खूंटी: ओलंपिक में खूंटी और सिमडेगा की दो बेटियों के बेहतर प्रदर्शन के बाद अब जिले में अन्य खेलों के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान बढ़ने लगा है. सीआरपीएफ-94 बटालियन की तरफ से स्व. टी मुचिराय मुंडा की स्मृति में तीन दिवसीय कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया.
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41 टीमों ने लिया हिस्सा
पहली बार जिले में कबड्डी टूर्नामेंट में 41 बालक-बालिका की टीमों ने हिस्सा लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेलो इंडिया के सपने को आगे बढ़ाया है. तीन दिवसीय कबड्डी टूर्नामेंट में बालक और बालिका वर्ग में विजयी प्रथम, द्वितीय और तृतीय टीमों को ट्रॉफी और मेडल देकर सम्मानित किया गया. शनिवार को संपन्न फाइनल राउंड के टूर्नामेंट में बालिका वर्ग में सुपर 7 स्टार की टीम प्रथम स्थान पर रही. मिनी जंफर की टीम दूसरे स्थान पर रही. बालक वर्ग में सुपर 7 स्टार खूंटी पहले, शक्तिपुंज की टीम दूसरे, और वर्दी मेरा जुनून टीम तीसरे स्थान पर रही. विजयी सभी टीम के खिलाड़ी ट्रॉफी और मेडल लेकर उत्साहित नजर आए.
खेलों के प्रति युवाओं का बढ़ रहा रुझान
बतौर मुख्य अतिथि सीआरपीएफ-94 बटालियन के कमांडेंट राधेश्याम सिंह ने कहा कि ओलंपिक में झारखंड की दो बेटियां सलीमा टेटे और निक्की प्रधान ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. अब उनसे प्रेरणा लेकर अन्य खेलों की ओर भी युवाओं का रुझान बढ़ने लगा है. उन्होंने कहा कि जब आप सपने देखते हैं तो उसकी दिशा में आगे बढ़ने का प्रयत्न करते हैं. जब आप निचले स्तर से अपनी प्रतिभा को तराशेंगे तो निश्चित ही राज्य स्तरीय और फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे.
राधेश्याम सिंह ने बताया कि खेल के लिए तीन चीजें जरूरी हैं- फिटनेस, टीम स्पिरिट और मानसिक सुदृढ़ता. तीनों कैटेगरी में अगर खूंटी के बालक-बालिका अपनी प्रतिभा को तराशेंगे तो निश्चित ही अन्य खेलों में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम लहरायेंगे. फाइनल कबड्डी टूर्नामेंट में सीआरपीएफ-94 बटालियन के साथ-साथ शक्तिपुंज ट्रेवल्स के अरुण साबू, बिरसा कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य समेत भगवान बिरसा मुंडा कबड्डी संघ के अमित महतो, सुमित कुमार, गौतम नाग, रोहित, आशा कुमारी, कुमार ब्रजकिशोर, शिव समेत अन्य सदस्य शामिल थे.