ETV Bharat / state

Khunti Education News: आदिवासी बच्ची ने किया जेईई एडवांस क्रैक, ऐसे पाई सफलता - झारखंड न्यूज

खूंटी के अति नक्सल प्रभावित इलाके सोदे गांव की आदिवासी बच्ची ने जेईई एडवांस में सफलता का परचम लहराया है.

Khunti Education News
आदिवासी बच्ची सुचिता ने पास की जेईई एडवांस
author img

By

Published : Jun 20, 2023, 3:54 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 6:19 PM IST

देखें पूरी खबर

खूंटी: जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र रनिया के सोदे की एक आदिवासी की बेटी अब इंजीनियर बनेगी. जेईई एडवांस की परीक्षा पास कर ली है. आदिवासी किसान की बेटी सुचिता सुरीन ने 2348 रैंक हासिल किया है. सुचिता के पिता बिरसा सुरीन पेशे से किसान हैं. उसकी मां सुकवारो सुरीन गृहिणी हैं.

ये भी पढ़ें: खूंटीः स्कूल में जमीन पर बैठ बच्चे करते है पढ़ाई, शिक्षक के अभाव में धूल फांक रहा है कम्प्यूटर

सुचिता की पांच बहनें और एक छोटा भाई है. सुचिता की प्रारंभिक पढ़ाई गांव के ही आरसी मध्य विद्यालय में हुई और इसके बाद 2017 में उसका नामांकन रनिया के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हुई. जहां से दसवीं पास करने के बाद 2020 में खूंटी के कालामाटी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में 11वीं कक्षा में नामांकन हुआ. यहां उसने सपनों की उड़ान कार्यक्रम के तहत इंजीनियरिंग की तैयारी शुरू की और स्कूल की शिक्षिका ज्योति कुमारी और रेणूका कुमारी ने उसे प्रोत्साहित किया. पहले जेइइ मेंस की परीक्षा उत्तीर्ण की.

इसके बाद एडवांस की तैयारी भी की. इसके लिए लगभग तीन से चार घंटे की कोचिंग और खुद से तीन-चार घंटे की पढ़ाई करती थी. जेईई एडवांस में पास होने पर सुचिता सुरीन ने कहा कि वह अच्छा इंजीनियर बनना चाहती है. सपना पूरा होने पर उसने विशेष रूप से खूंटी जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

खूंटी डीसी शशि रंजन ने एक वर्ष पूर्व सपनों की उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत की. उसके बाद गांव देहात के बच्चों को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया और धीरे धीरे गांव के बच्चे इससे जुड़ने लगे. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना और उसे बेहतर शिक्षा मिले इसे लेकर जिला प्रशासन लगातार प्रयास करती रही. सपनो की उड़ान कार्यक्रम से जिले के लगभग 17 आदिवासी बच्चियों ने मेडिकल व जेईई में क्वालीफाई किया है.

देखें पूरी खबर

खूंटी: जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र रनिया के सोदे की एक आदिवासी की बेटी अब इंजीनियर बनेगी. जेईई एडवांस की परीक्षा पास कर ली है. आदिवासी किसान की बेटी सुचिता सुरीन ने 2348 रैंक हासिल किया है. सुचिता के पिता बिरसा सुरीन पेशे से किसान हैं. उसकी मां सुकवारो सुरीन गृहिणी हैं.

ये भी पढ़ें: खूंटीः स्कूल में जमीन पर बैठ बच्चे करते है पढ़ाई, शिक्षक के अभाव में धूल फांक रहा है कम्प्यूटर

सुचिता की पांच बहनें और एक छोटा भाई है. सुचिता की प्रारंभिक पढ़ाई गांव के ही आरसी मध्य विद्यालय में हुई और इसके बाद 2017 में उसका नामांकन रनिया के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हुई. जहां से दसवीं पास करने के बाद 2020 में खूंटी के कालामाटी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में 11वीं कक्षा में नामांकन हुआ. यहां उसने सपनों की उड़ान कार्यक्रम के तहत इंजीनियरिंग की तैयारी शुरू की और स्कूल की शिक्षिका ज्योति कुमारी और रेणूका कुमारी ने उसे प्रोत्साहित किया. पहले जेइइ मेंस की परीक्षा उत्तीर्ण की.

इसके बाद एडवांस की तैयारी भी की. इसके लिए लगभग तीन से चार घंटे की कोचिंग और खुद से तीन-चार घंटे की पढ़ाई करती थी. जेईई एडवांस में पास होने पर सुचिता सुरीन ने कहा कि वह अच्छा इंजीनियर बनना चाहती है. सपना पूरा होने पर उसने विशेष रूप से खूंटी जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है.

खूंटी डीसी शशि रंजन ने एक वर्ष पूर्व सपनों की उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत की. उसके बाद गांव देहात के बच्चों को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया और धीरे धीरे गांव के बच्चे इससे जुड़ने लगे. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना और उसे बेहतर शिक्षा मिले इसे लेकर जिला प्रशासन लगातार प्रयास करती रही. सपनो की उड़ान कार्यक्रम से जिले के लगभग 17 आदिवासी बच्चियों ने मेडिकल व जेईई में क्वालीफाई किया है.

Last Updated : Jun 20, 2023, 6:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.