खूंटीः नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद खूंटी में पीएलएफआई संगठन की आड़ में ब्लैक टाइगर ग्रुप की एक्टिविटी बढ़ गई है. कर्रा, जरियागड़ और तोरपा इलाके में पीएलएफआई के बैनर तले ब्लैक टाइगर व्यवसायियों से लेवी की मांग शुरू कर दी और लगातार क्षेत्र में पंपलेट छोड़ संगठन विस्तार में लगे थे. लेकिन पुलिस ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है.
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पीएलएफआई की उप शाखा ब्लैक टाइगर संगठन से जुड़े चार नक्सलियों को पुलिस ने हथियार और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सलियों में अजय धान, चंदन होरो, जतरु हेरेंज और मनी मुंडा शामिल है. इनके पास से पुलिस ने एक देसी कार्बाइन, .315 बोर की एक राइफल, 12 बोर का एक देसी बंदूक, 10 जिंदा कारतूस, 3 मोबाइल और पीएलएफआई का 10 पर्चा बरामद हुआ है.
तोरपा डीएसपी ओम प्रकाश तिवारी ने एसपी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की. जिसमें उन्होंने बताया कि पीएलएफआई के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और बड़ी संख्या में नक्सली गिरफ्तार किए जा रहे हैं. साथ ही हथियार और कारतूस भी बरामद किए जा रहे है. इसी बीच खूंटी एसपी अमन कुमार को सूचना मिली कि पीएलएफआई संगठन के बैनर तले ब्लैक टाइगर ग्रुप (पूर्व में आपराधिक संगठन) क्षेत्र के व्यवसायियों को पर्चा छोड़ रंगदारी की मांग कर रहा है और इलाके में संगठन विस्तार में लगा हुआ है. इस सूचना पर डीएसपी ओपी तिवारी के नेतृत्व में टीम का गठन कर कार्रवाई करते हुए चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया लेकिन ब्लैक टाइगर का मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त से दूर है.
डीएसपी ने बताया कि दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद से पूर्व के आपराधिक गिरोह जो पूर्व में पीएलएफआई के खौफ से बिखर गया था. लेकिन क्षेत्र में पीएलएफआई संगठन के बैनर तले ब्लैक टाइगर का उप शाखा बना कर क्षेत्र में एक गिरोह बनाने में जुटा था. क्षेत्र में हथियार लेकर व्यवसायियों से लेवी मांगना शुरू कर दिया था. कई व्यवसायियों को चंदा रसीद देकर रंगदारी मांगनी शुरू कर दी जिससे पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया.
इसको लेकर डीएसपी के नेतृत्व में गठित टीम ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, कर्रा थाना प्रभारी दीपक कुमार सिंह, संजीव कुमार और संदीप कुमार ने मनी मुंडा को गिरफ्तार किया. उसकी निशानदेही पर अजय धान, चंदन होरो, जतरु हेरेंज को हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया. बताया जा रहा है कि ये लोग पूर्व में पीएलएफआई से जुड़े थे लेकिन बाद में संगठन छोड़ चुके थे. आपराधिक संगठन ब्लैक टाइगर पीएलएफआई से पूर्व क्षेत्र में एक्टिव था लेकिन पीएलएफआई के इंट्री के बाद से ही संगठन बंद हो गया था.
डीएसपी ओपी तिवारी ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है और संगठन से जुड़े जितने नक्सली सदस्य बचे है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि पीएलएफआई के आड़ में ब्लैक टाइगर ग्रुप बनाने वाला मास्टरमाइंड को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. हालांकि पुलिस सूत्रों की माने तो ब्लैक टाइगर ग्रुप का संस्थापक रांची जिले के लापुंग के फतेहपुर इलाके के रहने वाला है और पूर्व में जेल से बाहर निकला है.
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