खूंटी: जिले के तोरपा के महिला विकास केंद्र में मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने पानी की खेती (भुंगरु) विधि का उद्घाटन किया. खूंटी जिले में यह पहला जल संचयन भुंगरु स्थापित किया गया है. जल संचयन के इस भुंगरु विधि से लगभग 20 एकड़ से ज्यादा की भूमि सिंचित की जा सकती है. साथ ही बारिश में होने वाले पानी का संचयन भी भुंगरु विधि से आसानी से किया जा सकता है.
जल संकट की समस्या से निजात
बारिश के बाद होने वाले पानी की कमी को लेकर जिले में किया गया यह पहला प्रयास है. पानी की खेती जल संचयन की एक वैज्ञानिक विधि है. इस विधि से आसपास के जल स्रोतों को रिचार्ज करने में इसकी भूमिका अहम होती है. वाटर रिचार्ज के माध्यम से गर्मी का मौसम के आने से पहले ही जल संकट की समस्या से निजात पाया जा सकता है.
गांवों को मिलेगी गति
मनरेगा आयुक्त ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें गांव के विकास को प्राथमिकता देनी है. गांव का विकास होगा, तभी शहरों को भी जीवन मिलेगा. गांव के विकास के लिए गांव वालों को स्वयं आगे आकर पहल करनी होगी. साथ ही जो वैज्ञानिक तौर तरीके हैं, उसे भी ग्रामीणों तक पहुंचाना होगा और तकनीकी रूप से प्रशिक्षण देकर गांव के विकास को गति दी जा सकेगी.
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पानी की समस्या का समाधान
गांव में बनने वाले टीसीबी, मेढ़बंदी से अब लोगों को फायदा पहुंचने लगा है. कम बारिश के समय खेत में लगे फसलों के लिए टीसीबी से पानी की समस्या दूर होगी और फसलों को टीसीबी, मेढ़बंदी के माध्यम से जलसंकट की समस्या दूर की जा सकेगी. कार्यक्रम में महिला विकास केंद्र की सिस्टर मारियालीना, सिस्टर चारुशीला समेत अन्य लोग उपस्थित थे.