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पुलिस के लिए आसान नहीं है अफीम को नष्ट करने का अभियान, नशे के शिकार हो रहे हैं जवान - Murhu police station in-charge Vikrant Kumar

खूंटी में अफीम की खेती का दुष्प्रभाव पुलिस जवानों पर भी पड़ रहा है. अफीम विनष्टीकरण अभियान में लगे जवान के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. खेत में अभियान चलाने वाले जवान भी अफीम के नशे के शिकार हो रहे हैं.

opium cultivation in khunti
अफीम की फसल
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Published : Feb 17, 2022, 2:24 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 4:38 PM IST

खूंटी: नक्सल के बाद अफीम के नाम से बदनाम इस जिले में यहां के आदिवासी और ग्रामीण नशे के दलदल में गिरते जा रहे हैं. यहां लगातार बढ़ती अफीम की खेती से सिर्फ आम लोग नहीं बल्कि पुलिस भी परेशान हैं.

ये भी पढ़ें- खूंटी में अफीम खेत नष्ट करने गई पुलिस टीम पर हमला, महिलाओं ने की पत्थरबाजी

आसान नहीं है अफीम के खेत को नष्ट करना

खूंटी में नशे के कारोबार पर पुलिस लगाार अभियान चला रही है. सूचना मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए अफीम के खेतों को नष्ट किया जा रहा है. लेकिन पुलिस के इस अभियान से तस्करों के साथ साथ पुलिस जवानों को भी नुकसान हो रहा है. खबर के मुताबिक खेतों से निकलने वाली गंध से जवान की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. अभियान में लगे जवानों के मुताबिक जब वे खेतों में डंडा बरसा रहे होंते हैं तब उससे निकलने वाली दुर्गंध से उन्हें नशे का एहसास होता है. उन्हें पता नहीं चलता है कि वे कहां हैं और क्या कर रहे हैं. खेतों से लौटने के बाद जवान जब घर वापस लौटतें हैं तो उनके पास सोने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं होता है.

देखें वीडियो

शरीर के लिए हानिकारक है अफीम की गंध

मुरहू थानेदार की माने तो अफीम से निकलने वाला दुर्गंध शरीर के लिए हानिकारक है. मुरहू थाना प्रभारी विक्रांत कुमार कहते है कि हुक्मरानों का हुक्म का पालन करना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि पुलिस अभियान से कहीं ज्यादा सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस नशे को समाप्त करने की दिशा में पहल करनी चाहिए ताकि समय रहते इससे छुटकारा मिल सके. उन्होंने कहा कि जबतक जनप्रतिनिधि सामने नही आएंगे तबतक इससे मुक्ति नही मिल सकता.
फीम तस्करों के खिलाफ कार्रवाई

खूंटी में अफीम विनष्टीकरण अभियान की बात करें तो साल 2020 में 674.30 एकड़ 2021 में 977 एकड़ में लगी खूंटी में अवैध अफीम की फसल को नष्ट किया गया था. वहीं 020 में 87.260 किलोग्राम एवं वर्ष 2021 में 88.915 किलोग्राम अवैध अफीम बरामद किया गया. जबकि साल 2021 में 91 लोगों को अफीम के कारोबार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

खूंटी: नक्सल के बाद अफीम के नाम से बदनाम इस जिले में यहां के आदिवासी और ग्रामीण नशे के दलदल में गिरते जा रहे हैं. यहां लगातार बढ़ती अफीम की खेती से सिर्फ आम लोग नहीं बल्कि पुलिस भी परेशान हैं.

ये भी पढ़ें- खूंटी में अफीम खेत नष्ट करने गई पुलिस टीम पर हमला, महिलाओं ने की पत्थरबाजी

आसान नहीं है अफीम के खेत को नष्ट करना

खूंटी में नशे के कारोबार पर पुलिस लगाार अभियान चला रही है. सूचना मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए अफीम के खेतों को नष्ट किया जा रहा है. लेकिन पुलिस के इस अभियान से तस्करों के साथ साथ पुलिस जवानों को भी नुकसान हो रहा है. खबर के मुताबिक खेतों से निकलने वाली गंध से जवान की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. अभियान में लगे जवानों के मुताबिक जब वे खेतों में डंडा बरसा रहे होंते हैं तब उससे निकलने वाली दुर्गंध से उन्हें नशे का एहसास होता है. उन्हें पता नहीं चलता है कि वे कहां हैं और क्या कर रहे हैं. खेतों से लौटने के बाद जवान जब घर वापस लौटतें हैं तो उनके पास सोने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं होता है.

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शरीर के लिए हानिकारक है अफीम की गंध

मुरहू थानेदार की माने तो अफीम से निकलने वाला दुर्गंध शरीर के लिए हानिकारक है. मुरहू थाना प्रभारी विक्रांत कुमार कहते है कि हुक्मरानों का हुक्म का पालन करना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि पुलिस अभियान से कहीं ज्यादा सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस नशे को समाप्त करने की दिशा में पहल करनी चाहिए ताकि समय रहते इससे छुटकारा मिल सके. उन्होंने कहा कि जबतक जनप्रतिनिधि सामने नही आएंगे तबतक इससे मुक्ति नही मिल सकता.
फीम तस्करों के खिलाफ कार्रवाई

खूंटी में अफीम विनष्टीकरण अभियान की बात करें तो साल 2020 में 674.30 एकड़ 2021 में 977 एकड़ में लगी खूंटी में अवैध अफीम की फसल को नष्ट किया गया था. वहीं 020 में 87.260 किलोग्राम एवं वर्ष 2021 में 88.915 किलोग्राम अवैध अफीम बरामद किया गया. जबकि साल 2021 में 91 लोगों को अफीम के कारोबार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

Last Updated : Feb 17, 2022, 4:38 PM IST
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