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खूंटी सदर अस्पताल में जंग खा रहा ऑक्सीजन प्लांट, नये संयंत्र की खरीदारी में जिला स्वास्थ्य विभाग!

Oxygen plants bad condition in Khunti. खूंटी सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट रखरखाव के अभाव में खराब हो रहे हैं. पीएम केयर फंड से करोड़ों के प्लांट के कलपुर्जों जंग खा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जिला स्वास्थ्य विभाग नये सेटअप की तैयारी कर रहा है. क्या है मामला, जानिए इस रिपोर्ट में.

Oxygen plants deteriorating due to lack of maintenance in Khunti Sadar Hospital
खूंटी सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट रखरखाव के अभाव में खराब हो रहे हैं
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 23, 2023, 12:14 PM IST

Updated : Nov 23, 2023, 12:51 PM IST

खूंटी सदर अस्पताल में जंग खा रहा ऑक्सीजन प्लांट, जानिए, क्या कहते हैं सिविल सर्जन

खूंटीः जिला के सदर अस्पताल में एक करोड़ की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट से मरीजों को भले ही ऑक्सीजन न मिल रहा हो. लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग फिर से लाखों खर्च कर एक और ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी में जुटा हुआ है.

कोरोना काल में लगे ऑक्सीजन प्लांट से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को पाइपलाइन से ऑक्सीजन देने योजना बनाई गयी थी. लेकिन खूंटी सदर अस्पताल के एमसीएच में शिफ्ट होने के कारण एक करोड़ का प्लांट बेकार हो गया. इसके बाद अब विभाग फिर से करोड़ों की लागत से एक और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. खूंटी में पीएम केयर फंड से राज्य का पहला ऑक्सीजन प्लांट जिला के सदर अस्पताल में लगाया गया था. कोरोना काल में इसका उपयोग भी हुआ लेकिन कोरोना के संक्रमण में कमी आने के बाद करोड़ों की लागत से बना ऑक्सीजन प्लांट एवं उसके लिए लगाए गये बड़े जेनरेटर का उपयोग सदर अस्पताल के मरीजों के उपचार में नहीं हो रहा, रखरखाव की कमी के कारण उपकरणों में जंग लग रहा है. एमसीएच परिसर में भी 100 लीटर प्रति मिनट क्षमता का एक और ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था.

खूंटी सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने कहा कि सदर अस्पताल में स्थान की कमी और मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में भर्ती योग्य मरीजों को प्री फेब्रिकेटेड अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल शिफ्ट होने के कारण पुराने परिसर में निर्मित ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग नहीं हो रहा. सिविल सर्जन ने कहा कि एमसीएच परिसर में ही 100 बेड का नया सदर अस्पताल भवन तैयार हो रहा है. जैसे ही वह भवन बनकर तैयार होगा पुराने ऑक्सीजन प्लांट को भी उस नए भवन के पास शिफ्ट कराया जाएगा.

हालांकि खूंटी सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने कहा कि एमसीएच में लगी प्लांट और बने अस्पताल की दूरी अधिक होने के कारण परेशानियां हो रहीं थी, जिसके कारण नई व्यवस्था की जा रही है. अब सवाल यह है कि पुराने और नए अस्पताल परिसर में कोरोना के समय करोड़ों की लागत से प्लांट बना लेकिन उसका उपयोग के बजाय करोड़ों की लागत से प्लांट आखिर क्यों लगाई जा रही है, उसी प्लांट को शिफ्ट क्यों नहीं किया जा रहा.

इसे भी पढ़ें- साहिबगंज सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट में लटका ताला, लाखों रुपया की मशीन पर जम रहा धूल

इसे भी पढ़ें- रामगढ़ सदर अस्पताल में मरीजों के डाइट पर डाका! मेन्यू के अनुसार नहीं मिल रहा भोजन

खूंटी सदर अस्पताल में जंग खा रहा ऑक्सीजन प्लांट, जानिए, क्या कहते हैं सिविल सर्जन

खूंटीः जिला के सदर अस्पताल में एक करोड़ की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट से मरीजों को भले ही ऑक्सीजन न मिल रहा हो. लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग फिर से लाखों खर्च कर एक और ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी में जुटा हुआ है.

कोरोना काल में लगे ऑक्सीजन प्लांट से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को पाइपलाइन से ऑक्सीजन देने योजना बनाई गयी थी. लेकिन खूंटी सदर अस्पताल के एमसीएच में शिफ्ट होने के कारण एक करोड़ का प्लांट बेकार हो गया. इसके बाद अब विभाग फिर से करोड़ों की लागत से एक और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. खूंटी में पीएम केयर फंड से राज्य का पहला ऑक्सीजन प्लांट जिला के सदर अस्पताल में लगाया गया था. कोरोना काल में इसका उपयोग भी हुआ लेकिन कोरोना के संक्रमण में कमी आने के बाद करोड़ों की लागत से बना ऑक्सीजन प्लांट एवं उसके लिए लगाए गये बड़े जेनरेटर का उपयोग सदर अस्पताल के मरीजों के उपचार में नहीं हो रहा, रखरखाव की कमी के कारण उपकरणों में जंग लग रहा है. एमसीएच परिसर में भी 100 लीटर प्रति मिनट क्षमता का एक और ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था.

खूंटी सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने कहा कि सदर अस्पताल में स्थान की कमी और मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में भर्ती योग्य मरीजों को प्री फेब्रिकेटेड अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल शिफ्ट होने के कारण पुराने परिसर में निर्मित ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग नहीं हो रहा. सिविल सर्जन ने कहा कि एमसीएच परिसर में ही 100 बेड का नया सदर अस्पताल भवन तैयार हो रहा है. जैसे ही वह भवन बनकर तैयार होगा पुराने ऑक्सीजन प्लांट को भी उस नए भवन के पास शिफ्ट कराया जाएगा.

हालांकि खूंटी सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने कहा कि एमसीएच में लगी प्लांट और बने अस्पताल की दूरी अधिक होने के कारण परेशानियां हो रहीं थी, जिसके कारण नई व्यवस्था की जा रही है. अब सवाल यह है कि पुराने और नए अस्पताल परिसर में कोरोना के समय करोड़ों की लागत से प्लांट बना लेकिन उसका उपयोग के बजाय करोड़ों की लागत से प्लांट आखिर क्यों लगाई जा रही है, उसी प्लांट को शिफ्ट क्यों नहीं किया जा रहा.

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Last Updated : Nov 23, 2023, 12:51 PM IST
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