खूंटी: जिले की सड़कों पर कभी एक जिप्सी दौड़ा करती थी. इस जिप्सी का खौफ कुछ ऐसा था कि उसे सड़कों पर देखते ही लोग अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर लिया करते थे. आज उस जिप्सी को 12 फीट के गड्ढे से बरामद किया गया है. खूंटी पुलिस ने इसे जमीन खोद कर बाहर निकाला है. यहां जिस जिप्सी की बात की जा रही है, वह जिप्सी है पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की. जिसे दिनेश गोप ने ही एक स्कूल के सामने 12 फिट के गड्ढे में दफन कर दिया था.
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दरअसल, टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप से राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आठ दिनों तक पूछताछ की गई. इस पूछताछ के बाद संगठन के रोज नये-नये कारनामे उजागर हो रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को जिले के रनिया थाना के गरई स्थित विद्या विहार पब्लिक स्कूल के सामने जमीन के अंदर छिपाए गए एक जिप्सी को बरामद किया गया है. इस अभियान के दौरान बम निरोधक दस्ता के साथ झारखंड जगुआर और एसटीएफ की टीमें शामिल थी.
जिले के पुलिस कप्तान अमन कुमार ने बताया कि गरई गांव के उस स्कूल का निर्माण दिनेश गोप ने ही कराया था. पहले दिनेश गोप उसी जिप्सी से क्षेत्र में अपने दस्ते के साथ घूमा करता था. नक्सलियों के खिलाफ 2014 में चलाये गये ऑपरेशन कारो के दौरान दिनेश गोप की तलाश में जुटी पुलिस टीम को जब उसके जिप्सी का पता चल गया, तो वाहन को छिपाने की नीयत से उसे स्कूल के सामने लगभग सौ मीटर की दूरी पर जमीन के नीचे दफन कर दिया गया था.
गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापामारी: एसपी अमन कुमार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी टीम गठित कर बुधवार को जिप्सी को बरामद किया गया. एसपी ने बताया कि दिनेश गोप द्वारा वर्षों पहले लातेहार क्षेत्र से इस जिप्सी को मंगाया गया था. जंगली क्षेत्र में दूर से नजर ना आने के लिए इस जिप्सी को गहरे हरे रंग में रंग दिया गया था. इस जिप्सी में दिनेश गोप अपने हथियारबंद दस्ते के साथ क्षेत्र में घूमा करता था.
उन्होंने बताया कि संगठन के विरुद्ध पुलिस का दबाव बढ़ने पर लगभग आठ-नौ वर्ष पहले इस जिप्सी को जमीन में गाड़ कर छिपा दिया गया था. छापामारी टीम द्वारा चलाए गए सर्च अभियान के दौरान बीडीडीएस टीम के सहयोग से उस स्थान की पहचान कर जब वहां खुदाई की गई तो वहां से जर्जर अवस्था में जिप्सी बरामद हुई.
पुलिस को मिल रही लगातार सफलता: बताते चलें कि दिनेश गोप के टेरर फंडिंग में गिरफ्तारी के बाद पीएलएफआई संगठन के खिलाफ पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. इससे पहले 24 मई को रनिया के कोटांगेर और गोहारोम जंगल में जमीन में गाड़ कर छिपाई गई जर्मन राइफल और एके 47 राइफल की 4,320 गोलियां सहित अन्य अग्नेयास्त्र, विस्फोटक पदार्थ और अन्य सामान खूंटी जिला पुलिस द्वारा बरामद किया गया था. इस दौरान नक्सली संगठन पीएलएफआई के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया था.
इसके दो दिन पहले भी जरियागढ़ थाना के मधुवन जंगल से जेल में बंद पीएलएफआई के जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप उर्फ राजेश गोप का निजी हथियार मैगजीन लगा एके-56 राइफल और 27 गोलियों के साथ पीएलएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार नक्सलियों की निशानदेही पर रनिया के कोचा जंगल से पीएलएफआई संगठन द्वारा गन फैक्ट्री के लिए मंगाई गई हथियार बनाने वाली एक लेथ मशीन और एक मिलिंग मशीन को भी पुलिस ने बरामद किया था.