खूंटी: पुलिस को देखकर हार्ट अटैक से हुई निजामुद्दीन अंसारी की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है (Politics on Nizamuddin death case ). झारखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने तोरपा के रोड़ो गांव मामले को लेकर बुधवार को कहा कि गो तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारी राज्य सरकार के तुष्टिकरण की भेंट चढ़ रहे हैं. 26 नवबंर को तोरपा थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार के नेतृत्व में पुलिस रोडो गांव में गो तस्कर के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी. दुर्भाग्यवश एक बुजुर्ग की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जिसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस टीम को बंधक बना लिया था. राजनीतिक दबाव में थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया.
वहीं, कैशकांड में निलंबित कांग्रेस के तीनों विधायक वहां अपनी राजनीतिक जमीन तलाशते हुए दारोगा के निलंबन का अभियान चला रहे हैं. सत्यजीत कुमार वही दारोगा हैं, जिन्होंने दिवगंत थाना प्रभारी संध्या टोपनो के हत्यारों को पकड़ा था. बाबूलाल मरांडी ने सवाल किया कि क्या कारण है कि ऐसे कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपना काम करने से रोका जाता है. बुजुर्ग की मौत दुखद है, लेकिन अपराधियों और तस्करों को बचाया नहीं जा सकता.
इधर, कांग्रेस के निलंबित विधायकों के रोडो गांव जाने के बाद कई माननीय गांव पहुंचे और पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए. तोरपा के रोड़ो गांव की घटना पर प्रतिक्रिया जताते हुए गुरूवार को मौन जुलुस के रूप में न्याय मार्च और श्रद्धाजंलि सभा निकाली गई. बिरसा मुंडा की प्रतिमा परिसर में एकजुट होकर निकला जुलुस मुख्य पथ, कर्रा रोड होते बड़काटोली पहुंच सभा में तब्दील हो गई.
यहां तोरपा प्रमुख रोहित सुरीन की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम के दौरान ग्रामिणों के अलावा खूंटी और रांची से भी बड़ी संख्या में राजनितिक दल के नेता पहुंचे थे. बता दें कि प्रतिबंधित मांस काटने और बेचने के आरोपी कल्लु अंसारी को पकड़ने गई पुलिस को देख हार्ट अटैक से उसके पिता निजामुद्दीन अंसारी की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद हत्या के आरोप पुलिस पर लगाते हुए घटना के समय गांव गये सभी पुलिस कर्मियों पर हत्या का मुकदमा दायर करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन बीडीओ को दिया गया.
ज्ञापन में मांग की गई है कि बीमार बुजुर्ग़ व्यक्ति निजामुद्दीन अंसारी के हत्या के आरोप में सिर्फ थाना प्रभारी को लाईन हाजिर किया गया है, जबकि उस समय विष्वजीत ठाकुर, प्रीतम राज व महती बोपाई भी थे. प्रमुख रोहित सुरीन ने अपने संम्बोधन में तीनों पुलिस अफसर का नाम लेकर कहा कि ये लोग आज भी हम पर शासन कर रहें हैं. उन्होंने बुजुर्ग को न्याय दिलाने के लिए इन्हें भी निलंबित करने की मांग की. तोरपा के पुर्व विधायक पौलुस सुरीन ने कहा कि इस घटना को किसी जाति या धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए प्रशासन जनता का रक्षक बनते हुए न्याय संगत कार्यवाई करें.