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Khunti News: अकूत संपत्ति बनाने वाला पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप अपना पुश्तैनी घर भी नहीं बचा सका, मां-बाप दूसरे के घर में रहने को हैं विवश

कहते हैं कि बुरे कर्मों से कमाए गए पैसे से आप खुशियां नहीं खरीद सकते हैं. ऐसा ही हुआ पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के साथ. उसने लेवी के जरिए अकूत संपत्ति तो अर्जित कर ली, पर अपने माता-पिता को एक छत नहीं दे सका. आज उसके बूढ़े माता-पिता दूसरे के घर में रहने को विवश हैं.

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Dinesh Gope Could Not Save His Ancestral Home
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Published : May 24, 2023, 3:25 PM IST

खूंटीः पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप अकूत संपत्ति बनाने के बावजूद अपना पुश्तैनी मकान नहीं बचा सका. आज वह जमीन खाली पड़ी जमीन है, जहां पहले खपड़ा का कच्चा मकान हुआ करता था और उस घर में दिनेश का बचपन बीता था. दिनेश ने कई सपने संजोए थे और सेना में भी जाने की तैयारी की थी, लेकिन आज वो घर मिट्टी में मिल गया. कुल मिलाकर माओवाद के खूनी खेल और दहशत के कारोबार से दिनेश ने अकूत संपत्ति तो अर्जित कर ली, लेकिन वर्तमान में उसका सब कुछ उजड़ गया. यहां तक की उसके माता-पिता भी बेघर हो गए.

ये भी पढ़ें-Dinesh Gope Arrested: कभी दोस्तों के साथ भैंस चराने वाला दिनेश गोप, आखिर कैसे बन गया नक्सलियों का सरगना

अकूत संपत्ति अर्जित कर ली, पर माता-पिता को नहीं दे सका छतः बता दें कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का दो दशक से खूंटी जिले में आतंक था. जिसे आज एनआईए ने गिरफ्तार कर सलाखों में भेज दिया है. बताया जाता है कि वक्त ने अनैतिक काम करने वाले को अपने ढंग से सजा दी है. करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाने वाले के माता-पिता आज दूसरे के घर में रहने को मजबूर हैं. 30 लाख का ईनामी नक्सली पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप झारखंड में करोड़ों की लेवी वसूल कर अकूत संपति अर्जित की, लेकिन अपने परिवार के लोगों को छत नहीं दे पाया.

दिनेश ने खूंटी में कई प्रमुख स्कूलों का निर्माण करायाः वर्तमान में उसके माता-पिता रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के एक गांव में करकट की झोपड़ीनुमा घर में गुजर-बसर करने के मजबूर हैं. दिनेश की चचेरी बहन और उसके पति के दिनेश के माता-पिता रहते हैं. हालांकि खूंटी में रसूख के बल पर दिनेश गोप ने कई स्कूलों का निर्माण कराया. जहां आज सैकड़ों बच्चे पढ़ाई करते हैं. 15 एकड़ में फैला रनिया स्तिथ विद्या विहार पब्लिक स्कूल जहां बच्चों के आने-जाने के लिए बसें हैं. स्कूल कैंपस में हॉस्टल भी मौजूद है यह स्कूल दिनेश गोप ने भी बनवाया था. जबकि कर्रा में भी एक स्कूल चलता है जिसे दिनेश गोप ने ही बनवाया था. साथ ही रनिया इलाके में उसने शिव और हनुमानजी की मंदिर का भी निर्माण कराया है, जहां आज भी पूजा होती है.

कुर्की के बाद दिनेश का पुश्तैनी घर किया गया था जमींदोजः लेकिन सवाल यह है कि रसूख के बल पर इतने काम करवाने के बावजूद दिनेश गोप अपने बूढ़े मां-बाप को छत नहीं दे सका. पुशतैनी जमीन तो है, लेकिन वर्तमान में घर नहीं है. कभी घर था, लेकिन पुलिस ने कुर्की कर उसे जमींदोज कर दिया. उसके बाद उसके माता-पिता बेघर हो गए. गौरतलब है कि दिनेश गोप को रविवार के दिन एनआईए गिरफ्तार कर रांची लाई थी. फिलहाल दिनेश गोप एनआईए के रिमांड पर है और अब तक कई राज उगल चुका है. बताया जा रहा है कि दिनेश ने अपने कई गुर्गों के भी नाम बताए हैं. बताया जाता है कि खूंटी के कई बड़े व्यापारी के अलावा ठेकेदारों से भी उसे मदद मिलती थी. हालांकि दिनेश गोप की गिरफ्तारी से खूंटी पुलिस और आम जनता खुश है, लेकिन एक ऐसा भी वर्ग है जो उसकी गिरफ्तारी से डरा हुआ है.

खूंटीः पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप अकूत संपत्ति बनाने के बावजूद अपना पुश्तैनी मकान नहीं बचा सका. आज वह जमीन खाली पड़ी जमीन है, जहां पहले खपड़ा का कच्चा मकान हुआ करता था और उस घर में दिनेश का बचपन बीता था. दिनेश ने कई सपने संजोए थे और सेना में भी जाने की तैयारी की थी, लेकिन आज वो घर मिट्टी में मिल गया. कुल मिलाकर माओवाद के खूनी खेल और दहशत के कारोबार से दिनेश ने अकूत संपत्ति तो अर्जित कर ली, लेकिन वर्तमान में उसका सब कुछ उजड़ गया. यहां तक की उसके माता-पिता भी बेघर हो गए.

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अकूत संपत्ति अर्जित कर ली, पर माता-पिता को नहीं दे सका छतः बता दें कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का दो दशक से खूंटी जिले में आतंक था. जिसे आज एनआईए ने गिरफ्तार कर सलाखों में भेज दिया है. बताया जाता है कि वक्त ने अनैतिक काम करने वाले को अपने ढंग से सजा दी है. करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाने वाले के माता-पिता आज दूसरे के घर में रहने को मजबूर हैं. 30 लाख का ईनामी नक्सली पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप झारखंड में करोड़ों की लेवी वसूल कर अकूत संपति अर्जित की, लेकिन अपने परिवार के लोगों को छत नहीं दे पाया.

दिनेश ने खूंटी में कई प्रमुख स्कूलों का निर्माण करायाः वर्तमान में उसके माता-पिता रांची जिले के नामकुम थाना क्षेत्र के एक गांव में करकट की झोपड़ीनुमा घर में गुजर-बसर करने के मजबूर हैं. दिनेश की चचेरी बहन और उसके पति के दिनेश के माता-पिता रहते हैं. हालांकि खूंटी में रसूख के बल पर दिनेश गोप ने कई स्कूलों का निर्माण कराया. जहां आज सैकड़ों बच्चे पढ़ाई करते हैं. 15 एकड़ में फैला रनिया स्तिथ विद्या विहार पब्लिक स्कूल जहां बच्चों के आने-जाने के लिए बसें हैं. स्कूल कैंपस में हॉस्टल भी मौजूद है यह स्कूल दिनेश गोप ने भी बनवाया था. जबकि कर्रा में भी एक स्कूल चलता है जिसे दिनेश गोप ने ही बनवाया था. साथ ही रनिया इलाके में उसने शिव और हनुमानजी की मंदिर का भी निर्माण कराया है, जहां आज भी पूजा होती है.

कुर्की के बाद दिनेश का पुश्तैनी घर किया गया था जमींदोजः लेकिन सवाल यह है कि रसूख के बल पर इतने काम करवाने के बावजूद दिनेश गोप अपने बूढ़े मां-बाप को छत नहीं दे सका. पुशतैनी जमीन तो है, लेकिन वर्तमान में घर नहीं है. कभी घर था, लेकिन पुलिस ने कुर्की कर उसे जमींदोज कर दिया. उसके बाद उसके माता-पिता बेघर हो गए. गौरतलब है कि दिनेश गोप को रविवार के दिन एनआईए गिरफ्तार कर रांची लाई थी. फिलहाल दिनेश गोप एनआईए के रिमांड पर है और अब तक कई राज उगल चुका है. बताया जा रहा है कि दिनेश ने अपने कई गुर्गों के भी नाम बताए हैं. बताया जाता है कि खूंटी के कई बड़े व्यापारी के अलावा ठेकेदारों से भी उसे मदद मिलती थी. हालांकि दिनेश गोप की गिरफ्तारी से खूंटी पुलिस और आम जनता खुश है, लेकिन एक ऐसा भी वर्ग है जो उसकी गिरफ्तारी से डरा हुआ है.

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