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उत्तरकाशी के टनल में फंसे खूंटी के तीन मजदूर, इंतजार में परिजनों की पथराई आंखें

Three laborers from Khunti trapped in tunnel. उत्तरकाशी के टनल में फंसे झारखंड के मजदूरों की संख्या काफी ज्यादा है. इस मजदूर सुदूर ग्रामीण इलाके से आते हैं. विकास से कोसों दूर इनके गांव में ऐसी भी सुविधा नहीं है कि इनके परिजनों को इनके बारे में पल पल की सूचना मिल सके. ईटीवी भारत की टीम से ही उन्हें ये जानकारी मिली कि अब कुछ ही समय में उनके परिजन टनल से बाहर निकल जाएंगे.

Three laborers from Khunti trapped in tunnel
Three laborers from Khunti trapped in tunnel
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 24, 2023, 12:25 PM IST

Updated : Nov 24, 2023, 12:46 PM IST

टनल में फंसे मजदूर के परिजनों से बात करते संवाददाता सोनू अंसारी

खूंटी: बूढ़े मां बाप और पत्नी को बोल कर घर से कमाने निकला चमरा उरांव पिछले 13 दिनों से उत्तराखंड के उत्तरकाशी के टनल में फंसा हुआ है. बूढ़े मां बाप और पत्नी को चमरा उरांव ने कहा था कि हर महीने पैसे भेजेगा, लेकिन एक महीने का पैसा भेजा और टनल में फंस गया. परिवार उनके सकुशल निकलने की कामना कर रहा है.

चमरा के घर में उनकी पत्नी और चार छोटे बच्चे हैं. बच्चों को ये मालूम नहीं है कि उनके पिता 13 दिनों से टनल में फंसे हुए हैं. ईटीवी भारत की टीम कर्रा प्रखंड के चमरा और विजय होरो के गांव तक गई. रांची से करीब 75 किमी दूर खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड स्थित दोनों गांव की दूरी भी अधिक है. पथरीले रास्ते होकर गांव में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो परिवार वाले अपने बेटे के बारे में पूछने लगे. ईटीवी की टीम ने उन्हें बताया कि रेस्क्यू अभियान जारी है जल्द ही फंसे लोग बाहर निकलेंगे.

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल के एक हिस्से के ढहने से फंसे 41 मजदूरों में खूंटी जिले के तीन मजदूर भी शामिल हैं. कर्रा थाना क्षेत्र के गुमडू और डुमारी गांव के मजदूर 13 दिनों से टनल में फंसे हुए हैं. गुमडु गांव निवासी अर्जुन मुंडा का 22 वर्षीय बेटा विजय होरा, डुमारी गांव निवासी भक्तु उरांव के 35 वर्षीय पुत्र चमरा उरांव और लरता के मधुगामा गांव निवासी खिदुआ का बेटा गणपति टनल के अंदर हैं. सरकार द्वारा उन्हें निकालने का हर संभव प्रयास जारी है. टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए देश विदेश के कई टेक्नीशियन लगे हुए हैं. 13 दिनों से लगातार रेस्क्यू अभियान जारी है उम्मीद है कि आज रेस्क्यू अभियान से सफलता मिलेगी और फंसे मजदूर बाहर निकलेंगे.

खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड क्षेत्र के तीन मजदूरों के परिवार को इंतजार कर रहे हैं कि जल्द ही वह बाहर निकलें. परिवार को ये उम्मीद नहीं थी कि जिनकी कमाई से पूरा परिवार चलता है आज वही जिंदगी और मौत के बीच जाकर फंस जाएगा. गुमडु गांव निवासी विजय होरा के परिवार में माता पिता के अलावा एक भाई, पत्नी और उसका एक बेटा है. जबकि डुमारी गांव निवासी चमरा उरांव के परिवार में उनके माता पिता सहित पत्नी और चार बच्चे हैं.

मजदूरों के फंसे होने की जानकारी के बाद जनप्रतिनिधियों ने इनके घर जाकर मुलाकात की और ढांढस बंधाया. कुछ लोगों ने इनकी आर्थिक मदद भी की है. लेकिन जिला प्रशासन की टीम ने परिजनों का हाल जानने की कोशिश भी नहीं की है. परिजनों का कहना है कि अभी तक कोई अधिकारी उन तक नहीं पहुंचा है.

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चमरा के घर में उनकी पत्नी और चार छोटे बच्चे हैं. बच्चों को ये मालूम नहीं है कि उनके पिता 13 दिनों से टनल में फंसे हुए हैं. ईटीवी भारत की टीम कर्रा प्रखंड के चमरा और विजय होरो के गांव तक गई. रांची से करीब 75 किमी दूर खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड स्थित दोनों गांव की दूरी भी अधिक है. पथरीले रास्ते होकर गांव में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो परिवार वाले अपने बेटे के बारे में पूछने लगे. ईटीवी की टीम ने उन्हें बताया कि रेस्क्यू अभियान जारी है जल्द ही फंसे लोग बाहर निकलेंगे.

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खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड क्षेत्र के तीन मजदूरों के परिवार को इंतजार कर रहे हैं कि जल्द ही वह बाहर निकलें. परिवार को ये उम्मीद नहीं थी कि जिनकी कमाई से पूरा परिवार चलता है आज वही जिंदगी और मौत के बीच जाकर फंस जाएगा. गुमडु गांव निवासी विजय होरा के परिवार में माता पिता के अलावा एक भाई, पत्नी और उसका एक बेटा है. जबकि डुमारी गांव निवासी चमरा उरांव के परिवार में उनके माता पिता सहित पत्नी और चार बच्चे हैं.

मजदूरों के फंसे होने की जानकारी के बाद जनप्रतिनिधियों ने इनके घर जाकर मुलाकात की और ढांढस बंधाया. कुछ लोगों ने इनकी आर्थिक मदद भी की है. लेकिन जिला प्रशासन की टीम ने परिजनों का हाल जानने की कोशिश भी नहीं की है. परिजनों का कहना है कि अभी तक कोई अधिकारी उन तक नहीं पहुंचा है.

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Last Updated : Nov 24, 2023, 12:46 PM IST
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