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वो फर्ज से थानेदार है कलम से कवि और हुनर से शूटर, इस रिपोर्ट से जानिए कौन हैं ये शख्स - दारोगा की कविताएं

थाना और पुलिस का ख्याल आते ही आंखों के सामने सलाखें और बंदूक लिए एक रौबदार चेहरा सामने आता है. लेकिन इस खाकी वर्दी और लोहे का पिस्टल थामने वाले भी इंसान हैं. उनके अंदर भी वेदना और संवेदनाओं से भरा एक दिल है. फर्ज और हुनर के साथ कलम के फनकार, कुछ ऐसे हैं खूंटी जिला के तोरपा के थानेदार. ईटीवी भारत की स्टेशल रिपोर्ट से जानिए, उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी.

Khunti Torpa Sub Inspector Satyajit Kumar also shooter and a good poet
खूंटी
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Published : Nov 22, 2022, 1:18 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 2:40 PM IST

खूंटीः 'सफेदपोशों, जुमलीबाजो जनता के ओह नायक! ओत-प्रोत हो, भाव विभोर हो, बन एक असली जननायक नहीं समय है अब केवल, भाषणों और बोली का मानवता मानस माने हम, अब दे दो छूट गोली का, कब तक बात करें रावणों से, यूं अपनों को खो-खोकर, हे लाल पिता पूज्यवर मेरे, कब तक संताप करें, रो-रोकर चुन चुनकर नष्ट कारों, अब आतंक का संहार करो'. कविता की ये चंद पंक्तियां काफी प्रभाव डालती है. झारखंड पुलिस के एक दारोगा ने ऐसी कई कविताएं लिखी हैं. इनकी लिखी कविता जल्द ही प्रकाशित होगी. दर्जनों कविता लिखने वाले ये दरोगा खूंटी जिला के तोरपा थाना में थाना प्रभारी हैं. कविता लिखने के साथ साथ वो एक अच्छे निशानेबाज भी हैं, और कोई नहीं ये हैं झारखंड पुलिस के 2018 बैच के सत्यजीत कुमार कुमार.

खूंटी जिला के तोरपा थाना क्षेत्र में अपराध मुक्त करने के बाद थानेदार सत्यजीत कविता लिखते हैं. थानेदार ने अब तक दर्जनों कविताएं लिखी हैं लेकिन उनकी लेखनी को कोई नहीं जानता और ना ही उनके परिवार वाले जानते हैं. इन्होंने कई मार्मिक कविताएं लिखी हैं, इनमें से एक कविता पुलवामा आतंकी घटना पर लिखी है, जिसका शीर्षक है 'पुलवामा का कायर कुंआ', इतना ही नहीं सत्यजीत कुमार ने और कई कविताएं लिखी हैं, जिनमें मुख्य रुप से 'फिर घिरा बादल संतास का' समेत कई कविताएं थानेदार ने लिखीं. तोरपा थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार काफी हुनरमंद हैं. सिर्फ कमल ही नहीं बंदूक में भी उनके हाथ काफी अच्छे हैं. निशानेबाजी में वो अव्वल हैं, बेहतर निशानेबाजी के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है. ट्रेनिंग सेंटर में एडीजी अनुराग गुप्ता जबकि रांची रेंज के डीआईजी अनीश गुप्ता द्वारा गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया. इस हुनरमंद और कलमकार थानेदार से ईटीवी भारत ने बातचीत की है.

देखें पूरी खबर

तोरपा थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत की. कविता लिखने की प्रेरणा को लेकर वो कहते हैं कि उनके अंतर्मन के मनोभाव को उजागर करने के लिए वो कविताएं लिखते हैं, लिखने का शौक उनको बचपन से ही रहा है. स्कूल में उन्हें इसके लिए काफी प्रशंसा मिली. लेकिन उनके बारे में एक बात है कि उनकी कविताओं के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है. ऐसे में वो मुस्कुराकर कहते हैं, उनकी मंशा जरूर है कि कविताएं प्रकाशित हों, फिलहाल इसे पर्दे में ही रहने देना चाहिए.

अपनी लिखी कविता की कुछ पंक्तियों से वो देश की स्थिति को बताया कि देश की सियासी हालात और देश सेवा में वीर सपूतों के बलिदान की मार्मिक तरीके से बताया है. सत्यजीत कुमार की लिखी कविता की कुछ पंक्तियों, 'सफेदपोशों, जुमलीबाजों, जनता के ओह!नायक। ओत-प्रोत हो, भाव विभोर हो, बन एक असली जननायक नही समय है अब केवल, भाषणों और बोली का मानवता मानस माने हम, अब दे दो छूट गोली का।। कब तक बात करें रावणों से, यूं अपनों को खो-खोकर। 'हे लाल पिता पूज्यवर मेरे' 'कब तक संताप करें रो-रोकर' चुन चुनकर नष्ट कारों, अब आतंक का संहार करो।। अब समय है, जागो हनुमन, सशस्त्रों से प्रहार करो।। तुम अजर हो, तुम त्रिकाल हो, स्वरूप दिखा चंगल का, पापियों, दुष्ट, दानवों भक्षण को, धारण कर महाकाल का, बहुत हो गया चुका ध्यान शोक्त का, निंदा नहीं चाहिए। जन्नत की मन्नत पूरा करने को, एक भी आतंकी जिंदा नही चाहिए भावभीनी हूं, ज्वाला प्रखर हूं, हूं मैं अति बड़भागी जो जन्म लिया जन्नत में, बनू अमर बीर अनुरागी... जैसी कई कविताएं इन्होंने लिखी है और इनका इरादा है कि ये जल्द ही लिखी कविताओं को प्रकाशित करेंगे.

Khunti Torpa Sub Inspector Satyajit Kumar also shooter and a good poet
निशानेबाजी में सत्यजीत कुमार को सम्मान

खूंटी जिला नक्सल और अफीम से बदनाम है और जिला में पदस्थापित दारोगाओं के दामन पर कई दाग लगते रहे है. लेकिन कुछ अफसर ऐसे भी है जो ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं. ऐसा ही है तोरपा थाना में पदस्थापित थानेदार सत्यजीत कुमार, तोरपा तो ऐसे नक्सल और अवैध बालू उत्खनन से प्रसिद्ध है और यहां का बालू खूंटी समेत रांची और रांची से रामगढ़ तक तस्करी होता है. लेकिन सत्यजीत कुमार जबसे तोरपा थाना की जिम्मेदारी संभाली है, इसने अपने दम पर अवैध खनन करने वालों पर अंकुश लगाया है. इनका दावा भी है कि पूर्व की तरह अवैध खनन नहीं होता है. खनन विभाग से समन्वय स्थापित कर अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करते रहे हैं. हालांकि इन्होंने ये भी बताया कि सिस्टम उन्हें कई बार रोका लेकिन वो नहीं रुके. इलाके में शांति बनी रहे इसके लिए ग्रामीणों से बेहतर संवाद बनाकर भटके युवकों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में काम भी किया जा रहा है.

खूंटीः 'सफेदपोशों, जुमलीबाजो जनता के ओह नायक! ओत-प्रोत हो, भाव विभोर हो, बन एक असली जननायक नहीं समय है अब केवल, भाषणों और बोली का मानवता मानस माने हम, अब दे दो छूट गोली का, कब तक बात करें रावणों से, यूं अपनों को खो-खोकर, हे लाल पिता पूज्यवर मेरे, कब तक संताप करें, रो-रोकर चुन चुनकर नष्ट कारों, अब आतंक का संहार करो'. कविता की ये चंद पंक्तियां काफी प्रभाव डालती है. झारखंड पुलिस के एक दारोगा ने ऐसी कई कविताएं लिखी हैं. इनकी लिखी कविता जल्द ही प्रकाशित होगी. दर्जनों कविता लिखने वाले ये दरोगा खूंटी जिला के तोरपा थाना में थाना प्रभारी हैं. कविता लिखने के साथ साथ वो एक अच्छे निशानेबाज भी हैं, और कोई नहीं ये हैं झारखंड पुलिस के 2018 बैच के सत्यजीत कुमार कुमार.

खूंटी जिला के तोरपा थाना क्षेत्र में अपराध मुक्त करने के बाद थानेदार सत्यजीत कविता लिखते हैं. थानेदार ने अब तक दर्जनों कविताएं लिखी हैं लेकिन उनकी लेखनी को कोई नहीं जानता और ना ही उनके परिवार वाले जानते हैं. इन्होंने कई मार्मिक कविताएं लिखी हैं, इनमें से एक कविता पुलवामा आतंकी घटना पर लिखी है, जिसका शीर्षक है 'पुलवामा का कायर कुंआ', इतना ही नहीं सत्यजीत कुमार ने और कई कविताएं लिखी हैं, जिनमें मुख्य रुप से 'फिर घिरा बादल संतास का' समेत कई कविताएं थानेदार ने लिखीं. तोरपा थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार काफी हुनरमंद हैं. सिर्फ कमल ही नहीं बंदूक में भी उनके हाथ काफी अच्छे हैं. निशानेबाजी में वो अव्वल हैं, बेहतर निशानेबाजी के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है. ट्रेनिंग सेंटर में एडीजी अनुराग गुप्ता जबकि रांची रेंज के डीआईजी अनीश गुप्ता द्वारा गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया. इस हुनरमंद और कलमकार थानेदार से ईटीवी भारत ने बातचीत की है.

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तोरपा थाना प्रभारी सत्यजीत कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत की. कविता लिखने की प्रेरणा को लेकर वो कहते हैं कि उनके अंतर्मन के मनोभाव को उजागर करने के लिए वो कविताएं लिखते हैं, लिखने का शौक उनको बचपन से ही रहा है. स्कूल में उन्हें इसके लिए काफी प्रशंसा मिली. लेकिन उनके बारे में एक बात है कि उनकी कविताओं के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है. ऐसे में वो मुस्कुराकर कहते हैं, उनकी मंशा जरूर है कि कविताएं प्रकाशित हों, फिलहाल इसे पर्दे में ही रहने देना चाहिए.

अपनी लिखी कविता की कुछ पंक्तियों से वो देश की स्थिति को बताया कि देश की सियासी हालात और देश सेवा में वीर सपूतों के बलिदान की मार्मिक तरीके से बताया है. सत्यजीत कुमार की लिखी कविता की कुछ पंक्तियों, 'सफेदपोशों, जुमलीबाजों, जनता के ओह!नायक। ओत-प्रोत हो, भाव विभोर हो, बन एक असली जननायक नही समय है अब केवल, भाषणों और बोली का मानवता मानस माने हम, अब दे दो छूट गोली का।। कब तक बात करें रावणों से, यूं अपनों को खो-खोकर। 'हे लाल पिता पूज्यवर मेरे' 'कब तक संताप करें रो-रोकर' चुन चुनकर नष्ट कारों, अब आतंक का संहार करो।। अब समय है, जागो हनुमन, सशस्त्रों से प्रहार करो।। तुम अजर हो, तुम त्रिकाल हो, स्वरूप दिखा चंगल का, पापियों, दुष्ट, दानवों भक्षण को, धारण कर महाकाल का, बहुत हो गया चुका ध्यान शोक्त का, निंदा नहीं चाहिए। जन्नत की मन्नत पूरा करने को, एक भी आतंकी जिंदा नही चाहिए भावभीनी हूं, ज्वाला प्रखर हूं, हूं मैं अति बड़भागी जो जन्म लिया जन्नत में, बनू अमर बीर अनुरागी... जैसी कई कविताएं इन्होंने लिखी है और इनका इरादा है कि ये जल्द ही लिखी कविताओं को प्रकाशित करेंगे.

Khunti Torpa Sub Inspector Satyajit Kumar also shooter and a good poet
निशानेबाजी में सत्यजीत कुमार को सम्मान

खूंटी जिला नक्सल और अफीम से बदनाम है और जिला में पदस्थापित दारोगाओं के दामन पर कई दाग लगते रहे है. लेकिन कुछ अफसर ऐसे भी है जो ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं. ऐसा ही है तोरपा थाना में पदस्थापित थानेदार सत्यजीत कुमार, तोरपा तो ऐसे नक्सल और अवैध बालू उत्खनन से प्रसिद्ध है और यहां का बालू खूंटी समेत रांची और रांची से रामगढ़ तक तस्करी होता है. लेकिन सत्यजीत कुमार जबसे तोरपा थाना की जिम्मेदारी संभाली है, इसने अपने दम पर अवैध खनन करने वालों पर अंकुश लगाया है. इनका दावा भी है कि पूर्व की तरह अवैध खनन नहीं होता है. खनन विभाग से समन्वय स्थापित कर अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करते रहे हैं. हालांकि इन्होंने ये भी बताया कि सिस्टम उन्हें कई बार रोका लेकिन वो नहीं रुके. इलाके में शांति बनी रहे इसके लिए ग्रामीणों से बेहतर संवाद बनाकर भटके युवकों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में काम भी किया जा रहा है.

Last Updated : Nov 22, 2022, 2:40 PM IST
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