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Protest in Khunti: 'सर कटेगा लेकिन पेड़ नहीं कटेगा' के नारे से गूंजी खूंटी, सड़क पर उतरे ग्रामीण

खूंटी में अचानक सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए. ये लोग टोड़ागकेल गांव के आम बगीचे से पेड़ काटने का विरोध कर रहे थे. काफी मशक्कत के बाद प्रशासन ने इन्हें समझा कर वापस भेजा.

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Published : Feb 2, 2022, 10:38 AM IST

Updated : Feb 2, 2022, 11:05 AM IST

Khunti villagers protest
'सर कटेगा लेकिन पेड़ नहीं कटेगा' को नारे से गूंजा खूंटी

खूंटी: जिले में अचानक सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सड़क पर उतर गए. उनका प्लान जिला प्रशासन को घेरना था. सूचना जैसे ही महकमा को मिली तो पूरा सिस्टम सड़क पर उतर उन्हें समझाने लगा. दोपहर से शुरू हुआ ड्रामा शाम को खत्म हुआ, जब जिला प्रशासन ने लिखित तौर पर क्रोधित ग्रामीणों को आश्वासन दिया.

यह भा पढ़ें : जानिए कहां पेड़ का अंतिम संस्कार कर जताया विरोध

मामला टोड़ांगकेल गांव के एक आम बगीचे का है जहां छह पेड़ को काट दिया गया. इसका विरोध लोग कई दिनों से कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली. हाथों में तख्तियां लिए भीड़ को देखकर पुलिस भी कुछ देर के लिए हैरान हो गई कि आखिर ये अचानक क्या हो गया. मानो कि पूरा गांव सिस्टम को चुनौती देने निकल पड़ा हो. खूंटी पुलिस प्रशासन ने तत्काल इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया. पूरे शहर में पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए ताकि भीड़ किसी तरह कोई वारदात को अंजाम न दे सके.

सड़क पर उतरे ग्रामीण
दरअसल, टोड़ांगकेल गांव के आम बगीचा से दो तीन दिनों के भीतर आम के छह विशाल पेड़ काटे गए. जानकारी के अनुसार आम बगीचा वाले स्थल पर रैयत द्वारा निर्माण कार्य किया जाना है. इसलिए वन विभाग से अनुमति लेकर छह आम के पेड़ काटे गए. पेड़ कटने के बाद स्थानीय लोगों ने गांव में बैठक की और विरोध करने लगे. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार खूंटी पुलिस प्रशासन को पेड़ कटाई पर रोक लगाने की अर्जी दी गयी, लेकिन कटाई पर रोक नहीं लगायी गयी. ग्रामीणों ने बताया कि आम बगीचा स्थानीय ग्रामीणों का सामूहिक धरोहर है, इसलिए कटाई पर रोक लगनी चाहिए.

स्थानीय महिला पुरुष और युवा बड़ी संख्या में आम बगीचा के पेड़ कटाई के विरोध में एकजुट हुए और बैठक के बाद रैली की शक्ल में टोड़ांगकेल गांव बगीचा से सड़क मार्ग होते हुए खूंटी समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त कार्यालय का घेराव करने की रणनीति बनी थी. पेड़ कटाई पर रोक नहीं लगने के बाद गांव‌ के लोग उग्र हो गए और कई गांव की महिला, पुरुष उपायुक्त कार्यालय घेराव करने के लिए लाठी डंडा और बैनर पट्टा लिये निकले. उग्र रैली की सूचना मिलने पर खूंटी पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया और हुटुबदाग के पास बैरिकेडिंग लगाकर मार्ग अवरुद्ध किया गया.

रैली में शामिल ग्रामीणों को समझाने के लिए एसडीओ सैयद रियाज अहमद, डीएसपी अमित कुमार, एलआरडीसी जितेन्द्र मुंडा, कार्यपालक पदाधिकारी, सीओ आदि एकत्रीकरण स्थल पर पहुंचे लेकिन लोगों ने पेड़ लगाओ जीवन बचाओ, वृक्ष काटना बंद करो, जमीन दलाल होश में आओ, जन-जन तक संदेश पहुंचाना है पर्यावरण को बचाना है, सर कटेगा लेकिन पेड़ नहीं कटेगा आदि स्गलोन लिखकर नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यालय के लिए निकल पड़े. एसडीओ की अगुवाई में हुटुबदाग मंदिर के पास बैरिकेडिंग लगा दिए जाने से टांड़ के पास सभी जमा हो गए. खूंटी पुलिस प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से हुटुबदाग के पास ग्रामीणों से वार्त्ता की और सभी महिला पुरुषों को वापस लौटने का निर्देश दिया. एसडीओ ने स्थानीय ग्रामीणों को आगामी वृहस्पतिवार को संयुक्त ग्रामसभा की बैठक में आने का आश्वासन दिया तब ग्रामीण समाहरणालय का घेराव करने से पीछे हटे. एसडीओ ने बताया कि फिलहाल निर्माण कार्य और वृक्ष कटाई पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है ताकि जिले में लॉ एंड आर्डर की स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य बनी रहे.

खूंटी: जिले में अचानक सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सड़क पर उतर गए. उनका प्लान जिला प्रशासन को घेरना था. सूचना जैसे ही महकमा को मिली तो पूरा सिस्टम सड़क पर उतर उन्हें समझाने लगा. दोपहर से शुरू हुआ ड्रामा शाम को खत्म हुआ, जब जिला प्रशासन ने लिखित तौर पर क्रोधित ग्रामीणों को आश्वासन दिया.

यह भा पढ़ें : जानिए कहां पेड़ का अंतिम संस्कार कर जताया विरोध

मामला टोड़ांगकेल गांव के एक आम बगीचे का है जहां छह पेड़ को काट दिया गया. इसका विरोध लोग कई दिनों से कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली. हाथों में तख्तियां लिए भीड़ को देखकर पुलिस भी कुछ देर के लिए हैरान हो गई कि आखिर ये अचानक क्या हो गया. मानो कि पूरा गांव सिस्टम को चुनौती देने निकल पड़ा हो. खूंटी पुलिस प्रशासन ने तत्काल इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया. पूरे शहर में पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए ताकि भीड़ किसी तरह कोई वारदात को अंजाम न दे सके.

सड़क पर उतरे ग्रामीण
दरअसल, टोड़ांगकेल गांव के आम बगीचा से दो तीन दिनों के भीतर आम के छह विशाल पेड़ काटे गए. जानकारी के अनुसार आम बगीचा वाले स्थल पर रैयत द्वारा निर्माण कार्य किया जाना है. इसलिए वन विभाग से अनुमति लेकर छह आम के पेड़ काटे गए. पेड़ कटने के बाद स्थानीय लोगों ने गांव में बैठक की और विरोध करने लगे. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार खूंटी पुलिस प्रशासन को पेड़ कटाई पर रोक लगाने की अर्जी दी गयी, लेकिन कटाई पर रोक नहीं लगायी गयी. ग्रामीणों ने बताया कि आम बगीचा स्थानीय ग्रामीणों का सामूहिक धरोहर है, इसलिए कटाई पर रोक लगनी चाहिए.

स्थानीय महिला पुरुष और युवा बड़ी संख्या में आम बगीचा के पेड़ कटाई के विरोध में एकजुट हुए और बैठक के बाद रैली की शक्ल में टोड़ांगकेल गांव बगीचा से सड़क मार्ग होते हुए खूंटी समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त कार्यालय का घेराव करने की रणनीति बनी थी. पेड़ कटाई पर रोक नहीं लगने के बाद गांव‌ के लोग उग्र हो गए और कई गांव की महिला, पुरुष उपायुक्त कार्यालय घेराव करने के लिए लाठी डंडा और बैनर पट्टा लिये निकले. उग्र रैली की सूचना मिलने पर खूंटी पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया और हुटुबदाग के पास बैरिकेडिंग लगाकर मार्ग अवरुद्ध किया गया.

रैली में शामिल ग्रामीणों को समझाने के लिए एसडीओ सैयद रियाज अहमद, डीएसपी अमित कुमार, एलआरडीसी जितेन्द्र मुंडा, कार्यपालक पदाधिकारी, सीओ आदि एकत्रीकरण स्थल पर पहुंचे लेकिन लोगों ने पेड़ लगाओ जीवन बचाओ, वृक्ष काटना बंद करो, जमीन दलाल होश में आओ, जन-जन तक संदेश पहुंचाना है पर्यावरण को बचाना है, सर कटेगा लेकिन पेड़ नहीं कटेगा आदि स्गलोन लिखकर नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यालय के लिए निकल पड़े. एसडीओ की अगुवाई में हुटुबदाग मंदिर के पास बैरिकेडिंग लगा दिए जाने से टांड़ के पास सभी जमा हो गए. खूंटी पुलिस प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से हुटुबदाग के पास ग्रामीणों से वार्त्ता की और सभी महिला पुरुषों को वापस लौटने का निर्देश दिया. एसडीओ ने स्थानीय ग्रामीणों को आगामी वृहस्पतिवार को संयुक्त ग्रामसभा की बैठक में आने का आश्वासन दिया तब ग्रामीण समाहरणालय का घेराव करने से पीछे हटे. एसडीओ ने बताया कि फिलहाल निर्माण कार्य और वृक्ष कटाई पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है ताकि जिले में लॉ एंड आर्डर की स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य बनी रहे.

Last Updated : Feb 2, 2022, 11:05 AM IST
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