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खूंटी के गांवों में रंग दिखाने लगा 'जनशक्ति से जलशक्ति आंदोलन', पत्थलगड़ी समर्थक भी कर रहे हैं श्रमदान

खूंटी जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से जल संरक्षण को लेकर चलाये जा रहे जनशक्ति से जलशक्ति आंदोलन के तहत पिछले वर्ष से शुरू हुए मदईत परंपरा के बल पर बोरी बांध निर्माण के फेज टू का शुभारंभ शुक्रवार को मुरहू प्रखंड अंतर्गत हेठगांवा पंचायत के गुटीगड़ा गांव में किया गया. निर्माण कार्य में विवादित पत्थलगड़ी समर्थक कहे जाने वाले लोगों ने भी अपना योगदान दिया और गांव में एक खुशनुमा माहौल का निर्माण हुआ.

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बांध बनाते ग्रामीण
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Published : Oct 10, 2020, 6:13 PM IST

खूंटी/रांची: जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से जल संरक्षण को लेकर चलाये जा रहे 'जनशक्ति से जलशक्ति आंदोलन' से अब पूरा खूंटी जिला लगभग जुड़ता जा रहा है. इसे लेकर गांव-गांव में उत्साह का माहौल है. पिछले वर्ष से शुरू हुए 'मदईत परंपरा' के बल पर बोरीबांध निर्माण कार्य का फेज-टू खूंटी जिले में विवादित पत्थलगड़ी समर्थकों के गांव गुटीगड़ा से शुरू हुई. यह गांव मुरहू प्रखंड के हेठगांवा पंचायत में है. हालांकि दबी जुबान कुछ लोग जल संरक्षण के इस आंदोलन से दूर रहने का मन बना रहे थे, लेकिन सेवा वेलफेयर सोसाईटी, ग्राम प्रधान श्याम मुंडा के प्रयास और ग्रामीणों के समर्थन के बल पर बोरीबांध का निर्माण हो गया.

देखें पूरी खबर

निर्माण कार्य में विवादित पत्थलगड़ी समर्थक कहे जाने वाले लोगों ने भी अपना योगदान दिया और गांव में एक खुशनुमा माहौल का निर्माण हुआ. बोरीबांध बनने के बाद पांच फीट गहरा, 30 फीट चौड़े और लगभग 300 मीटर लंबे क्षेत्र में पानी लबालब भर गया है. बोरीबांध बनते ही इसका उपयोग भी शुरू हो गया, लोग बांध में नहाने और कपड़े धोने का काम शुरू कर दिया है. वहीं लगभग पांच एकड़ जमीन की जुताई पूरी कर ली गई है, जिसमें लेमनग्रास, तुलसी, पपीता की खेती करने की योजना ग्रामीणों ने बनाई है. इस गांव की ग्रामसभा और तीन स्थानों पर बोरीबांध बनाने का निर्णय लिया है. बीडीओ प्रदीप भगत ने इस कार्य के लिए सेवा वेलफेयर सोसाइटी और ग्रामसभा की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि गुटीगड़ा गांव में लोग पहले विकास योजनाओं से जुड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन अब परिस्थिति बदलती जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन गुटीगड़ा गांव के ग्रामीणों की भरपूर मदद करेगा. उन्होंने कहा कि बोरीबांध के निर्माण से ग्रामीणों को काफी लाभ होगा. प्रखंड के अन्य गांवों में भी बोरीबांध का निर्माण कराया जाएगा.

इस वर्ष गुणवत्ता पर जोर

सेवा वेलफेयर सोसाइटी के देवा हस्सा ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गुणवत्ता में सुधार लाकर युद्ध स्तर पर बोरीबांध का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि काफी गांवों से बोरीबांध बनाने का प्रस्ताव ग्रामसभाओं से सोसाइटी के पास आने लगी है. अब यह जनआंदोलन बन चुका है. इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर दो अवार्ड भी मिल चुके हैं.

इसे भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर धोनी की बेटी पर अभद्र टिप्पणी पर रांची में आक्रोश, प्रशंसकों ने कहा-आरोपियों को करें गिरफ्तार

मनरेगा से जुड़ेगा बोरीबांध मुहिम

बीडीओ ने बताया कि अब सरकार मनरेगा से बोरीबांध को जोड़ेगी. इसका मॉडल स्टीमेट लगभग तैयार है, ऐसा हुआ तो ग्रामीणों को दोहरा लाभ मिलेगा. जिला परियोजना पदाधिकारी बी अब्रार, बीडीओ प्रदीप भगत, जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन, आत्मा के उप परियोजना निदेशक अमरेश कुमार, मुखिया सुनीता पूर्ति, कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष सुशील पूर्ती, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष संगीता कुमारी सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष, कार्यकर्ता सुशील सोय, जेएसएलपीएस के बीपीओ लक्ष्मीनाथ पिंगुवा, रवि, समेत अन्य कार्यकर्ताओं, पंचायत सेवक समेत 80 ग्रामीणों ने श्रमदान किया.

खूंटी/रांची: जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से जल संरक्षण को लेकर चलाये जा रहे 'जनशक्ति से जलशक्ति आंदोलन' से अब पूरा खूंटी जिला लगभग जुड़ता जा रहा है. इसे लेकर गांव-गांव में उत्साह का माहौल है. पिछले वर्ष से शुरू हुए 'मदईत परंपरा' के बल पर बोरीबांध निर्माण कार्य का फेज-टू खूंटी जिले में विवादित पत्थलगड़ी समर्थकों के गांव गुटीगड़ा से शुरू हुई. यह गांव मुरहू प्रखंड के हेठगांवा पंचायत में है. हालांकि दबी जुबान कुछ लोग जल संरक्षण के इस आंदोलन से दूर रहने का मन बना रहे थे, लेकिन सेवा वेलफेयर सोसाईटी, ग्राम प्रधान श्याम मुंडा के प्रयास और ग्रामीणों के समर्थन के बल पर बोरीबांध का निर्माण हो गया.

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निर्माण कार्य में विवादित पत्थलगड़ी समर्थक कहे जाने वाले लोगों ने भी अपना योगदान दिया और गांव में एक खुशनुमा माहौल का निर्माण हुआ. बोरीबांध बनने के बाद पांच फीट गहरा, 30 फीट चौड़े और लगभग 300 मीटर लंबे क्षेत्र में पानी लबालब भर गया है. बोरीबांध बनते ही इसका उपयोग भी शुरू हो गया, लोग बांध में नहाने और कपड़े धोने का काम शुरू कर दिया है. वहीं लगभग पांच एकड़ जमीन की जुताई पूरी कर ली गई है, जिसमें लेमनग्रास, तुलसी, पपीता की खेती करने की योजना ग्रामीणों ने बनाई है. इस गांव की ग्रामसभा और तीन स्थानों पर बोरीबांध बनाने का निर्णय लिया है. बीडीओ प्रदीप भगत ने इस कार्य के लिए सेवा वेलफेयर सोसाइटी और ग्रामसभा की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि गुटीगड़ा गांव में लोग पहले विकास योजनाओं से जुड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन अब परिस्थिति बदलती जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन गुटीगड़ा गांव के ग्रामीणों की भरपूर मदद करेगा. उन्होंने कहा कि बोरीबांध के निर्माण से ग्रामीणों को काफी लाभ होगा. प्रखंड के अन्य गांवों में भी बोरीबांध का निर्माण कराया जाएगा.

इस वर्ष गुणवत्ता पर जोर

सेवा वेलफेयर सोसाइटी के देवा हस्सा ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गुणवत्ता में सुधार लाकर युद्ध स्तर पर बोरीबांध का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि काफी गांवों से बोरीबांध बनाने का प्रस्ताव ग्रामसभाओं से सोसाइटी के पास आने लगी है. अब यह जनआंदोलन बन चुका है. इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर दो अवार्ड भी मिल चुके हैं.

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मनरेगा से जुड़ेगा बोरीबांध मुहिम

बीडीओ ने बताया कि अब सरकार मनरेगा से बोरीबांध को जोड़ेगी. इसका मॉडल स्टीमेट लगभग तैयार है, ऐसा हुआ तो ग्रामीणों को दोहरा लाभ मिलेगा. जिला परियोजना पदाधिकारी बी अब्रार, बीडीओ प्रदीप भगत, जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन, आत्मा के उप परियोजना निदेशक अमरेश कुमार, मुखिया सुनीता पूर्ति, कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष सुशील पूर्ती, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष संगीता कुमारी सेवा वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष, कार्यकर्ता सुशील सोय, जेएसएलपीएस के बीपीओ लक्ष्मीनाथ पिंगुवा, रवि, समेत अन्य कार्यकर्ताओं, पंचायत सेवक समेत 80 ग्रामीणों ने श्रमदान किया.

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