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Illegal Sand Mining: अवैध बालू और पत्थर खनन के खिलाफ कार्रवाई, विभाग ने वसूला डेढ़ करोड़ रुपए का जुर्माना - बालू की तस्करी

खूंटी में खनन विभाग ने एक वित्तीय वर्ष में एक करोड़ 30 लाख रुपए का जुर्माना अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई कर वसूलने का दावा किया है. खनन पदाधिकारी ने दावा किया है कि बालू की तस्करी की शिकायत अब नहीं होगी.

khunti Mining Department recovered fine
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Published : Apr 5, 2023, 1:15 PM IST

खूंटी: अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई का दावा करने वाले खनन विभाग ने एक वित्तीय वर्ष में एक करोड़ 30 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है. जिले के तोरपा रनिया और कर्रा प्रखंड क्षेत्र के नदियों से रोजाना 100 से अधिक हाइवा अवैध बालू का परिवहन होता है. जिले में एनजीटी लागू हो या सरकार का सख्त आदेश, यहां के माफिया किसी की नहीं सुनते और ना ही उन्हें किसी का खौफ है. खुलेआम दिनदहाड़े नदियों से बालू उठाव होता है और देर शाम तस्करी का खेल शुरू हो जाता है. बावजूद खनन विभाग के सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार लगभग डेढ़ करोड़ रुपए वसूल लेना बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है, लेकिन सवाल यह है कि क्या अवैध बालू और पत्थर की तस्करी रोकने में प्रशासन कामयाब हो पायेगा?

यह भी पढ़ें: Giridih News: जान जोखिम में डाल चलती ट्रेन पर चढ़ कोयला चोरी कर रहा संगठित गिरोह, सीसीएल को लाखों का नुकसान

झारखंड का खूंटी जिला ही ऐसा इकलौता जिला है, जहां से पहली बार खनन विभाग ने अवैध खनन करने वाले वाहनों से डेढ़ करोड़ रुपए के लगभग फाइन वसूला है. लेकिन विभाग अवैध खनन को रोकने में नाकाम रहा है. नतीजतन जिले में लगातार कई वर्षों से अवैध पत्थर खदान और बालू का उत्खनन जारी है.

पिछले दो सालों में अवैध खनन पर कसा शिकंजा: अवैध खनन के कारण लाखों करोड़ों रुपये राजस्व की हानि भी सरकार को झेलनी पड़ती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों में जिला खनन विभाग ने अवैध पत्थर खनन और अवैध बालू उत्खनन पर शिकंजा कसा है. राजधानी नजदीक होने के कारण और सड़कों का जाल बिछने के कारण अवैध खनन मामले में पत्थर और बालू माफिया पुलिस प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर बच निकलते थे. रनियां, सोदे, तोरपा, तपकरा, मरचा, कर्रा, जरियागढ़, डोड़मा समेत विभिन्न इलाकों से बालू माफिया रात के अंधेरे में बालू की तस्करी कर सरकार को लगातार चूना लगाते रहे. लेकिन हाल के 2 वर्षों में पत्थर माफिया और बालू माफिया पर खनन विभाग ने नई रणनीति के तहत अवैध पत्थर और अवैध बालू की ढुलाई पर शिकंजा कसा है. बालू की तस्करी में कुछ सफेदपोश के साथ-साथ प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भी सक्रिय थे, लेकिन लगातार पुलिस प्रशासन और खनन विभाग की सक्रियता ने अवैध बालू ढुलाई पर आंशिक नियंत्रण किया और लाखों सीएफटी बालू जब्त कर तीन डंपिंग यार्ड बनाकर उसे सुरक्षित किया है.

यह भी पढ़ें: Illegal Business Of Sand: हजारीबाग के चौपारण में अवैध बालू लदे पांच ट्रैक्टर जब्त, चालकों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल

जब्त बालू की नीलामी की तैयारी: जिले के रनिया और डोड़मा के अलग अलग इलाकों में लाखों सीएफटी बालू जब्त कर नीलामी की तैयारी चल रही है. साथ ही जिला खनन पदाधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि जिन्हें बालू और पत्थर की जरूरत है, वैसे लोग निर्धारित सरकारी दर पर भुगतान कर चालान के साथ बालू और पत्थर की डिमांड पूरी कर सकते हैं. साथ ही अवैध बालू और पत्थर तस्करी और तस्करों पर लगाम लगाने की एक रणनीति बनाई गई है. जल्द ही रणनीति के साथ कार्य किया जाएगा और अवैध खनन पर रोक लगाई जाएगी. उन्होंने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही घाटों की नीलामी होगी और सरकार को लाभ मिलेगा.

जिले के तोरपा रनिया और कर्रा प्रखंड क्षेत्र के नदियों से बालू उठाव मामले पर उन्होंने कहा कि पूर्व में क्या हुआ टिप्पणी नहीं की जा सकती, लेकिन हाल के वर्षो में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई बढ़ी है और लाखों टन बालू सीज किया गया है. कई दर्जन हाइवा जब्त हुआ और माफियाओं के खिलाफ एफआईआर की गई, जिसके कारण उनका मनोबल टूटा है. आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी. साथ ही खनन विभाग के पदाधिकारी ने दावा किया है कि अब क्षेत्र से बालू की तस्करी की शिकायत नहीं होगी.

खूंटी: अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई का दावा करने वाले खनन विभाग ने एक वित्तीय वर्ष में एक करोड़ 30 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है. जिले के तोरपा रनिया और कर्रा प्रखंड क्षेत्र के नदियों से रोजाना 100 से अधिक हाइवा अवैध बालू का परिवहन होता है. जिले में एनजीटी लागू हो या सरकार का सख्त आदेश, यहां के माफिया किसी की नहीं सुनते और ना ही उन्हें किसी का खौफ है. खुलेआम दिनदहाड़े नदियों से बालू उठाव होता है और देर शाम तस्करी का खेल शुरू हो जाता है. बावजूद खनन विभाग के सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार लगभग डेढ़ करोड़ रुपए वसूल लेना बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है, लेकिन सवाल यह है कि क्या अवैध बालू और पत्थर की तस्करी रोकने में प्रशासन कामयाब हो पायेगा?

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झारखंड का खूंटी जिला ही ऐसा इकलौता जिला है, जहां से पहली बार खनन विभाग ने अवैध खनन करने वाले वाहनों से डेढ़ करोड़ रुपए के लगभग फाइन वसूला है. लेकिन विभाग अवैध खनन को रोकने में नाकाम रहा है. नतीजतन जिले में लगातार कई वर्षों से अवैध पत्थर खदान और बालू का उत्खनन जारी है.

पिछले दो सालों में अवैध खनन पर कसा शिकंजा: अवैध खनन के कारण लाखों करोड़ों रुपये राजस्व की हानि भी सरकार को झेलनी पड़ती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों में जिला खनन विभाग ने अवैध पत्थर खनन और अवैध बालू उत्खनन पर शिकंजा कसा है. राजधानी नजदीक होने के कारण और सड़कों का जाल बिछने के कारण अवैध खनन मामले में पत्थर और बालू माफिया पुलिस प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर बच निकलते थे. रनियां, सोदे, तोरपा, तपकरा, मरचा, कर्रा, जरियागढ़, डोड़मा समेत विभिन्न इलाकों से बालू माफिया रात के अंधेरे में बालू की तस्करी कर सरकार को लगातार चूना लगाते रहे. लेकिन हाल के 2 वर्षों में पत्थर माफिया और बालू माफिया पर खनन विभाग ने नई रणनीति के तहत अवैध पत्थर और अवैध बालू की ढुलाई पर शिकंजा कसा है. बालू की तस्करी में कुछ सफेदपोश के साथ-साथ प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भी सक्रिय थे, लेकिन लगातार पुलिस प्रशासन और खनन विभाग की सक्रियता ने अवैध बालू ढुलाई पर आंशिक नियंत्रण किया और लाखों सीएफटी बालू जब्त कर तीन डंपिंग यार्ड बनाकर उसे सुरक्षित किया है.

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जब्त बालू की नीलामी की तैयारी: जिले के रनिया और डोड़मा के अलग अलग इलाकों में लाखों सीएफटी बालू जब्त कर नीलामी की तैयारी चल रही है. साथ ही जिला खनन पदाधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि जिन्हें बालू और पत्थर की जरूरत है, वैसे लोग निर्धारित सरकारी दर पर भुगतान कर चालान के साथ बालू और पत्थर की डिमांड पूरी कर सकते हैं. साथ ही अवैध बालू और पत्थर तस्करी और तस्करों पर लगाम लगाने की एक रणनीति बनाई गई है. जल्द ही रणनीति के साथ कार्य किया जाएगा और अवैध खनन पर रोक लगाई जाएगी. उन्होंने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही घाटों की नीलामी होगी और सरकार को लाभ मिलेगा.

जिले के तोरपा रनिया और कर्रा प्रखंड क्षेत्र के नदियों से बालू उठाव मामले पर उन्होंने कहा कि पूर्व में क्या हुआ टिप्पणी नहीं की जा सकती, लेकिन हाल के वर्षो में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई बढ़ी है और लाखों टन बालू सीज किया गया है. कई दर्जन हाइवा जब्त हुआ और माफियाओं के खिलाफ एफआईआर की गई, जिसके कारण उनका मनोबल टूटा है. आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी. साथ ही खनन विभाग के पदाधिकारी ने दावा किया है कि अब क्षेत्र से बालू की तस्करी की शिकायत नहीं होगी.

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