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हाथी की मौत पर एफआईआरः बचाव के लिए बिजली विभाग ने ग्रामीणों से लिखवाया पत्र - झारखंड न्यूज अपडेट

खूंटी में हाथी की मौत को लेकर बिजली विभाग पर एफआईआर (FIR on Electricity department in Khunti) हुआ. जिसको लेकर बचाव के लिए विभाग ने रनिया थाना क्षेत्र के बनई पंचायत के कोयनारा गांव जाकर ग्रामीणों से एक पत्र लिखवाया है.

Electricity department in defense of FIR on death of elephant in Khunti
खूंटी
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Published : Nov 21, 2022, 9:45 AM IST

खूंटीः जिला में हाथी की मौत पर एफआईआर होने पर बचाव में बिजली विभाग ने नया हथकंडा अपनाया है. बिजली के तार से हाथी की मौत हुई तो विभाग ने इस बाबत ग्रामीणों ने एक पत्र लिखवाया है.

इसे भी पढ़ें- एक महीने के भीतर दो हाथियों की मौत, 11 हजार वोल्ट करंट की चपेट में आने से हुआ हादसा

क्या है मामलाः जिला में रनिया थाना क्षेत्र के बनई पंचायत कोयनारा गांव में 15 नवंबर को 11 हजार वोल्ट बिजली की तार की चपेट में आने से एक विशालकाय 55 वर्षीय नर हाथी की मौत (Elephant killed by electric wire in Khunti) हो गयी. जिसे लेकर वन विभाग ने खूंटी न्यायालय में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन करने के मामले में खूंटी कोर्ट में वन वाद दायर किया गया. खूंटी कोर्ट में कांड दर्ज होने के बाद बिजली विभाग के पदाधिकारियों ने कोयनारा गांव जाकर जहां हाथी की मौत हुई थी उस गांव का मुआयना कर ग्रामवासियों से एक लिखित आवेदन लिखा कर उनसे हस्ताक्षर करवाया. जिसमें ग्रामवासियों ने लिखा है कि हाथी की मौत से पहले 11 हजार का तार ऊपर था, 14 नवंबर की रात को हाथी के द्वारा बिजली के पोल को धक्का मारा गया था, जिससे पोल टेढ़ा हो गया और तार नीचे हो गया और इस तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई.

Electricity department in defense of FIR on death of elephant in Khunti
ग्रामीणों द्वारा लिखा पत्र


कुछ दिन पहले तार ऊपर करने को लेकर डीएफओ ने लिखा था पत्रः दूसरी ओर खूंटी वन प्रमंडल के डीएफओ कुलदीप मीणा ने तीन दिन पहले ही ईटीवी को बताया था कि वन विभाग के द्वारा बिजली विभाग को पत्राचार कर तोरपा व रनिया के जंगलों में जहां-जहां हाथियों का कॉरिडोर है, उन जगहों से हाई वोल्टेज तारो को दुरस्त करवाने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन विभाग की अनदेखी के कारण कोयनारा में हादसा हो गया. जिसके बाद वन विभाग ने न्यायालय में मामला को दर्ज कराया गया (FIR on death of elephant in Khunti) था.

क्या है कार्यपालक अभियंता की दलीलः वन विभाग ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट) 1972 की धारा 9, 50, 51, 57 और 58 के तहत कांड दर्ज कराया. इधर बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता जेम्स कुजूर ने बताया कि वन विभाग ने आरोप लगाया है इसकी जानकारी हमें नहीं है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जानकारी मिली है और मामले की जांच कराई जा रही है. जेम्स कुजूर ने बताया कि वन विभाग ने जो भी शिकायतें की थी उस पर कार्य कराया जा चुका है. हालांकि उन्होंने कहा कि तोरपा जेई संतोष कुमार गांव वालों से मिलने गया था इसकी जानकारी है लेकिन उसने गांव वालों से क्या लिखवाया इसकी जानकारी नहीं है, ऑफिस में रिपोर्ट देखकर बताएंगे. जबकि जेई का पक्ष लेने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

खूंटीः जिला में हाथी की मौत पर एफआईआर होने पर बचाव में बिजली विभाग ने नया हथकंडा अपनाया है. बिजली के तार से हाथी की मौत हुई तो विभाग ने इस बाबत ग्रामीणों ने एक पत्र लिखवाया है.

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क्या है मामलाः जिला में रनिया थाना क्षेत्र के बनई पंचायत कोयनारा गांव में 15 नवंबर को 11 हजार वोल्ट बिजली की तार की चपेट में आने से एक विशालकाय 55 वर्षीय नर हाथी की मौत (Elephant killed by electric wire in Khunti) हो गयी. जिसे लेकर वन विभाग ने खूंटी न्यायालय में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन करने के मामले में खूंटी कोर्ट में वन वाद दायर किया गया. खूंटी कोर्ट में कांड दर्ज होने के बाद बिजली विभाग के पदाधिकारियों ने कोयनारा गांव जाकर जहां हाथी की मौत हुई थी उस गांव का मुआयना कर ग्रामवासियों से एक लिखित आवेदन लिखा कर उनसे हस्ताक्षर करवाया. जिसमें ग्रामवासियों ने लिखा है कि हाथी की मौत से पहले 11 हजार का तार ऊपर था, 14 नवंबर की रात को हाथी के द्वारा बिजली के पोल को धक्का मारा गया था, जिससे पोल टेढ़ा हो गया और तार नीचे हो गया और इस तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई.

Electricity department in defense of FIR on death of elephant in Khunti
ग्रामीणों द्वारा लिखा पत्र


कुछ दिन पहले तार ऊपर करने को लेकर डीएफओ ने लिखा था पत्रः दूसरी ओर खूंटी वन प्रमंडल के डीएफओ कुलदीप मीणा ने तीन दिन पहले ही ईटीवी को बताया था कि वन विभाग के द्वारा बिजली विभाग को पत्राचार कर तोरपा व रनिया के जंगलों में जहां-जहां हाथियों का कॉरिडोर है, उन जगहों से हाई वोल्टेज तारो को दुरस्त करवाने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन विभाग की अनदेखी के कारण कोयनारा में हादसा हो गया. जिसके बाद वन विभाग ने न्यायालय में मामला को दर्ज कराया गया (FIR on death of elephant in Khunti) था.

क्या है कार्यपालक अभियंता की दलीलः वन विभाग ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट) 1972 की धारा 9, 50, 51, 57 और 58 के तहत कांड दर्ज कराया. इधर बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता जेम्स कुजूर ने बताया कि वन विभाग ने आरोप लगाया है इसकी जानकारी हमें नहीं है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जानकारी मिली है और मामले की जांच कराई जा रही है. जेम्स कुजूर ने बताया कि वन विभाग ने जो भी शिकायतें की थी उस पर कार्य कराया जा चुका है. हालांकि उन्होंने कहा कि तोरपा जेई संतोष कुमार गांव वालों से मिलने गया था इसकी जानकारी है लेकिन उसने गांव वालों से क्या लिखवाया इसकी जानकारी नहीं है, ऑफिस में रिपोर्ट देखकर बताएंगे. जबकि जेई का पक्ष लेने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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