खूंटी: रविवार को निक्की प्रधान की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर इतिहास रचा है. टीम ने क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में पहली बार कामयाब होकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है. भारत की तरफ से एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने दागा. टीम पूरे मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम पर हावी रही और लगातार अटैकिंग गेम जारी रखा.
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खिलाड़ियों के परिवार में उत्साह की लहर
सेमीफाइनल में पहुंचते ही टीम इंडिया के सदस्यों के परिवारों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. झारखंड के खूंटी जिले की एकमात्र डिफेंडर निक्की प्रधान के माता पिता ने खुशी जाहिर की है. निक्की के पिता ने कहा कि बेटी जरूर गोल्ड लेकर आएगी, जबकि निक्की की माता जीतन देवी टीवी स्क्रीन पर पूरा मैच देखकर भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी खेलते समय जब गिर जाती है, तो काफी तकलीफ होती है. लेकिन क्या करें, खेल में गिरना-संभलना तो लगा रहता है. मेरी बेटी निक्की गोल्ड लेकर जरूर आएगी.
कोच ने दी टीम को बधाई
इधर, निक्की प्रधान के गुरू दशरथ महतो ने भी पूरी टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में निक्की को ट्रेनिंग दी गई. निक्की शुरुआत से ही मेहनती थी, जिसका नतीजा है कि आज निक्की को पूरा देश जनता है और निक्की देश के लिए गोल्ड लेकर तो जरूर आएगी.
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युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद
निक्की के कोच दशरथ महतो का मानना है कि नक्सल प्रभावित इस खूंटी जिले के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना है, तो खेल के प्रति सरकार और सिस्टम को बढ़ावा देना होगा ताकि निक्की जैसे खिलाड़ियों को देखकर यहां भटके युवक मुख्यधारा से जुड़ेंगे. उन्होंने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि यहां के युवकों को खेल से जोड़ना बड़ी चुनौती थी. समय के मुताबिक लोग बदलते गए और खेल से जुड़ते गए. जिले का नाम रौशन करना है, तो यहां पर खेल को बढ़ावा देना होगा. प्रखड क्षेत्रों के गांव में प्लेग्राउंड बनाना होगा, जिससे लोग जुड़ेंगे तो गलत रास्ते पर जाने से बचेंगे.