ETV Bharat / state

दाल भात खा रहीं छात्र-छात्राएं, 1.13 करोड़ की बिरयानी, चिकन, मटन और होर्लिक्स डकार गए अधिकारी और ठेकदार

खूंटी में जनजातीय आवासीय विद्यालय में वित्तीय अनियमितता सामने आई है. जिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित अनुसूचित जनजातीय स्कूल में एक करोड़ 13 लाख की बिरयानी, चिकन, मटन और होर्लिक्स अधिकारी और ठेकदार खा गए.

financial-irregularities-in-tribal-residential-school-in-khunti
खूंटी
author img

By

Published : May 9, 2022, 10:12 PM IST

Updated : May 9, 2022, 10:57 PM IST

खूंटीः जिला में पैसों की पूजा होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के जनजातीय आवासीय विद्यालय में वित्तीय अनियमितता सामने आई है. झारखंड की बड़ी आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल कभी खूंटी जिला की डीसी रही थीं. उसकी छाप शायद जिला में नजर आ रही है. लेकिन ये मामला उस वक्त नहीं है, ये मामला 2020-21 का है.

खूंटी में कल्याण विभाग द्वारा कुल पांच अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय का संचालन किया जाता है. जहां पढ़ने वाले सभी बच्चों का पूरा खर्च कल्याण विभाग द्वारा निर्वहन किया जाता है. लेकिन आवासीय विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों के नाम पर कल्याण विभाग ने सिर्फ घपला किया है. यहां बच्चों को खाने में दाल भात, आलू और सोयाबीन मिला. यही नहीं बच्चियों को रोजाना होर्लिक्स भी देना था लेकिन वो भी नहीं हुआ. इस पर स्कूल की प्रिंसिपल अनिता कुमारी कहती हैं कि महंगाई बढ़ गई है जिसके कारण नहीं हो पाता. लेकिन महीने में एकाध बार दे दिया जाता है. हालांकि इस मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

देखें पूरी खबर

जिला में एक करोड़ 13 लाख की बिरयानी, चावल, अंडा और दाल भात अफसर और ठेकेदार मिलकर खा गए. अनुसूचित जनजातीय स्कूल के बच्चों का निवाला जिसे बच्चों को को मिलना चाहिए उसे अफसर ही हजम कर गए और वो भी लॉकडाउन के दौरान. ये मामला खूंटी में संचालित जनजातीय आवासीय विद्यालय से जुड़ा है. जिला कल्याण विभाग ने जिला के आवासीय विद्यालयों में मार्च 2020 से मार्च 2022 तक खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने के एवज में आपूर्तिकर्ताओं को एक करोड़ 13 लाख रुपये का भुगतान किया. विभाग द्वारा यह भुगतान तब किया गया जब वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगा था.

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी का जवाब देते हुए जिला कल्याण विभाग ने आपूर्तिकर्ता को वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 30 लाख 83 हजार रुपये की भुगतान की गई है, जिसके विवरणी में यह बताया गया है कि वर्ष 2020 में मार्च के बाद समय-समय पर आंशिक रूप से विद्यालय खुला था, इसके एवज में यह भुगतान किया गया है. जबकि वर्ष 2020 में मार्च के बाद सभी विद्यालय पूर्ण रूप से बंद रखने का सरकारी आदेश था. इसी प्रकार से वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी मार्च 2022 तक में कुल 81 लाख 87 हजार रुपये का भुगतान दिखाया गया है.

खूंटीः जिला में पैसों की पूजा होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के जनजातीय आवासीय विद्यालय में वित्तीय अनियमितता सामने आई है. झारखंड की बड़ी आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल कभी खूंटी जिला की डीसी रही थीं. उसकी छाप शायद जिला में नजर आ रही है. लेकिन ये मामला उस वक्त नहीं है, ये मामला 2020-21 का है.

खूंटी में कल्याण विभाग द्वारा कुल पांच अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय का संचालन किया जाता है. जहां पढ़ने वाले सभी बच्चों का पूरा खर्च कल्याण विभाग द्वारा निर्वहन किया जाता है. लेकिन आवासीय विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों के नाम पर कल्याण विभाग ने सिर्फ घपला किया है. यहां बच्चों को खाने में दाल भात, आलू और सोयाबीन मिला. यही नहीं बच्चियों को रोजाना होर्लिक्स भी देना था लेकिन वो भी नहीं हुआ. इस पर स्कूल की प्रिंसिपल अनिता कुमारी कहती हैं कि महंगाई बढ़ गई है जिसके कारण नहीं हो पाता. लेकिन महीने में एकाध बार दे दिया जाता है. हालांकि इस मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

देखें पूरी खबर

जिला में एक करोड़ 13 लाख की बिरयानी, चावल, अंडा और दाल भात अफसर और ठेकेदार मिलकर खा गए. अनुसूचित जनजातीय स्कूल के बच्चों का निवाला जिसे बच्चों को को मिलना चाहिए उसे अफसर ही हजम कर गए और वो भी लॉकडाउन के दौरान. ये मामला खूंटी में संचालित जनजातीय आवासीय विद्यालय से जुड़ा है. जिला कल्याण विभाग ने जिला के आवासीय विद्यालयों में मार्च 2020 से मार्च 2022 तक खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने के एवज में आपूर्तिकर्ताओं को एक करोड़ 13 लाख रुपये का भुगतान किया. विभाग द्वारा यह भुगतान तब किया गया जब वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगा था.

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी का जवाब देते हुए जिला कल्याण विभाग ने आपूर्तिकर्ता को वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 30 लाख 83 हजार रुपये की भुगतान की गई है, जिसके विवरणी में यह बताया गया है कि वर्ष 2020 में मार्च के बाद समय-समय पर आंशिक रूप से विद्यालय खुला था, इसके एवज में यह भुगतान किया गया है. जबकि वर्ष 2020 में मार्च के बाद सभी विद्यालय पूर्ण रूप से बंद रखने का सरकारी आदेश था. इसी प्रकार से वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी मार्च 2022 तक में कुल 81 लाख 87 हजार रुपये का भुगतान दिखाया गया है.

Last Updated : May 9, 2022, 10:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.