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खूंटी में डायन-बिसाही के मामले में आठ वर्षों में 43 लोगों की हत्या, पुलिस अंधविश्वास के खिलाफ चला रही जागरुकता अभियान - ओझाओं से दूर रहने की अपील

खूंटी में डायन-बिसाही के मामले में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. लगभग हर माह अंधविश्वास के चक्कर में लोगों की हत्याएं हो रही हैं. पिछले आठ साल के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. वहीं खूंटी पुलिस अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रही है.

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Awareness Campaign Against Superstition In Khunti
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Published : Jul 10, 2023, 6:04 PM IST

Updated : Jul 10, 2023, 6:31 PM IST

देखें स्पेशल स्टोरी

खूंटी: झारखंड में डायन-बिसाही के आरोप में लगभग हर महीने लोगों की हत्याएं हो रही हैं. अंधविश्वास के चलते लोग एक-दूसरे की जान ले रहे हैं. खासकर महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. खूंटी जिले के पुलिस रिकॉर्ड में आठ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो डायन-बिसाही के केस बढ़े हैं. जिसमें वर्ष 2016 में तीन केस, 2017 में छह केस, 2018 में पांच केस, 2019 में एक केस, 2020 में तीन केस, 2021 में 12 केस, 2022 में तीन केस, जबकि 2023 में अब तक एक केस दर्ज किया गया है. वहीं डायन-बिसाही मामले में जिले में 2016 में सात हत्या, 2017 में सात हत्या, 2018 में सात हत्या, 2019 में छह हत्या, 2020 में छह हत्या, 2021 में छह हत्या, 2022 में तीन हत्या और 2023 में अब तक एक हत्या हो चुकी है. वहीं डायन-बिसाही के मामले में खूंटी में कुल 34 एफआईआर दर्ज हुई है, जबकि 43 लोगों की हत्या का केस रजिस्टर हो चुका है.

ये भी पढ़ें-Khunti Child Sacrifice! नर बलि की अफवाह से परेशान रही पुलिस, जांच में इस बात का हुआ खुलासा

अधिकतर हत्या के पीछे ओझा-गुणी का हाथः जिले में जितने भी मामले डायन-बिसाही के दर्ज हुए हैं उसमें अधिकतर कांडों में हत्याकांड के पीछे ज्यादातर ओझा-गुणी का हाथ पुलिस की जांच में मिला है. जिसमें जमीन विवाद और बीमार होने का कारण सामने आया है. जिसमें ओझा-गुणी भोले-भाले लोगों को झाड़-फूंक के झांसे में ले लेते हैं और डायन-बिसाही की मनगढ़ंत कहानी बताकर उन्हें हत्या के लिए उकसा देते हैं. जिसके कारण हत्या कर दी जाती है, लेकिन खूंटी पुलिस ऐसी हत्याओं में कमी लाने के लिए सीधे ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें जागरूक कर रही है. बीमार होने पर ओझाओं से दूर रहने की अपील की जा रही है. साथ ही बताया जा रहा है कि अगर कोई बीमार है तो उसे अस्पताल ले जाएं, न कि ओझा के पास झाड़-फूंक कराएं.

Awareness Campaign Against Superstition In Khunti
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खूंटी पुलिस अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को कर रही जागरूकः खूंटी के एसपी अमन कुमार जिले के ओझाओं की सूची तैयार कर रहे हैं. साथ ही एसपी के निर्देश पर खूंटी पुलिस ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें कानूनी जानकारी दे रही है. पुलिस सीधे ग्रामीणों को बता रही है कि ओझा कैसे लोगों को अपने जाल में फंसाता हैं और लोग उनके बहकावे में आकर हत्या जैसे कांडों को अंजाम देते हैं. पुलिस कानूनी जानकारी भी ग्रामीणों को दे रही है. साथ ही बताया जा रहा है कि किसी को डायन-बिसाही कहना अपराध है और डायन कहकर किसी की हत्या करना भी अपराध है.

पुलिस ने अंधविश्वास फैलानेवाले ओझाओं को भी चेतायाः नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों के रहने वाले ओझाओं को चेताया भी जा रहा है कि वो इलाज के नाम पर गलत न करें, नहीं तो वो सीधे जेल जाएंगे. जागरुकता अभियान को लेकर एसपी अमन कुमार ने बताया कि पूर्व में डायन-बिसाही के मामले बढ़े थे, लेकिन जन जागरुकता से मामले में कमी आई है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई सैकड़ों ओझा-गुणी को चिह्नित कर इन पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. साथ ही लोकल पुलिस को निर्देश दिया गया है कि ओझा-गुणी पर कड़ाई करें और इसके बाद भी यदि वे नहीं सुधरें तो गिरफ्तार कर सीधे जेल भेजें.

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खूंटी: झारखंड में डायन-बिसाही के आरोप में लगभग हर महीने लोगों की हत्याएं हो रही हैं. अंधविश्वास के चलते लोग एक-दूसरे की जान ले रहे हैं. खासकर महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. खूंटी जिले के पुलिस रिकॉर्ड में आठ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो डायन-बिसाही के केस बढ़े हैं. जिसमें वर्ष 2016 में तीन केस, 2017 में छह केस, 2018 में पांच केस, 2019 में एक केस, 2020 में तीन केस, 2021 में 12 केस, 2022 में तीन केस, जबकि 2023 में अब तक एक केस दर्ज किया गया है. वहीं डायन-बिसाही मामले में जिले में 2016 में सात हत्या, 2017 में सात हत्या, 2018 में सात हत्या, 2019 में छह हत्या, 2020 में छह हत्या, 2021 में छह हत्या, 2022 में तीन हत्या और 2023 में अब तक एक हत्या हो चुकी है. वहीं डायन-बिसाही के मामले में खूंटी में कुल 34 एफआईआर दर्ज हुई है, जबकि 43 लोगों की हत्या का केस रजिस्टर हो चुका है.

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अधिकतर हत्या के पीछे ओझा-गुणी का हाथः जिले में जितने भी मामले डायन-बिसाही के दर्ज हुए हैं उसमें अधिकतर कांडों में हत्याकांड के पीछे ज्यादातर ओझा-गुणी का हाथ पुलिस की जांच में मिला है. जिसमें जमीन विवाद और बीमार होने का कारण सामने आया है. जिसमें ओझा-गुणी भोले-भाले लोगों को झाड़-फूंक के झांसे में ले लेते हैं और डायन-बिसाही की मनगढ़ंत कहानी बताकर उन्हें हत्या के लिए उकसा देते हैं. जिसके कारण हत्या कर दी जाती है, लेकिन खूंटी पुलिस ऐसी हत्याओं में कमी लाने के लिए सीधे ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें जागरूक कर रही है. बीमार होने पर ओझाओं से दूर रहने की अपील की जा रही है. साथ ही बताया जा रहा है कि अगर कोई बीमार है तो उसे अस्पताल ले जाएं, न कि ओझा के पास झाड़-फूंक कराएं.

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खूंटी पुलिस अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को कर रही जागरूकः खूंटी के एसपी अमन कुमार जिले के ओझाओं की सूची तैयार कर रहे हैं. साथ ही एसपी के निर्देश पर खूंटी पुलिस ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें कानूनी जानकारी दे रही है. पुलिस सीधे ग्रामीणों को बता रही है कि ओझा कैसे लोगों को अपने जाल में फंसाता हैं और लोग उनके बहकावे में आकर हत्या जैसे कांडों को अंजाम देते हैं. पुलिस कानूनी जानकारी भी ग्रामीणों को दे रही है. साथ ही बताया जा रहा है कि किसी को डायन-बिसाही कहना अपराध है और डायन कहकर किसी की हत्या करना भी अपराध है.

पुलिस ने अंधविश्वास फैलानेवाले ओझाओं को भी चेतायाः नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों के रहने वाले ओझाओं को चेताया भी जा रहा है कि वो इलाज के नाम पर गलत न करें, नहीं तो वो सीधे जेल जाएंगे. जागरुकता अभियान को लेकर एसपी अमन कुमार ने बताया कि पूर्व में डायन-बिसाही के मामले बढ़े थे, लेकिन जन जागरुकता से मामले में कमी आई है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई सैकड़ों ओझा-गुणी को चिह्नित कर इन पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. साथ ही लोकल पुलिस को निर्देश दिया गया है कि ओझा-गुणी पर कड़ाई करें और इसके बाद भी यदि वे नहीं सुधरें तो गिरफ्तार कर सीधे जेल भेजें.

Last Updated : Jul 10, 2023, 6:31 PM IST
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