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सात साल की अंतहीन प्रताड़ना! पिता ने बेचा फिर मालिक ने पीटा, जानिए नाबालिग की पूरी कहानी - Jharkhand news update

खूंटी में प्रताड़ना का केस दर्ज हुआ है. 7 साल पहले पिता ने नाबालिग बेटी को बेचा, पैसे देने के बाद घर के मालिक ने नाबालिग से घरेलू काम कराया और उससे मारपीट की. रांची में बच्ची को प्रताड़ना मिली तो वो 24 अक्टूबर को वहां से भाग गयी. रांची में हटिया स्टेशन रोड पर एक महिला की मदद से बच्ची अपने घर खूंटी पहुंची. इसके बाद बच्ची के बयान पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में केस दर्ज किया गया (torturing minor girl FIR registered in Khunti) है.

Ranchi torturing minor girl FIR registered in Khunti
खूंटी
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Published : Nov 29, 2022, 10:55 AM IST

खूंटीः बच्ची को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है, जिसमें प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सात साल पहले पिता ने नाबालिग बेटी को बेचा था, रांची में बच्ची को प्रताड़ना मिलने पर वो घर से भाग गयी. 24 अक्टूबर को वो रांची में मकान मालिक के घर से भाग गयी और एक महिला की मदद से अपने घर खूंटी पहुंची. इसी मामले में महिला थाना खूंटी में प्रताड़ना का केस दर्ज कराया गया (torturing minor girl FIR registered in Khunti) है.

इसे भी पढ़ें- Human Trafficking: नाबालिग का हरियाणा में हुआ सौदा, भागकर पहुंची सिमडेगा

इस वाकये को देखकर ऐसा लगता है कि आज इंसानियत दम तोड़ रहा है और रिश्ते खोखले होते जा रहे हैं. एक पिता ने चंद रुपयों के लालच के लिए अपनी मासूम बेटी को रांची के बिरसा चौक के पास रहने वाले कारोबारी महावीर काशी को बेच दिया. खेलने की उम्र में मासूम बच्ची से घर के काम कराया गया और अगर गलती हुई तो मालिक छड़ी से पिटाई करता था, जब वो रोती तो और पिटाई होती (Ranchi torturing minor girl). पिटाई के दर्द से घर के एक कोने में दुबक कर रोती और खुद ही चुप हो जाती. ये सिलसिला सात साल तक जारी रहा लेकिन एक रात हिम्मत करके बच्ची घर से भाग गई और हटिया स्टेशन में खड़ी रेल के डिब्बे में रात बिताई.

आज मासूम बच्ची 11 साल की हो चुकी है. वह 24 अक्टूबर को महावीर काशी के यहां से किसी तरह भागी और अपनी नानी के घर पहुंची. कुछ दिन पहले नानी के घर के पास रहने वाली एक महिला को उसने प्रताड़ना की कहानी बताई. इसके बाद महिला 27 नवंबर को बच्ची को लेकर खूंटी महिला थाना पहुंची. जहां बच्ची के बयान पर केस एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) में दर्ज किया गया. महिला थाना प्रभारी दुलारमनी टुडू ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई. उन्होंने बताया कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा. इस केस में रांची के बिरसा चौक के पास रहने वाले महावीर काशी और उसके भाई सचीदा को आरोपी बनाया गया है.

जानकारी अनुसार बच्ची को शेल्टर होम सहयोग विलेज भेज दिया गया है. बच्ची ने महिला थाना प्रभारी को दिए लिखित व मौखिक रूप में बताया कि महावीर काशी उससे झाड़ू पोछा, बर्तन धोने और बच्चों की देखरेख करने का काम करा रहा था. जब उससे गलती होती तो उसका मालिक उसे छड़ी से पीटता था. पिटाई के दर्द से रोती लेकिन फिर खुद चुप हो जाती थी. बीच बीच में बच्ची का पिता वहां आता और अपन बेटी को देखता था. इसके बाद महावीर काशी से पैसे लेकर चला जाता था.


बच्ची ने बताया कि 24 अक्टूबर की रात जब घर में सभी लोग सो गए, तब वह घर से निकल गई. वह हटिया स्टेशन रोड की तरफ गई और स्टेशन पर एक खड़ी ट्रेन की बोगी में सोकर रात गुजारी. 25 अक्टूबर की सुबह साढ़े चार बजे वह एक मैदान की ओर चली गई, जहां एक महिला मिली. बच्ची ने महिला को सारी बात बताई. बच्ची ने महिला से कहा कि उसका घर खूंटी है, वह अपने घर जाना चाहती है. उसके बाद महिला ने महिला थाना प्रभारी से संपर्क कर बच्ची को खूंटी भेजवा दी. डरी सहमी मासूम बच्ची से जब बातचीत शुरू हुआ तो थाना प्रभारी भी हैरत में पड़ गई. डरी सहमी रहने के कारण पुलिस ने उसे उस वक्त शेल्टर होम भेज दिया था. जब वो पूरी तरह डर से बाहर निकली उसके बच्ची के बयान पर एफआईआर दर्ज किया गया.

खूंटीः बच्ची को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है, जिसमें प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सात साल पहले पिता ने नाबालिग बेटी को बेचा था, रांची में बच्ची को प्रताड़ना मिलने पर वो घर से भाग गयी. 24 अक्टूबर को वो रांची में मकान मालिक के घर से भाग गयी और एक महिला की मदद से अपने घर खूंटी पहुंची. इसी मामले में महिला थाना खूंटी में प्रताड़ना का केस दर्ज कराया गया (torturing minor girl FIR registered in Khunti) है.

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इस वाकये को देखकर ऐसा लगता है कि आज इंसानियत दम तोड़ रहा है और रिश्ते खोखले होते जा रहे हैं. एक पिता ने चंद रुपयों के लालच के लिए अपनी मासूम बेटी को रांची के बिरसा चौक के पास रहने वाले कारोबारी महावीर काशी को बेच दिया. खेलने की उम्र में मासूम बच्ची से घर के काम कराया गया और अगर गलती हुई तो मालिक छड़ी से पिटाई करता था, जब वो रोती तो और पिटाई होती (Ranchi torturing minor girl). पिटाई के दर्द से घर के एक कोने में दुबक कर रोती और खुद ही चुप हो जाती. ये सिलसिला सात साल तक जारी रहा लेकिन एक रात हिम्मत करके बच्ची घर से भाग गई और हटिया स्टेशन में खड़ी रेल के डिब्बे में रात बिताई.

आज मासूम बच्ची 11 साल की हो चुकी है. वह 24 अक्टूबर को महावीर काशी के यहां से किसी तरह भागी और अपनी नानी के घर पहुंची. कुछ दिन पहले नानी के घर के पास रहने वाली एक महिला को उसने प्रताड़ना की कहानी बताई. इसके बाद महिला 27 नवंबर को बच्ची को लेकर खूंटी महिला थाना पहुंची. जहां बच्ची के बयान पर केस एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) में दर्ज किया गया. महिला थाना प्रभारी दुलारमनी टुडू ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई. उन्होंने बताया कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा. इस केस में रांची के बिरसा चौक के पास रहने वाले महावीर काशी और उसके भाई सचीदा को आरोपी बनाया गया है.

जानकारी अनुसार बच्ची को शेल्टर होम सहयोग विलेज भेज दिया गया है. बच्ची ने महिला थाना प्रभारी को दिए लिखित व मौखिक रूप में बताया कि महावीर काशी उससे झाड़ू पोछा, बर्तन धोने और बच्चों की देखरेख करने का काम करा रहा था. जब उससे गलती होती तो उसका मालिक उसे छड़ी से पीटता था. पिटाई के दर्द से रोती लेकिन फिर खुद चुप हो जाती थी. बीच बीच में बच्ची का पिता वहां आता और अपन बेटी को देखता था. इसके बाद महावीर काशी से पैसे लेकर चला जाता था.


बच्ची ने बताया कि 24 अक्टूबर की रात जब घर में सभी लोग सो गए, तब वह घर से निकल गई. वह हटिया स्टेशन रोड की तरफ गई और स्टेशन पर एक खड़ी ट्रेन की बोगी में सोकर रात गुजारी. 25 अक्टूबर की सुबह साढ़े चार बजे वह एक मैदान की ओर चली गई, जहां एक महिला मिली. बच्ची ने महिला को सारी बात बताई. बच्ची ने महिला से कहा कि उसका घर खूंटी है, वह अपने घर जाना चाहती है. उसके बाद महिला ने महिला थाना प्रभारी से संपर्क कर बच्ची को खूंटी भेजवा दी. डरी सहमी मासूम बच्ची से जब बातचीत शुरू हुआ तो थाना प्रभारी भी हैरत में पड़ गई. डरी सहमी रहने के कारण पुलिस ने उसे उस वक्त शेल्टर होम भेज दिया था. जब वो पूरी तरह डर से बाहर निकली उसके बच्ची के बयान पर एफआईआर दर्ज किया गया.

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