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लॉकडाउन में वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रहे न्यायिक कार्य, मानव तस्कर को मिली जमानत

कोरोना महामारी को लेकर हुए लॉकडाउन में जहां सभी कार्य स्थगित हैं. वहीं न्यायिक कार्य वीडियो कॉलिंग के जरिए संभव हो पा रहे हैं. शनिवार को खूंटी के अधिवक्ता विशाल कुमार राय ने वीडियो कॉलिंग से अपील वाद की पैरवी कर अपने मुवक्किल को जमानत दिलायी.

Judicial work
न्यायिक कार्य
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Published : Apr 19, 2020, 2:04 PM IST

Updated : May 24, 2020, 8:57 PM IST

खूंटी: कोरोना महामारी को देखते हुए झारखंड उच्च न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आवश्यक वादों का निपटारा हो रहा है. इसी व्यवस्था के तहत शनिवार को खूंटी के अधिवक्ता विशाल कुमार राय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान अपील वाद की पैरवी की और अपील लाभार्थी मुक्ता गुड़िया को जमानत दिलाई.

वाद की सुनवाई मोबाइल वीडियो एप्लीकेशन के जरिए संभव हो पाया. सुनवाई के दौरान जहां अपील लाभार्थी के अधिवक्ता अपने खूंटी स्थित आवासीय कार्यालय में थे, वहीं सरकारी अधिवक्ता अपने आवासीय कार्यालय और दोनों माननीय न्यायाधीश जस्टिस एचसी मिश्रा और जस्टिस आनंदा सेन अपने-अपने कार्यालय से वीडियो कॉलिंग के जरिए जुड़े.

ये भी पढ़ें- झारखंड में 33 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव, 2 की मौत, देश में 1,992 मरीज हुए स्वस्थ

सभी पक्षों को सुनने के पश्चात माननीय खंडपीठ ने अपीलार्थी की जमानत अर्जी को मंजूर की. गौरतलब है कि खूंटी व्यवहार न्यायालय ने मानव तस्करी के आरोप में मुक्ता गुड़िया को आईपीसी की धारा 370 और 366A के तहत 10 साल की सजा सुनाई थी. लोअर कोर्ट के फैसले के बाद मुक्ता गुड़िया ने झारखंड उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. यह जानकारी अधिवक्ता विशाल कुमार राय ने दी है.

खूंटी: कोरोना महामारी को देखते हुए झारखंड उच्च न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आवश्यक वादों का निपटारा हो रहा है. इसी व्यवस्था के तहत शनिवार को खूंटी के अधिवक्ता विशाल कुमार राय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान अपील वाद की पैरवी की और अपील लाभार्थी मुक्ता गुड़िया को जमानत दिलाई.

वाद की सुनवाई मोबाइल वीडियो एप्लीकेशन के जरिए संभव हो पाया. सुनवाई के दौरान जहां अपील लाभार्थी के अधिवक्ता अपने खूंटी स्थित आवासीय कार्यालय में थे, वहीं सरकारी अधिवक्ता अपने आवासीय कार्यालय और दोनों माननीय न्यायाधीश जस्टिस एचसी मिश्रा और जस्टिस आनंदा सेन अपने-अपने कार्यालय से वीडियो कॉलिंग के जरिए जुड़े.

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सभी पक्षों को सुनने के पश्चात माननीय खंडपीठ ने अपीलार्थी की जमानत अर्जी को मंजूर की. गौरतलब है कि खूंटी व्यवहार न्यायालय ने मानव तस्करी के आरोप में मुक्ता गुड़िया को आईपीसी की धारा 370 और 366A के तहत 10 साल की सजा सुनाई थी. लोअर कोर्ट के फैसले के बाद मुक्ता गुड़िया ने झारखंड उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. यह जानकारी अधिवक्ता विशाल कुमार राय ने दी है.

Last Updated : May 24, 2020, 8:57 PM IST
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