खूंटीः जिले के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से अवैध वसूली मामले पर जांच टीम ने एक सप्ताह बाद डीएसई को रिपोर्ट सौंप दी है. जांच टीम ने आदर्श विद्यालय के प्रिंसिपल को आरोपी बताया है. रिपोर्ट में शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने बताया है कि स्कूल के बच्चों से प्रिंसिपल ने नामांकन के नाम पर अवैध रूप से वसूली की थी. जांच रिपोर्ट में आरोपी प्रिंसिपल का भी पक्ष है, जिसमे उन्होंने आरोप को निराधार बताया है और अपनी सफाई में कुछ बच्चों के हस्ताक्षर वाली कॉपी भी सौंपी है और बताया है कि उसने किसी से रुपये नहीं लिए.
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गौरतलब है कि ईटीवी भारत पर 'शिक्षा के मंदिर में अवैध वसूली! सरकारी आदर्श विद्यालय में छात्रों को चाय पानी का देना पड़ता है खर्च' शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद शिक्षा विभाग की टीम आदर्श विद्यालय की जांच करने 23 जुलाई को पहुंची थी और जांच के दौरान बच्चों ने डीएसई को रुपये लेने की बात बताई थी. 24 जुलाई को फिर डीएसई ने जांच का आदेश निकाला और जांच के लिए टीम गठित की, जिसमें क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी (AEO) आशीष हेम्ब्रम और प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गंगा प्रसाद सिन्हा शामिल थे.
इधर प्रभारी डीएसई अतुल कुमार ने बताया कि बच्चों से पैसे लेने की पुष्टि के लिए जांच का आदेश दिया था. जांच के आदेश के बाद अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट दी है. अधिकारियों ने भी अपनी जांच में पाया कि सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल सुधांशु दत्ता गरीब बच्चों से 500-500 व 1000 रुपये नामांकन के नाम पर ले रहे हैं. जांच रिपार्ट के अनुसार शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
जांच प्रकरण पर सवालः इधर जांच पर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि जांच ऐसे पदाधिकारी को दिया गया जो 2020 में चाईबासा जिले से एसीबी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था और निलंबन मुक्त होते ही खूंटी का बीईओ बन गया और उसे ही शिक्षा विभाग ने जांच का आदेश दिया. हालांकि उसने जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग को दी है लेकिन अपनी जांच में स्कूल के प्रिंसिपल को आरोपी बताया है लेकिन कुछ मामलों में बचाने की कोशिश भी की है. इस मामले पर डीएसई ने कहा कि फिलहाल जिले में अभी वही प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी हैं, इसलिए मजबूरी है कि उन्हें जांच का जिम्मा दिया जाय. उन्होंने जांच रिपार्ट दे दी है और आगे की कार्रवाई के लिए डीसी से अनुशंसा की जाएगी.