खूंटीः प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के विरुद्ध खूंटी पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. नक्सल विरोधी अभियान के दौरान खूंटी पुलिस ने चार पीएलएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एरिया कमांडर प्रशांत कुमार उर्फ डब्लू गोप, नीतीश गोप, मिथिलेश गोप उर्फ मिथुन और बाहन गोप उर्फ नंद कुमार शामिल है. इनके पास से पुलिस ने 7.65 एमएम का एक पिस्टल, .315 बोर का एक देसी कट्टा, 13 कारतूस, एक कार और एक ऑटो सहित चार मोबाइल व नक्सली पर्चा और चंदा रसीद बरामद किया है.
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खूंटी एसपी अमन कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि गिरफ्तार एरिया कमांडर को लगभग दो माह पूर्व ही पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने एरिया कमांडर प्रशांत कुमार को जिम्मेदारी सौंपकर क्षेत्र में आतंक फैलाने का निर्देश दिया था. दिनेश गोप के निर्देश पर ही अवैध बालू उठाव में लगी एक जेसीबी में आग लगाकर क्षेत्र में दहशत फैलाने का कोशिश की गयी थी. हालांकि आगजनी की जिम्मेदारी सुप्रीमो को लेना था लेकिन तब तक दिनेश गोप को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया. एसपी ने बताया कि संगठन के इन सदस्यों से कहा था कि लगातार पुलिस की कार्रवाई से संगठन कमजोर हो रहा है और ऐसे में बड़ी घटना को अंजाम देकर क्षेत्र में फिर से संगठन का दहशत और दबदबा कायम करना है. सुप्रीमो के आदेश के अनुपालन में लगे हुए थे लेकिन इससे पहले ही सभी गिरफ्तार हो गए.
जानकारी के अनुसार पीएलएफआई सुप्रीमो ने जब क्षेत्र का एरिया कमांडर की जिम्मेदारी दी उस वक्त प्रशांत कुमार उर्फ डब्लू के पास हथियार नहीं था. लेकिन उसे कामडारा का एरिया कमांडर कोरिया टोपनो ने एक पिस्टल के अलावा कई कट्टा और 30 कारतूस दिया. उसके बाद योजनाबद्ध तरीके से अवैध बालू उठाव कर रहा जेसीबी में आग लगा दिया और फरार हो गए. इस घटना में शामिल अन्य नक्सली सदस्यों को पुलिस ने पूर्व में ही गिरफ्तार किया था लेकिन एरिया कमांडर फरार हो गया. बताया जा रहा है कि बालू माफिया अवधेश यादव और चंदन जायसवाल उर्फ चंदू का जेसीबी को जलाया गया था. चंदन जायसवाल से प्रदीप गोप (भूमाफिया) का लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था. प्रदीप गोप ने दिनेश गोप से संपर्क किया और प्रदीप ने ही प्रशांत को एरिया कमांडर बनाने का पैरवी किया उसके बाद सुप्रीमो ने प्रशांत को एरिया कमांडर की जिम्मेदारी दी थी.
पीएलएफआई के खिलाफ कार्रवाई से खूंटी में आतंक का पर्याय रहे संगठन का वजूद धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी से कुछ दिन पूर्व ही जिला पुलिस ने रनिया क्षेत्र से पीएलएफआई के सब जोनल कमांडर और सुप्रीमो के खास सहयोगी रहे इनामी सुखराम गुड़िया को एके 47 राइफल के साथ गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की थी. उसके निशानदेही पर चाईबासा के गुदड़ी और बंदगांव थाना क्षेत्र के जंगली इलाकों से सुप्रीमो का निजी हथियार ऑटोमेटिक जर्मन राइफल एचके 33 सहित अन्य राइफल और हथियार, सैकड़ों गोलियां, दूरबीन सहित अन्य सामान बरामद किया था.
21 मई को दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस को संगठन के विरुद्ध लगातार सफलता मिल रही है. इस दौरान पुलिस ने संगठन का एक एके 56 रायफल, हजारों गोलियां अन्य हथियार विस्फोटक पदार्थ के अलावा दिनेश गोप की जीप को भी जमीन खोदकर बरामद कर लिया है. पुलिस के लगातार इन कार्रवाई से पीएलएफआई सदस्यों और संगठन के समर्थकों के बीच हड़कंप मचा है.