खूंटीः पीएलएफआई के खिलाफ खूंटी पुलिस ने विशेष अभियान की शुरुआत की है. पीएलएफआई से जुड़े टॉप कमांडर्स की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सुप्रीमो को गिरफ्तार करने के लिए खास टीम बनाई है जो लगातार सुप्रीमो के ठिकानों तक पहुंच बना रही है. पुलिस ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप घर जाकर परिवार वालों पर भी दबाव बनाया है ताकि वो सरेंडर कर सके नही तो पुलिस कभी भी उसे गिरफ्तार कर लेगी.
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खूंटी पुलिस ने पीएलएफआई संगठन के सब जोनल कमांडर की गिरफ्तारी और उससे बरामद हथियारों के बाद खूंटी पुलिस बड़ी उपलब्धि भी मान रही है. क्योंकि उसकी निशानदेही पर बरामद हथियार दिनेश गोप का था और पूछताछ में दिए बयान अनुसार पुलिस लगातार दिनेश गोप के ठिकानों तक दबिश भी दे रही है. बताया जा रहा है कि दिनेश गोप विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करता है जो माओवादियों के पास भी नहीं है. हाल के दिनों में जर्मन एचके 33 विदेशी वैपन बरामद हुआ है. पुलिस ने बताया कि पीएलएफआई सुप्रीमो जर्मन एचके 33 विदेशी वैपन इस्तेमाल किया करता है.
नक्सली संगठन पीएलएफआई सब जोनल कमांडर सुखराम गुड़िया उर्फ रोड़े की निशानदेही पर बरामद एचके 33 जर्मन वैपन दिनेश गोप था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. पुलिस सूत्रों की माने तो यह एक उम्दा जर्मन वैपन है और इसमें इंसास में लगनेवाली 5.56 की गोली भी लगती है. एचके 33 जर्मन वैपन माओवादियों के पास भी नहीं लेकिन पीएलएफआई के पास है, पूर्व में भी एक एचके 33 वैपन बरामद किया जा चुका है.
खूंटी पुलिस के वरीय अफसरों के अनुसार यह हथियार भारत मे प्रतिबंध है और इसकी खरीदारी अवैध है. एचके 33 झारखंड में माओवादी के पास भी नहीं है लेकिन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के पास दो एचके 33 राइफल थी. 14 फरवरी 2019 को दिनेश गोप अपने दस्ता के साथ रनिया थाना क्षेत्र के जामटोली की पहाड़ी की चोटी पर था. जहां पर पुलिस से उसकी मुठभेड़ हुई थी. इसी दौरान जामटोली के बगता पहाड़ी से एक एचके 33 राइफल पुलिस ने जब्त किया था.
इसकी सूचना पुलिस को मिली और बगता पहाड़ी पर पुलिस और दिनेश गोप के दस्ते के साथ भीषण मुठभेड़ हुई और इसमें कामडारा के टुरुंटू गांव निवासी दिनेश गोप का दस्ता सदस्य विक्रम टोपनो मारा गया था. बताया जा रहा था कि दिनेश का बॉडीगार्ड था और दर्जनों मामले उसपर दर्ज थे. मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने एक एचके 33 राइफल जब्त की गयी थी. इसके बाद पीएलएफआई के पास हथियार ज्यादा हो गए और नक्सलियों की संख्या कम हो गई जिसके कारण उसने हथियार छिपा दिया था. पुलिस को पता था कि पीएलएफआई की दूसरी एचके 33 राइफल सुखराम उर्फ रोड़े के पास है. पुलिस ने सुखराम से कड़ाई से पूछताछ की और बाद वह पुलिस टीम को लेकर घने जंगलों के बीच स्थित तेनतारी गांव पहुंचा और एचके 33 गड्ढे से निकालकर पुलिस को सौंप दिया.
3 फरवरी 2022 को पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी थाना क्षेत्र के सिदमा पहाडी पर मुठभेड़ हुई थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मुठभेड़ में दिनेश गोप घायल हुआ था उसकी बांह में गोली लगी थी. इसके बाद घायल दिनेश गोप अपना इलाज करावाने के लिए बाहर चला गया और उसके सहयोगी मार्टिन दा ने एचके 33 समेत अन्य हथियार सब कमांडर सुखराम गुड़िया उर्फ रोड़े को सौंप दिया था. बाद में सुखराम ने वो रायफल तेनतारी गांव के जंगल में नाले में छिपा दिया था.
खूंटी पुलिस की कार्रवाई में दो साल में 153 नक्सली गिरफ्तार किए गए जबकि नक्सलियों से बरामद एक AK-47, पांच देसी कार्बाइन, एक देसी रायफल, एक देसी बंदूक, एक दोनाली बंदूक, 24 देसी कट्टा, 181 गोली, 20 खोखा जबकि धमका कर वसूले गए लेवी की 4 लाख 34 हजार 760 नकद रुपया बरामद किया जा चुका है. हाल के कुछ दिनों की बात की जाए तो नक्सलियों को खूंटी पुलिस ने बहुत बड़ा झटका दिया है. खासकर पीएलएफआई संगठन से जुड़े नक्सलियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. नतीजतन खूंटी पुलिस का एक ही मकसद है कि सुप्रीमो को गिरफ्तार किया जाए और इसी मकसद को लेकर कार्रवाई जारी है.
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