खूंटीः समाजसेवी सह पूर्व झाविमो जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने मनरेगा घोटाला उजागर किया, जिसमें निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल जेल में है. अब समाजसेवी मिश्रा ने जिले में पदाधिकारियों की कमी का मुद्दा उठाया है. उन्होंने मुख्य सचिव के साथ साथ कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर पदाधिकारियों की कमी को दूर करने की मांग की है.
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दिलीप मिश्रा ने कहा कि जिला में कई अधिकारी हैं, जिन्हें दो-तीन विभागों के प्रभार में है. वहीं, कुछ ऐसे भी पदाधिकारी हैं, जो खूंटी और सिमडेगा दोनों जिलों के प्रभार संभालना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पदाधिकारी सिर्फ कार्यालयों का दौरा कर रहे हैं. इससे जनता का काम नहीं हो रहा है. जनहित की योजनायें फाइलों में दबी है. इससे जिले के आमलोग परेशान हैं.
झाविमो के पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि खूंटी भगवान बिरसा मुंडा की धरती है. इस धरती पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित विकास योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वयन करना है. लेकिन एक-एक पदाधिकारी तीन-चार विभागों की जिम्मेवारी संभालेंगे तो कैसे योजनाओं का क्रियान्वयन होगा. उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि ग्रामीण इलाकों के लोग किसी काम से अंचल या जिला कार्यालय पहुंचते हैं तो पदाधिकारी रहते ही नहीं है. लोग प्रखंड कार्यालय से अंचाल कार्यालय और फिर जिला कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंगलवार को आम ग्रामीणों से मिलने का समय प्रखंड स्तर पर निर्धारित किया गया है. लेकिन मंगलवार को भी अंचल और प्रखंड में बीडीओ-सीओ से मुलाकात नहीं होती है. दिलीप मिश्रा ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि अनुमंडल पदाधिकारी, डीआरडीए निदेशक, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, अंचल पदाधिकारी अड़की, अंचल पदाधिकारी रनियां सहित कई विभागों के पदाधिकारी दो-तीन विभागों के प्रभारी पदाधिकारी बनाये गए हैं. इस स्थिति में ग्रामीण और पदाधिकारी दोनों परेशान हैं.