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धान खरीद को लेकर कड़िया मुंडा ने साधा रामेश्वर उरांव पर निशाना, कहा- बिचौलियों को फायदा पहुंचा रही सरकार

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Published : Dec 2, 2020, 8:31 PM IST

धान खरीद को लेकर सूबे में राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है. सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के 15 फरवरी तक धान खरीद किए जाने वाले बयान पर पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने निशाना साधा है.

करिया मुंडा
करिया मुंडा

खूंटी: झारखंड में 1 दिसंबर से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्य के खाद्य आपूर्ति सह वित्तमंत्री डाॅ. रामेश्वर उरांव ने बुधवार को कहा है कि राज्य में 15 फरवरी तक धान की खरीद जाएगी. उनके दिए गए इस बयान पर खूंटी के पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने जमकर रामेश्वर उरांव पर निशाना साधा है.

देखें पूरी खबर

बिचौलियों को पहुंचेगा लाभ

मंत्री को कड़िया ने दो टूक कहा कि धान के बारे में जानकारी नही और नमी का हवाला देकर रोक लगा दी है. कड़िया ने कहा कि धान को खलिहान में सुखाया जाता है, तब बेचा जाता है. किसान अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए धान क्रय केंद्र में धान बेचते हैं. अब लोग धान अपने घरों में जमा कर नहीं रखते, बल्कि आर्थिक जरूरतों के लिए खलिहान से सीधे बाजार में बेचते हैं. लेकिन सरकार की ओर से 15 फरवरी तक धान क्रय केंद्र को बंद रखने का निर्णय किसानों को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाला निर्णय है. इससे सरकार को घाटा नहीं बल्कि बिचौलियों को लाभ पहुंचेगा.

ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री करेंगे सत्तारूढ़ दल के सभी विधायकों के साथ बैठक

किसानों के साथ नाइंसाफी

पूर्व सांसद कड़िया ने कहा कि कई किसानों के घर में शादी का खर्च बेचे गए धान की रकम से होती है. साथ ही वे अन्य पर्व त्योहार के खर्च का जुगाड़ धान बेचकर करते हैं. ऐसे में धान क्रय केंद्र का 15 दिनों तक बंद रहना किसानों के साथ नाइंसाफी है. किसान अब औने-पौने दाम में खुले बाजार में धान का विक्रय करेंगे और अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूर्ण करेंगे.

खूंटी: झारखंड में 1 दिसंबर से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्य के खाद्य आपूर्ति सह वित्तमंत्री डाॅ. रामेश्वर उरांव ने बुधवार को कहा है कि राज्य में 15 फरवरी तक धान की खरीद जाएगी. उनके दिए गए इस बयान पर खूंटी के पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने जमकर रामेश्वर उरांव पर निशाना साधा है.

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बिचौलियों को पहुंचेगा लाभ

मंत्री को कड़िया ने दो टूक कहा कि धान के बारे में जानकारी नही और नमी का हवाला देकर रोक लगा दी है. कड़िया ने कहा कि धान को खलिहान में सुखाया जाता है, तब बेचा जाता है. किसान अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए धान क्रय केंद्र में धान बेचते हैं. अब लोग धान अपने घरों में जमा कर नहीं रखते, बल्कि आर्थिक जरूरतों के लिए खलिहान से सीधे बाजार में बेचते हैं. लेकिन सरकार की ओर से 15 फरवरी तक धान क्रय केंद्र को बंद रखने का निर्णय किसानों को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाला निर्णय है. इससे सरकार को घाटा नहीं बल्कि बिचौलियों को लाभ पहुंचेगा.

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किसानों के साथ नाइंसाफी

पूर्व सांसद कड़िया ने कहा कि कई किसानों के घर में शादी का खर्च बेचे गए धान की रकम से होती है. साथ ही वे अन्य पर्व त्योहार के खर्च का जुगाड़ धान बेचकर करते हैं. ऐसे में धान क्रय केंद्र का 15 दिनों तक बंद रहना किसानों के साथ नाइंसाफी है. किसान अब औने-पौने दाम में खुले बाजार में धान का विक्रय करेंगे और अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूर्ण करेंगे.

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