खूंटी: जिल में दो आदिवासी युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आयी है. युवतियों को दो बाइक पर सवार 4 युवकों ने नेताजी चौक से पहले तो अगवा किया और फिर एक स्कूल में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.
घर का सामान खरीदने बाजार गई थी पीड़ित युवतियां
दोनों पीड़ितों के मुताबिक वे घर का सामान खरीदने बाजार पहुंची थी, जहां से अपराधियों ने चाकू का भय दिखाकर उनका अपहरण कर लिया, फिर एक गांव स्थित स्कूल में ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.
पीड़ित युवतियों को छोड़कर फरार हुए अपराधी
दुष्कर्म के बाद अपराधी देर रात करीब 2 बजे दोनों पीड़ितों को छोड़कर फरार हो गए. पीड़ित युवतियां किसी तरह वहां से गांव पहुंची और सड़क किनारे बैठी रही, स्थानीय महिलाओं के पूछने पर दोनों पीड़ितों ने आपबीती सुनाई, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस
इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस के मुताबिक पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने का काम करेगी, इसके साथ ही पीड़ित युवतियों की मेडिकल जांच के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जाएगी.
नाबालिग लड़की के साथ दूसरी बार रेप
खूंटी में गैंगरेप पीड़ितों में वो लड़की भी शामिल है. जिसके साथ अक्टूबर 2018 में पीएलएफआई के कुछ नक्सलियों ने हथियार के बल पर जंगल ले जाकर दुष्कर्म किया था. उस समय लड़की की उम्र 14 साल थी और वो मानसिक रूप से बीमार थी. जिस वजह से सीडब्लूयसी की निगरानी में पीड़िता का रांची के रिनपास में इलाज चल रहा था. पीड़िता के 2019 में ठीक होने के बाद केस दर्ज किया गया. उस वक्त के पीड़िता के बयान के मुताबिक 10 से 12 लोगों ने बंदूक की नोक पर उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था. इस घटना में अब तक मात्र एक आरोपी सुलेमान पूर्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जिसे गैंगरेप कांड का आरोपी बताया गया था.
पीड़िता को मिले मुआवजे का बंदरबांट
खबर के मुताबिक 2018 में रेप के बाद पीड़िता को प्रशासन ने रिहैबिलिटेशन के तहत एक लाख रुपए मुहैया कराई थी, लेकिन बाल संरक्षण आयोग के अधिकारियों ने उस रुपए का बंदरबांट कर लिया. इस खबर को ईटीवी भारत में 14 दिसंबर 2020 को प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद डीसी शशि रंजन ने जांच का आदेश दिया था. लेकिन जांच टीम को पीड़िता का कोई पता नहीं चलने के बाद जांच को बंद कर दिया गया था. 23 जून 2021 को उसी पीड़िता के साथ गैंगरेप की घटना घटी है जो महीनों से गायब थी. बता दें की बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विंदेश्वर बिंधिया और बाल संरक्षण संस्थागत पदाधिकारी शिवाजी प्रसाद पर रुपए की बंदरबांट का आरोप लगा था.
खूंटी में दुष्कर्म के कई वारदात
राजधानी रांची से सटे खूंटी में दुष्कर्म की कई वारदातें पहले भी हो चुकी हैं. पिछले एक साल की बात करें तो इस जिले में कई नाबालिग लड़कियों और युवतियों को अपराधियों ने अपना शिकार बनाया. आइए नजर डालते हैं पिछले एक साल में दुष्कर्म की वारदातों पर.
दिनांक | दुष्कर्म की वारदात |
5 मार्च 2020 | 15 साल की नाबालिग लड़की से तीन माह तक गैंगरेप |
20 मार्च 2020 | तीन लोगों ने 14 साल की नाबालिग लड़की के साथ किया दुष्कर्म |
11 अप्रैल 2020 | दो नाबालिग लड़कियों के साथ 10 दरिंदों ने किया दुष्कर्म |
23 जून 2021 | दो युवतियों को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म |
ये सभी वारदात ऐसे हैं जो ये बताने के लिए काफी है कि खूंटी में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं. वे आए दिन इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं और पुलिस जांच के नाम पर खानापूर्ति. जाहिर है ऐसे मामलों में जब तक आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें सजा नहीं दिलाई जाएगी. तब तक अपराधी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे.