खूंटी: जिले में 15 वें वित्त आयोग की राशि से संचालित ग्रामीण विकास की योजनाओं को लेकर उपविकास आयुक्त की अध्य्क्षता में बैठक की गई. बैठक में 15 वें वित्त आयोग की पंचायतस्तरीय योजनाओं को जिलास्तरीय अनुमोदन के लिए और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए विचार विमर्श किया गया. डीडीसी ने बताया कि ग्राम पंचायतों में पेयजलापूर्ति समेत मनरेगा संबंधी कार्यों में तेजी लायी जाएगी.
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जिले की ग्राम पंचायतों में पेयजलापूर्ति समेत मनरेगा संबंधी कार्यों में तेजी लायी जाएगी. साथ ही अन्य कार्य भी जल्द पूरे होंगे. बैठक में मौजूद जिला परिषद सदस्यों ने प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों और ग्रामीण विकास से संबंधित विभाग के पदाधिकारियों पर जनप्रतिनिधियों की अवहेलना करने की बात कही. इसके अलावा शौचालय निर्माण, पेयजलापूर्ति समेत अन्य विकास कार्यों में ढिलाई बरतने का आरोप भी लगाया और अधूरे शौचालय का निर्माण कर पूरे गांव को खुले में शौच मुक्त बोर्ड लगाकर कागजी शौचालय निर्माण की बात कही.
जनप्रतिनिधियों का विरोध
जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए हैं. जिला परिषद सदस्यों ने डीडीसी से क्षेत्र की समस्याओं को बताया और कहा कि कागजों में योजना को पूर्ण कर उपलब्धि बटोरी जा रही है. शिकायत करने के बावजूद समाधान नहीं होता और न ही अधिकारी क्षेत्र का दौरा करते हैं.
जिला परिषद सदस्य का बयान
अड़की प्रखंड क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य चेतन पुराण ने भी सिस्टम के खिलाफ खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पत्थलगड़ी के नाम पर कई विकास योजनाओं की शुरुआत हुई लेकिन लगभग सभी योजनाएं धरातल पर कहीं नहीं हैं. हालांकि उन्होंने माना कि क्षेत्र के कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां ग्रामीण विरोध करते हैं, लेकिन वहां कभी जनजागरूकता लाई नहीं गई.
क्षेत्र में अधिकारियों के ग्रामीणों से नहीं मिलने के कारण ये समस्या आ खड़ी हो गई है. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टर नर्स का नहीं होना भी स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को दर्शाता है. इससे स्थानीय ग्रामीणों को लंबी दूरी तय कर मुख्यालय जाना पड़ता है. जिले के लगभग सभी प्रखड क्षेत्रों की समस्या एक जैसी है. अध्यक्ष ने बताया कि तोरपा इलाके में शौचालय बने ही नहीं, जबकि कागजों में उसे पूर्ण कर दिया गया. उन्होंने ये भी बताया कि अस्पताल भवन बनकर तैयार हैं, लेकिन वहां अब झाड़ियां के अलावा कुछ नहीं है.
शिकायत के बाद भी कोई सुधार नहीं
जानकारी के मुताबिक शिकायत करने के बाद भी कोई पहल नहीं होती और ना ही पदाधिकारी शिकायत का जवाब देते हैं. खूंटी से लेकर अड़की, मुरहू, तोरपा कर्रा प्रखंड के लगभग सभी जिला परिषद सदस्यों की शिकायत एक जैसी रही. इधर जिले के डीडीसी ने कहा कि शिकायत मिली है, जल्द ही समाधान करवाया जाएगा और अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर क्षेत्र का विकास होगा.