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एक-दूजे का आशियाना उजाड़ रहे जानवर और इंसान, दो वर्षों में 16 मौत और 26 घायल - खूंटी में जंगलों की अवैध कटाई

खूंटी में जंगलों की अवैध कटाई के कारण जंगल के जानवर अब शहर में उत्पात मचा रहे हैं. पिछले कई सालों में हाथियों ने इंसान और उनके आशियाने को उजाड़ा है.

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Published : Dec 4, 2020, 10:33 PM IST

खूंटी: इंसानों ने जानवरों का आशियाना उजाड़ा तो अब जानवर इंसानों के आशियाने को उजाड़ रहे हैं. इंसानों पर हमला भी कर रहे हैं. खूंटी वन प्रमंडल क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से जंगली हाथियों का उत्पात कायम है. इन वर्षों में हाथियों ने न जाने कितने इंसान और उनके बनाए आशियानों को उजाड़ चुके हैं.

देखिए पूरी खबर

2 साल में 16 लोगों की मौत

हाथियों का आतंक जिले में कायम रहने का मूल कारण यही है कि हाथियों का घर इंसान तोड़ रहे हैं, जबकि इंसान का घर और जान हाथी तोड़ रहे हैं. दो वर्षों की बात करे तो हाथियों ने 16 लोगों की जान ली. 26 लोगों को घायल किया. 519 ग्रामीणों के फसलों को बर्बाद किया. 175 मकान तोड़े. इस जंग में वन विभाग पहल तो करता है, लेकिन लोगों सिर्फ मुआवजा देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है. आंकड़ों पर नजर डाले तो दो वर्षों के भीतर वन विभाग एक करोड़ 11 लाख 81 हजार रुपए का मुआवजा बांट चुकी है, लेकिन हाथियों का आतंक और जंगलों की कटाई जारी है.

जंगलों की कटाई से भटक रहे हाथी

डीएफओ भी मानते है कि जंगलों की अवैध कटाई के कारण हाथी भटक जाते हैं, जिससे इंसानों को जान माल का नुकसान उठाना पड़ता है. इंसान अब भी जानवरों के आशियाने को उजाड़ने से बाज नहीं आ रहे. इन दिनों दक्षिणी अड़की के जंगली इलाकों में धड़ल्ले से जंगलों की कटाई जारी है. तस्कर यहां के जंगलों का बगैर रोक-टोक सफाया कर रहे हैं. जंगलों में साल की मोटी-मोटी लकड़ियों को काटकर तस्करी के लिए जमा किया गया है. इसकी जानकारी जैसे ही वन विभाग को मिली तो त्वरित कार्रवाई करते हुए 90 साल के बोटे को अड़की के पडासु जंगल के रास्ते से जब्त किया और अज्ञात के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कांड दर्ज किया.

तस्करों पर हो रही कार्रवाई

इधर, वन विभाग खूंटी के डीएफओ कुलदीप मीणा का दावा है कि जो पहले हुआ वो अब वन क्षेत्रों में नहीं होगा. तीन माह पूर्व खूंटी के डीएफओ बने कुलदीप मीणा भी मानते हैं कि हाथियों के आशियाना उजड़ने के कारण हाथी इंसानों के आशियाने को उजाड़ते हैं. हालांकि, उन्होंने खूंटी डीएफओ का पदभार संभालते ही लकड़ी माफियाओं के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है और तीन माह के भीतर 15 केस कर चुके हैं. 20 बड़े वाहनों को सीज किया है और 23.80 घनमीटर लकड़ी जब्त की गई है, जबकि 21 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजवाया है.

इसके अलावा 61 नामजद लकड़ी तस्करों के खिलाफ वन अधिनियम 1927 के तहत कांड दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है, जिसमें रामगढ़ के सुरेश महती, रनिया निवासी जाउल खान, पतरातू के सुनील साव, दलबंगा के गांधी मुंडा के अलावा अन्य नामजद को जंगलों के अवैध कटाई करने का आरोपी बनाया गया है. डीएफओ ने बताया कि पुलिस के साथ सामंजस्य स्थापित कर कार्रवाई करेंगे. लकड़ी माफियाओं के खिलाफ पहले से ज्यादा सख्ती बरती जाएगी, जिससे जंगलों की कटाई रोकी जा सकती है.

खूंटी: इंसानों ने जानवरों का आशियाना उजाड़ा तो अब जानवर इंसानों के आशियाने को उजाड़ रहे हैं. इंसानों पर हमला भी कर रहे हैं. खूंटी वन प्रमंडल क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से जंगली हाथियों का उत्पात कायम है. इन वर्षों में हाथियों ने न जाने कितने इंसान और उनके बनाए आशियानों को उजाड़ चुके हैं.

देखिए पूरी खबर

2 साल में 16 लोगों की मौत

हाथियों का आतंक जिले में कायम रहने का मूल कारण यही है कि हाथियों का घर इंसान तोड़ रहे हैं, जबकि इंसान का घर और जान हाथी तोड़ रहे हैं. दो वर्षों की बात करे तो हाथियों ने 16 लोगों की जान ली. 26 लोगों को घायल किया. 519 ग्रामीणों के फसलों को बर्बाद किया. 175 मकान तोड़े. इस जंग में वन विभाग पहल तो करता है, लेकिन लोगों सिर्फ मुआवजा देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है. आंकड़ों पर नजर डाले तो दो वर्षों के भीतर वन विभाग एक करोड़ 11 लाख 81 हजार रुपए का मुआवजा बांट चुकी है, लेकिन हाथियों का आतंक और जंगलों की कटाई जारी है.

जंगलों की कटाई से भटक रहे हाथी

डीएफओ भी मानते है कि जंगलों की अवैध कटाई के कारण हाथी भटक जाते हैं, जिससे इंसानों को जान माल का नुकसान उठाना पड़ता है. इंसान अब भी जानवरों के आशियाने को उजाड़ने से बाज नहीं आ रहे. इन दिनों दक्षिणी अड़की के जंगली इलाकों में धड़ल्ले से जंगलों की कटाई जारी है. तस्कर यहां के जंगलों का बगैर रोक-टोक सफाया कर रहे हैं. जंगलों में साल की मोटी-मोटी लकड़ियों को काटकर तस्करी के लिए जमा किया गया है. इसकी जानकारी जैसे ही वन विभाग को मिली तो त्वरित कार्रवाई करते हुए 90 साल के बोटे को अड़की के पडासु जंगल के रास्ते से जब्त किया और अज्ञात के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कांड दर्ज किया.

तस्करों पर हो रही कार्रवाई

इधर, वन विभाग खूंटी के डीएफओ कुलदीप मीणा का दावा है कि जो पहले हुआ वो अब वन क्षेत्रों में नहीं होगा. तीन माह पूर्व खूंटी के डीएफओ बने कुलदीप मीणा भी मानते हैं कि हाथियों के आशियाना उजड़ने के कारण हाथी इंसानों के आशियाने को उजाड़ते हैं. हालांकि, उन्होंने खूंटी डीएफओ का पदभार संभालते ही लकड़ी माफियाओं के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है और तीन माह के भीतर 15 केस कर चुके हैं. 20 बड़े वाहनों को सीज किया है और 23.80 घनमीटर लकड़ी जब्त की गई है, जबकि 21 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजवाया है.

इसके अलावा 61 नामजद लकड़ी तस्करों के खिलाफ वन अधिनियम 1927 के तहत कांड दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है, जिसमें रामगढ़ के सुरेश महती, रनिया निवासी जाउल खान, पतरातू के सुनील साव, दलबंगा के गांधी मुंडा के अलावा अन्य नामजद को जंगलों के अवैध कटाई करने का आरोपी बनाया गया है. डीएफओ ने बताया कि पुलिस के साथ सामंजस्य स्थापित कर कार्रवाई करेंगे. लकड़ी माफियाओं के खिलाफ पहले से ज्यादा सख्ती बरती जाएगी, जिससे जंगलों की कटाई रोकी जा सकती है.

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