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सरकार के सख्त आदेश के बाद भी खूंटी में नहीं रुक रहा अवैध खनन, सरकार को करोड़ों का हो रहा नुकसान

खूंटी में अवैध खनन लगातार जारी है. कई ऐसे इलाके भी हैं जहां कभी पहाड़ हुआ करते थे जो अब पूरी तरह से गायब हो चुके हैं. सरकार के सख्त आदेश के बाद भी कई इलाके ऐसे हैं जहां इसका कोई असर नहीं है और माफिया अपना काम आराम से कर रहे हैं.

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Published : Jun 2, 2022, 7:54 PM IST

Updated : Jun 3, 2022, 10:13 PM IST

Illegal mining is not stopping
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खूंटी: जिले में खनन माफिया सरकार को अब तक करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके हैं, लेकिन सिस्टम कुछ ऐसा है कि अवैध खनन को अब तक ना रोका जा सका है और ना ही राजस्व की वसूली हो पाती है. खूंटी के तोरपा, कर्रा और रनिया क्षेत्र अवैध बालू खनन को लेकर बदनाम हैं. जिले के हुटार इलाके में पत्थर के अवैध खनन की जानकारी भी विभाग को नहीं है.

पत्थर का अवैध खनन कितने बड़े पैमाने पर हो रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस इलाके को देखकर लगता ही नहीं की कभी यहां पहाड़ भी थे. हुटार इलाके के चलांगी क्षेत्र के जंगलों में मौजूद पहाड़ पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं. पहाड़ को डायनामाइट से बलास्ट कर पत्थर निकालने का सिलसिला जारी है. मामले पर वन विभाग का तर्क है कि कार्रवाई होती रहती है. जबकि खनन विभाग मामले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं.

देखें वीडियो

खनन विभाग के खनन पदाधिकारी से जब अवैध पत्थर खनन के बारे में बातचीत की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि जब कार्रवाई करते हैं तो बताना जरूरी नहीं. खनन विभाग के सूत्रों की मानें तो माफिया हुटार, मुंडा चलागी, मंदरुटोली, मुरही, हड़मनमा, केंदुआटोली, डुगडुगिया, पिपराटोली, हेसालोयोम, टूबरु और आसपास के गांव के जंगलों में अवैध खनन करते हैं. इसकी जानकारी खनन विभाग को भी है. ईटीवी भारत की टीम के हुटार इलाके पहुंचने के बाद विभाग अवैध खनन करने वालों की सूची बनाकर उनके खिलाफ एफआईआर करने की तैयारी में जुटा गया.

खूंटी: जिले में खनन माफिया सरकार को अब तक करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके हैं, लेकिन सिस्टम कुछ ऐसा है कि अवैध खनन को अब तक ना रोका जा सका है और ना ही राजस्व की वसूली हो पाती है. खूंटी के तोरपा, कर्रा और रनिया क्षेत्र अवैध बालू खनन को लेकर बदनाम हैं. जिले के हुटार इलाके में पत्थर के अवैध खनन की जानकारी भी विभाग को नहीं है.

पत्थर का अवैध खनन कितने बड़े पैमाने पर हो रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस इलाके को देखकर लगता ही नहीं की कभी यहां पहाड़ भी थे. हुटार इलाके के चलांगी क्षेत्र के जंगलों में मौजूद पहाड़ पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं. पहाड़ को डायनामाइट से बलास्ट कर पत्थर निकालने का सिलसिला जारी है. मामले पर वन विभाग का तर्क है कि कार्रवाई होती रहती है. जबकि खनन विभाग मामले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं.

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खनन विभाग के खनन पदाधिकारी से जब अवैध पत्थर खनन के बारे में बातचीत की कोशिश की गई तो उन्होंने साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि जब कार्रवाई करते हैं तो बताना जरूरी नहीं. खनन विभाग के सूत्रों की मानें तो माफिया हुटार, मुंडा चलागी, मंदरुटोली, मुरही, हड़मनमा, केंदुआटोली, डुगडुगिया, पिपराटोली, हेसालोयोम, टूबरु और आसपास के गांव के जंगलों में अवैध खनन करते हैं. इसकी जानकारी खनन विभाग को भी है. ईटीवी भारत की टीम के हुटार इलाके पहुंचने के बाद विभाग अवैध खनन करने वालों की सूची बनाकर उनके खिलाफ एफआईआर करने की तैयारी में जुटा गया.

Last Updated : Jun 3, 2022, 10:13 PM IST
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