी भीड़ उमड़ती है. धीरे धीरे पारिवारिक पूजा के साथ साथ तोरपा में सार्वजनिक दुर्गा पूजा भी होने लगी है. तोरपा के मेन रोड में महावीर चौक के पास होने वाले दुर्गा पूजा का इतिहास बहुत पुराना है. यहां पर दुर्गा पूजा का आयोजन पिछले 80 वर्ष से किया जा रहा है. यहां पुरानी रीति-रिवाज और परंपरागत रूप से पूजा का आयोजन किया जाता है.

इस पूजा की शुरूआत तोरपा के प्रमुख व्यवसायी शीलचंद भगत के पूर्वजों के द्वारा की गयी. वहीं पारिवारिक परंपरा को जारी रखते हुए वर्तमान में शीलचंद भगत की देखरेख में उनके परिवार द्वारा आपसी सहयोग से दुर्गा पूजा किया जा रहा है. यह तोरपा क्षेत्र का सबसे पुराना दुर्गा पूजा है, इसलिए यहां काफी भीड़ होती है और इसका महत्व भी काफी है. लोग दूर दराज से यहां पूजापाठ करने के लिये आते हैं.

पूजा पाठ से लेकर विसर्जन तक के सारे अनुष्ठान आज भी यहां पुरानी परंपरा से ही किये जाते हैं. वहीं कुछ वर्ष पहले तक यहां मंदिर हुआ करता था लेकिन अतिक्रमण के कारण छह वर्ष पूर्व प्रशासन द्वारा मंदिर को तोड़ दिया गया. इसके बाद पुनः अस्थायी रूप से पंडाल बनाकर दुर्गा पूजा की इस परंपरा को जारी रखा. पारिवारिक दुर्गा पूजा करने वाले शीलचंद भगत बताते हैं कि शुरुआती समय में पूजा के साथ साथ ऑर्केष्टा और बलि की प्रथा भी थी. पारिवारिक पूजा और तोरपा क्षेत्र में होने वाली सार्वजनिक पूजा में ऑर्केस्ट्रा और बलि प्रथा बंद हो गयी लेकिन उनके परिवार के सदस्य 80 वर्ष से लगातार दुर्गा पूजा करते आ रहे हैं.

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