ETV Bharat / state

'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान की शुरुआत, मनरेगा आयुक्त ने कहा- विकास के लिए संकल्प जरूरी - खूंटी में मनरेगा कार्यक्रम

खूंटी में 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान की शुरुआत की गई. इस दौरान मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी सरकार को नसीहत देते नजर आए. उन्होंने कहा कि जब तक गांव के लोग स्वेच्छा से विकास का संकल्प नहीं लेंगे कोई भी सरकारी योजना धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकती.

mgnrega program in Khunti, 'pani roko paudha ropo' campaign in Khunti, news related to mgnrega, खूंटी में मनरेगा कार्यक्रम, खूंटी में 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान, मनरेगा से जुड़ी खबरें
खूंटी में 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान की शुरुआत
author img

By

Published : Jun 3, 2020, 8:35 PM IST

खूंटी: मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी सरकार को नसीहत दे रहे थे, या अपमान ये तो विभागीय सचिव जानें. लेकिन सोमवार को जब कर्रा के गुनी गांव से 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान की शुरुआत करने पूरा विभाग पहुंचा था. जहां सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि कल तक जो गांव विकास योजनाओं के घुर विरोधी थे, आज वही गांव की ग्रामसभा और सखी मंडल अकेले केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के तहत कार्य कर गांव की विकास में दिन-रात लगे हैं.

देखें पूरी खबर

'पानी रोको, पौधा रोपो'

मात्र एक से डेढ़ माह में 70 एकड़ भूमि में गुनी गांव की ग्रामसभा और सखी मंडलों ने टीसीबी खोद डाला. अब ग्रामीणों ने संकल्प ले लिया कि जब तक पूरे गांव की 400 एकड़ भूमि में टीसीबी नहीं बनेगा, तब तक गांव का कोई भी व्यक्ति बाहर मजदूरी-काम की खोज में नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें- आपसी वर्चस्व में मारा गया डॉन कुणाल सिंह, हत्याकांड का तार डब्लू सिंह गिरोह से जुड़ा

सरकार को नसीहत
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि मनरेगा अकेले ऐसी योजना है जो झारखंड ही नहीं देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचा सकता है. मनरेगा के तहत कार्य कर रहे मजदूरों को सौ दिन का रोजगार भी दिलाएगी, गांव को सूखा मुक्त भी बनाएगी और हरियाली के साथ-साथ आर्थिक विकास भी होगा.

ये भी पढ़ें- रुपहले पर्दे पर कोरोना का काला साया, सिनेमा जगत को भारी नुकसान

'विकास का संकल्प लेना होगा'
खूंटी में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सरकार को बताया कि जब तक गांव के लोग स्वेच्छा से विकास का संकल्प नहीं लेंगे कोई भी सरकारी योजना धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकती. कई बार सरकार जिले के उच्च पदाधिकारियों के साथ बैठक करती है तो अधिकारी कहते हैं कि गांव के लोग योजना लेना नहीं चाहते. ग्रामीण कहते हैं कि कभी सरकार गड्ढा खोदने कहती है, कभी गड्ढा बंद करने. इसी तरह सरकार की योजनाओं पर पानी फिर जाता है और विकास कार्य अवरुद्ध हो जाते हैं. कोई भी योजना धरातल पर तभी सफल होगी जब योजना के लिए अधिकारी ग्रामीणों के बीच विश्वास पैदा कर संकल्प लेने का जज्बा पैदा कर सकें. उन्होंने कहा कि योजनाएं तो आती रहेंगी, जाती रहेंगी, मगर गांव का विकास नहीं होगा.

खूंटी: मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी सरकार को नसीहत दे रहे थे, या अपमान ये तो विभागीय सचिव जानें. लेकिन सोमवार को जब कर्रा के गुनी गांव से 'पानी रोको, पौधा रोपो' अभियान की शुरुआत करने पूरा विभाग पहुंचा था. जहां सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि कल तक जो गांव विकास योजनाओं के घुर विरोधी थे, आज वही गांव की ग्रामसभा और सखी मंडल अकेले केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के तहत कार्य कर गांव की विकास में दिन-रात लगे हैं.

देखें पूरी खबर

'पानी रोको, पौधा रोपो'

मात्र एक से डेढ़ माह में 70 एकड़ भूमि में गुनी गांव की ग्रामसभा और सखी मंडलों ने टीसीबी खोद डाला. अब ग्रामीणों ने संकल्प ले लिया कि जब तक पूरे गांव की 400 एकड़ भूमि में टीसीबी नहीं बनेगा, तब तक गांव का कोई भी व्यक्ति बाहर मजदूरी-काम की खोज में नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें- आपसी वर्चस्व में मारा गया डॉन कुणाल सिंह, हत्याकांड का तार डब्लू सिंह गिरोह से जुड़ा

सरकार को नसीहत
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि मनरेगा अकेले ऐसी योजना है जो झारखंड ही नहीं देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचा सकता है. मनरेगा के तहत कार्य कर रहे मजदूरों को सौ दिन का रोजगार भी दिलाएगी, गांव को सूखा मुक्त भी बनाएगी और हरियाली के साथ-साथ आर्थिक विकास भी होगा.

ये भी पढ़ें- रुपहले पर्दे पर कोरोना का काला साया, सिनेमा जगत को भारी नुकसान

'विकास का संकल्प लेना होगा'
खूंटी में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सरकार को बताया कि जब तक गांव के लोग स्वेच्छा से विकास का संकल्प नहीं लेंगे कोई भी सरकारी योजना धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकती. कई बार सरकार जिले के उच्च पदाधिकारियों के साथ बैठक करती है तो अधिकारी कहते हैं कि गांव के लोग योजना लेना नहीं चाहते. ग्रामीण कहते हैं कि कभी सरकार गड्ढा खोदने कहती है, कभी गड्ढा बंद करने. इसी तरह सरकार की योजनाओं पर पानी फिर जाता है और विकास कार्य अवरुद्ध हो जाते हैं. कोई भी योजना धरातल पर तभी सफल होगी जब योजना के लिए अधिकारी ग्रामीणों के बीच विश्वास पैदा कर संकल्प लेने का जज्बा पैदा कर सकें. उन्होंने कहा कि योजनाएं तो आती रहेंगी, जाती रहेंगी, मगर गांव का विकास नहीं होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.