खूंटीः खूंटी जिला जल, जंगल जमीन की रक्षा के लिए भगवान बिरसा मुंडा के समय से ही आंदोलनरत रहा है. आंदोलन की बदौलत ब्रिटिश काल में जमीन की रक्षा के लिए सीएनटी एक्ट बना लेकिन वर्तमान में खूंटी की जल, जंगल,जमीन भगवान भरोसे है.
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वह इसलिए चूंकि खूंटी जिले में जमीन माफिया इस कदर सक्रिय हैं कि अब रैयती भूमि की आड़ में रैयती जमीन से सटे गैर मजरूआ सरकारी और वन भूमि की जमीन को भी माफिया चोरी छुपे प्लॉटिंग करने में जुटे हैं.
गैर मजरूआ सरकारी और वन भूमि के इलाके को झाड़ियों की कटाई छंटाई कर और कुछ पेड़ों को भी काटकर प्लॉटिंग के लिए नींव की खुदाई तक कर दी गयी है. रैयती भूमि के बीच-बीच स्थित वन भूमि को धड़ल्ले से जमीन माफिया खरीददारों के लिए चौड़ा रास्ता भी बनाकर रेडी करने में जुटे हैं. इसकी भनक न ही वन विभाग को है न ही जिला प्रशासन को.
ईटीवी की टीम जब विभागीय अधिकारियों से जानने उनके कार्यालय गई. वन पदाधिकारी से इस संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि वन भूमि में माफियाओं के कब्जे की छिटपुट सूचनाएं मिली हैं. सूचना के आधार पर संबंधित क्षेत्र के कर्मचारी,संबंधित क्षेत्र के मौजा के ग्रामसभाओं और सीओ से मामले की जानकारी एकत्रित की जाएगी और सरकारी नियमानुसार जांच कराई जाएगी.
सरकारी जमीनों की बंदोबस्ती
इधर जिले के अपर समाहर्त्ता ने कहा कि संबंधित राजस्व ग्राम के ग्रामप्रधानों, संबंधित कर्मचारी और अंचलाधिकारियों से गैर मजुरुआ सरकारी जमीन और वन भूमि का सत्यापन कराया जाएगा और जमीन माफियाओं द्वारा प्लॉटिंग कराए जाने पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
सवाल ये है कि जिले के खूंटी प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाली सरकारी व वनभूमि की जमीनों पर माफिया धड़ल्ले से जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं.तो क्या इसकी भनक प्रशासन को नहीं, क्या माफियाओं से सांठ गांठ है, निजी जमीनों की आड़ में सरकारी जमीनों की बंदोबस्ती करने में लगे है माफिया.
सूबे में सरकारी जमीनों को बेचे जाने की खबर आए दिन मीडिया की सुर्खियां रहती हैं, लेकिन अब भगवान विरसा मुंडा की धरती खूंटी में माफिया सरकारी जमीनों को बेच कर मालामाल हो रहे है. क्या भगवान बिरसा मुंडा के इस भूमि को बचा पाएगा जिला प्रशासन.