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खूंटी के ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट, चुंआ से पानी लाने को मजबूर लोग

खूंटी के ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी का संकट गहरा गया है. खासकर बीरता गांव के लोगों को आधे किलाेमीटर से पीने के पानी लाना पड़ता है. इससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसके बावजूद जिला प्रशासन पीने के पानी की व्यवस्था करने में नाकाम है.

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Published : Jun 19, 2022, 7:32 PM IST

rural areas of khunti
खूंटी के ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट

खूंटीः देश आजादी के 75 साल होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन खूंटी के गांव में रहने वाले लोग आज भी पीने के पानी को लेकर भटकना रहे हैं. गांव में एक कुआं है, जो धंस चुका है. गांव के लोगों ने चंदा वसूल कर कुआं की मरम्मति करायी लेकिन वह दोबारा धंस गया. अब स्थिति यह है कि यहां के लोग चुंआ से पानी लाने को मजबूर हैं.

यह भी पढ़ेंःखूंटी में नहीं दूर हो रही पेयजल की समस्या, विशाल जलमीनार भी नहीं बुझा पा रहा लोगों की प्यास

तोरपा प्रखंड में बीरता गांव है. इस गांव की महिलाएं सुबह से पानी के लिए परेशान हो जाती हैं. खाना बनाने से लेकर कपड़े धोने, नहाने हर चीज के लिए पानी की जरूरत होती है. इस स्थिति में गांव के महिलायें और पुरुष पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं. मजबूरन ग्रामीणों को करीब आधे किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है.

क्या कहती हैं महिलायें

गांव में एक खराब चापाकल है, जो वर्षों से खराब है. ग्रामीणों ने बताया कि बोरिंग लगा कर गांव वालों के लिए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिये. उन्होंने कहा कि गांव के लोगों ने दर्जनों बार पेयजल विभाग से शिकायत की. लेकिन आजतक कोई समाधान नही निकाला गया. ग्रामीणों ने बताया कि नई चापाकल के साथ साथ नल जल योजना स्वीकृत है. लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से योजना पूरा नहीं किया जा रहा है. तोरपा प्रखंड के पेयजल विभाग के एसडीओ सुनील खलखो ने कहा कि नल जल योजना कर शीघ्र काम शुरू हो जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कनीय अभियंता रावेल होरो ने कहा कि गांव में पानी की समस्या है. स्थायी निदान को लेकर कदम उठाया जा रहा है.

खूंटीः देश आजादी के 75 साल होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन खूंटी के गांव में रहने वाले लोग आज भी पीने के पानी को लेकर भटकना रहे हैं. गांव में एक कुआं है, जो धंस चुका है. गांव के लोगों ने चंदा वसूल कर कुआं की मरम्मति करायी लेकिन वह दोबारा धंस गया. अब स्थिति यह है कि यहां के लोग चुंआ से पानी लाने को मजबूर हैं.

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तोरपा प्रखंड में बीरता गांव है. इस गांव की महिलाएं सुबह से पानी के लिए परेशान हो जाती हैं. खाना बनाने से लेकर कपड़े धोने, नहाने हर चीज के लिए पानी की जरूरत होती है. इस स्थिति में गांव के महिलायें और पुरुष पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं. मजबूरन ग्रामीणों को करीब आधे किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है.

क्या कहती हैं महिलायें

गांव में एक खराब चापाकल है, जो वर्षों से खराब है. ग्रामीणों ने बताया कि बोरिंग लगा कर गांव वालों के लिए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिये. उन्होंने कहा कि गांव के लोगों ने दर्जनों बार पेयजल विभाग से शिकायत की. लेकिन आजतक कोई समाधान नही निकाला गया. ग्रामीणों ने बताया कि नई चापाकल के साथ साथ नल जल योजना स्वीकृत है. लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से योजना पूरा नहीं किया जा रहा है. तोरपा प्रखंड के पेयजल विभाग के एसडीओ सुनील खलखो ने कहा कि नल जल योजना कर शीघ्र काम शुरू हो जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कनीय अभियंता रावेल होरो ने कहा कि गांव में पानी की समस्या है. स्थायी निदान को लेकर कदम उठाया जा रहा है.

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