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खूंटी में मिला असुरों द्वारा मंदिर बनाए जाने का अवशेष, कल्याण विभाग ने शोध संस्थान को लिखा पत्र

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 6, 2023, 2:58 PM IST

Updated : Nov 6, 2023, 3:43 PM IST

खूंटी के तोरपा में असुरों के द्वारा मंदिर बनाए जाने का अवशेष मिला है. इसके लिए कल्याण विभाग ने जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक डॉ रामदयाल मुंडा को पत्र लिखा है. यह स्थल लगभग 200 वर्ग फुट में फैला हुआ है. Remains of temple built by demons found in Khunti

Remains of temple built by demons found in Khunti
Remains of temple built by demons found in Khunti
खूंटी में मिला असुरो द्वारा मंदिर बनाए जाने का अवशेष

खूंटी: जिले के तोरपा में असुरों द्वारा मंदिर बनाए जाने के अवशेष मिले हैं. प्रखंड क्षेत्र के फटका पंचायत के सिरही तोला में नदियों के किनारे पत्थर की नक्काशी की हुई मूर्तियां एवं ग्रेनाइट के स्तंभ मिले हैं. उसके बाद कल्याण विभाग ने इस ऐतिहासिक असुर स्थल के संरक्षण एवं पुनर्स्थापन के लिए जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक को पत्राचार किया है.

ये भी पढ़ें: मां नकटी देवी की कृपा से खूंटी में बनते हैं सांसद और विधायक, माता के दरबार से कोई नहीं लौटता खाली हाथ!

200 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ स्थल: कल्याण विभाग ने कहा है कि तोरपा प्रखण्ड के फटका गांव स्थित सिरही टोला में कारो एवं बनई नदी के संगम पर स्थित असुर स्थल एक ऐतिहासिक एवं पुरातन स्थल के रूप में जाना जाता है. यह स्थल लगभग 200 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है. इस स्थल पर कई पत्थर की नक्काशी की हुई मूर्तिया एवं ग्रेनाईट के स्तंभ हैं, जो ऐतिहासिक कलाकृतियां जैसे प्रतीत होते हैं. साथ ही साथ यहां शिवलिंग एवं नदी की पुरातन प्रतिमा भी है. उक्त स्थल पर प्रवेश द्वार स्तंभ भी निर्मित है.

अच्छी बारिश के लिए हर वर्ष जून माह में पूजा: स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार इस स्थल की खुदाई करने पर पत्थर पर उकेरी गईं कलाकृतियां एवं पत्थर के अन्य संरचनाएं प्राप्त होने की संभावना है. विभाग ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों के बीच उक्त स्थल के बारे में एक मान्यता है कि कई वर्ष पहले असुर जनजातियों का एक समूह इस संकल्प के साथ उक्त स्थान पर आया था कि वे एक ही दिन में मंदिर का निर्माण करेंगे. यदि इस कार्य में असफल रहते हैं, तो वहां से वापस चले जाएंगे और फिर पुनः कभी भी इस स्थान पर वापस लौट कर नहीं आएंगे. साथ ही साथ उक्त स्थल पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अच्छी बारिश के लिए हर वर्ष जून माह में पूजा एवं अनुष्ठान भी किया जाता है.

कल्याण विभाग के आईटीडीए ने क्या कहा: ग्रामीणों का मानना है कि यदि वे बरसात के मौसम से पहले पूजा नहीं करते हैं तो खेती के लिए अच्छी बारिश नहीं होती. खूंटी जिले के कल्याण विभाग ने शोध संस्थान से अनुरोध किया है कि उक्त स्थलों के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए. जिससे कि क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करने में मदद मिलेगी. साथ ही अतीत के विकास, ज्ञान और विचारों के बारे में वास्तविक जानकारी प्राप्त हो सकेगी. कल्याण विभाग के आइटीडीए संजय कुमार भगत ने बताया कि इसी बहाने क्षेत्र का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल इस क्षेत्र और इससे जुड़े असुर एवं यहां के नक्कासी के बारे में किसी को जानकारी नहीं है.

खूंटी में मिला असुरो द्वारा मंदिर बनाए जाने का अवशेष

खूंटी: जिले के तोरपा में असुरों द्वारा मंदिर बनाए जाने के अवशेष मिले हैं. प्रखंड क्षेत्र के फटका पंचायत के सिरही तोला में नदियों के किनारे पत्थर की नक्काशी की हुई मूर्तियां एवं ग्रेनाइट के स्तंभ मिले हैं. उसके बाद कल्याण विभाग ने इस ऐतिहासिक असुर स्थल के संरक्षण एवं पुनर्स्थापन के लिए जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक को पत्राचार किया है.

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200 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ स्थल: कल्याण विभाग ने कहा है कि तोरपा प्रखण्ड के फटका गांव स्थित सिरही टोला में कारो एवं बनई नदी के संगम पर स्थित असुर स्थल एक ऐतिहासिक एवं पुरातन स्थल के रूप में जाना जाता है. यह स्थल लगभग 200 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है. इस स्थल पर कई पत्थर की नक्काशी की हुई मूर्तिया एवं ग्रेनाईट के स्तंभ हैं, जो ऐतिहासिक कलाकृतियां जैसे प्रतीत होते हैं. साथ ही साथ यहां शिवलिंग एवं नदी की पुरातन प्रतिमा भी है. उक्त स्थल पर प्रवेश द्वार स्तंभ भी निर्मित है.

अच्छी बारिश के लिए हर वर्ष जून माह में पूजा: स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार इस स्थल की खुदाई करने पर पत्थर पर उकेरी गईं कलाकृतियां एवं पत्थर के अन्य संरचनाएं प्राप्त होने की संभावना है. विभाग ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों के बीच उक्त स्थल के बारे में एक मान्यता है कि कई वर्ष पहले असुर जनजातियों का एक समूह इस संकल्प के साथ उक्त स्थान पर आया था कि वे एक ही दिन में मंदिर का निर्माण करेंगे. यदि इस कार्य में असफल रहते हैं, तो वहां से वापस चले जाएंगे और फिर पुनः कभी भी इस स्थान पर वापस लौट कर नहीं आएंगे. साथ ही साथ उक्त स्थल पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अच्छी बारिश के लिए हर वर्ष जून माह में पूजा एवं अनुष्ठान भी किया जाता है.

कल्याण विभाग के आईटीडीए ने क्या कहा: ग्रामीणों का मानना है कि यदि वे बरसात के मौसम से पहले पूजा नहीं करते हैं तो खेती के लिए अच्छी बारिश नहीं होती. खूंटी जिले के कल्याण विभाग ने शोध संस्थान से अनुरोध किया है कि उक्त स्थलों के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए. जिससे कि क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करने में मदद मिलेगी. साथ ही अतीत के विकास, ज्ञान और विचारों के बारे में वास्तविक जानकारी प्राप्त हो सकेगी. कल्याण विभाग के आइटीडीए संजय कुमार भगत ने बताया कि इसी बहाने क्षेत्र का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल इस क्षेत्र और इससे जुड़े असुर एवं यहां के नक्कासी के बारे में किसी को जानकारी नहीं है.

Last Updated : Nov 6, 2023, 3:43 PM IST
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